December 25, 2024

PM ने लालकिले में फहराया तिरंगा, कहा- एक परिवार के लिए शहीदों को भुलाने का हुआ प्रयास

modi s strike

नई दिल्ली,21 अक्टूबर(इ खबर टुडे)। आजाद हिंद सरकार की स्थापना की 75वीं वर्षगांठ पर इसका स्मरणोत्सव मनाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लालकिले में तिरंगा फहराया। साथ ही इस दौरान प्रधानमंत्री लाल किले में इससे संबंधित शिलापट लगाया। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने सुभाष चंद्र बोस के भतीजे चंद्र बोस को भी सम्मानित किया। इसके साथ ही साल में दूसरी बार लालकिले पर तिरंगा फहराने वाले पहले प्रधानमंत्री बन गए हैं।ध्वजारोहण के बाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने इशारों में विपक्षी दलों पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि आज मैं निश्चित तौर पर कह सकता हूं कि स्वतंत्र भारत के बाद के दशकों में अगर देश को सुभाष बाबू, सरदार पटेल जैसे व्यक्तित्वों का मार्गदर्शन मिला होता, भारत को देखने के लिए वो विदेशी चश्मा नहीं होता, तो स्थितियां बहुत भिन्न होती। ये भी दुखद है कि एक परिवार को बड़ा बताने के लिए, देश के अनेक सपूतों, वो चाहें सरदार पटेल हों, बाबा साहेब आंबेडकर हों, उन्हीं की तरह ही, नेताजी के योगदान को भी भुलाने का प्रयास किया गया।

प्रधानमंत्री ने बोस के विजन को याद करते हुए कहा कि नेताजी का एक ही उद्देश्य था, एक ही मिशन था भारत की आजादी। यही उनकी विचारधारा थी और यही उनका कर्मक्षेत्र था। भारत अनेक कदम आगे बढ़ा है, लेकिन अभी नई ऊंचाइयों पर पहुंचना बाकी है। इसी लक्ष्य को पाने के लिए आज भारत के 130 करोड़ लोग नए भारत के संकल्प के साथ आगे बढ़ रहे हैं। एक ऐसा नया भारत, जिसकी कल्पना सुभाष बाबू ने भी की थी।

पीएम आगे बोले कि, कैम्ब्रिज के अपने दिनों को याद करते हुए सुभाष बाबू ने लिखा था कि – “हम भारतीयों को ये सिखाया जाता है कि यूरोप, ग्रेट ब्रिटेन का ही बड़ा स्वरूप है। इसलिए हमारी आदत यूरोप को इंग्लैंड के चश्मे से देखने की हो गई है। देश का संतुलित विकास, समाज के प्रत्येक स्तर पर, प्रत्येक व्यक्ति को राष्ट्र निर्माण का अवसर, राष्ट्र की प्रगति में उसकी भूमिका, नेताजी के वृहद विजन का हिस्सा थी।

पीएम ने अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि, आजादी के लिए जो समर्पित हुए वो उनका सौभाग्य था, हम जैसे लोग जिन्हें ये अवसर नहीं मिला, हमारे पास देश के लिए जीने का, विकास के लिए समर्पित होने का मौका है। आज मैं कह सकता हूं कि भारत अब एक ऐसी सेना के निर्माण की तरफ बढ़ रहा है, जिसका सपना नेताजी ने देखा था। जोश, जुनून औरजज्बा तो हमारी सैन्य परंपरा का हिस्सा रहा ही है, अब तकनीक और आधुनिक हथियारों की शक्ति भी जुड़ रही है। हमारी सैन्य ताकत हमेशा से आत्मरक्षा के लिए रही है और आगे भी रहेगी। हमें कभी किसी दूसरे की भूमि का लालच नहीं रहा, लेकिन भारत की संप्रभुता के लिए जो भी चुनौती बनेगा, उसको दोगुनी ताकत से जवाब मिलेगा।

इस महत्वपूर्ण ऐतिहासिक समारोह में केंद्रीय संस्कृति राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. महेश शर्मा, नेताजी सुभाष चंद्र के भतीजे चंद्र कुमार बोस, आईएनए (इंडियन नेशनल आर्मी) के वयोवृद्ध ब्रिगेडियर लल्ती राम आदि शामिल हुए। ब्रिगेडियर लल्ती राम ने प्रधानमंत्री को आजाद हिंद सरकार की टोपी पहनाकर उनका सम्मान किया।

गौरतलब है कि 21 अक्टूबर 1943 को नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने सिंगापुर में प्रांतीय आजाद हिंद सरकार की स्थापना की थी। उस समय 11 देशों की सरकारों ने आजाद हिंद सरकार को मान्यता दी थी। उस सरकार ने कई देशों में अपने दूतावास भी खोले थे।

इसके अलावा आजाद हिंद फौज ने बर्मा (अब म्यांमार) की सीमा पर अंग्रेजों के खिलाफ जोरदार लड़ाई लड़ी थी। केंद्र की भाजपा सरकार नेताजी द्वारा स्थापित आजाद हिंद सरकार की 75वीं वर्षगांठ मना रही है। इसी उपलक्ष्य में लाल किले में रविवार को होने वाले कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल हो रहे हैं।

चार संग्रहालयों का हो रहा निर्माण
लाल किले में अंग्रेजों के समय बनाई गईं बी-एक से लेकर चार तक में चार संग्रहालय तैयार किए जा रहे हैं। केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय इन्हें संग्रहालय के हब के तौर पर विकसित करा रहा है। चार नए संग्रहालयों में से पहले संग्रहालय में मूल अभिलेखीय सामग्री और 1857 क्रांति से संबंधित प्रतिकृतियां होंगी। इसमें ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के खिलाफ भारतीय विद्रोह को दर्शाती हुई लगभग एक शताब्दी पुरानी 70 असली पेंटिंग्स रखी जाएंगी।

एएसआई के मुताबिक दूसरा संग्रहालय सुभाष चंद्र बोस और भारतीय सेना से जुड़ा है। इसमें खासकर सुभाष चंद्र बोस के जीवन से जुड़े विभिन्न दस्तावेजों को रखा जा रहा है। जबकि, तीसरा संग्रहालय जालियांवाला बाग में हुए नरसंहार और द्वितीय विश्व युद्ध में भारत की भागीदारी पर अभिलेखीय सामग्री को प्रदर्शित करेगा।

चौथे संग्रहालय में भारतीय युद्ध स्मारक संग्रहालय और पुरातत्व संग्रहालय की कलाकृतियों को रखा जाएगा। रविवार को प्रधानमंत्री द्वारा इन संग्रहालयों का उद्घाटन भी किया जाना था लेकिन, सूत्रों का कहना है कि तैयारी पूरी नहीं होने के चलते इसे फिलहाल टाल दिया गया है।

You may have missed

Here can be your custom HTML or Shortcode

This will close in 20 seconds