November 22, 2024

PM मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन ने पहली बार की बात, कई अहम मुद्दों पर हुई चर्चा

 दिल्ली ,09 फरवरी (इ खबर टुडे )। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को पहली बार अमेरिका को नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ फोन पर लंबी बात की। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्विट कर इस बात की जानकारी दी। प्रधानमंत्री मोदी और बाइडेन के बीच क्षेत्रीय मुद्दों के अलावा इंडो-पैसफिक तक के अहम विषयों पर चर्चा हुई। प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर बताया कि “अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से बात की और उनकी सफलता के लिए मेरी शुभकामनाएं व्यक्त कीं। हमने क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा की और जलवायु परिवर्तन के खिलाफ अपने सहयोग को आगे बढ़ाने पर भी सहमत हुए।

मजबूत होगी रणनीतिक साझेदारी

प्रधानमंत्री मोदी ने एक अन्य ट्वीट में लिखा कि “राष्ट्रपति जो बाइडेन और मैं एक नियम-आधारित अंतर्राष्ट्रीय आदेश के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम इंडो-पैसफिक क्षेत्र और उससे आगे की शांति और सुरक्षा के लिए अपनी रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने के लिए तत्पर हैं.”

चीन से सीमा विवाद के बीच खास है यह बात

गौरतलब है कि चीन के साथ चल रहे सीमा विवाद के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के बीच हुई चर्चा बेहद खास है। अमेरिका कई बार चीन की विस्तारवादी नीतियों पर चिंता जाहिर कर चुका है। जो बाइडेन के बीच चर्चा से पहले प्रधानमंत्री मोदी उन्हें जीत पर बधाई का संदेश भी भेज चुके हैं। तब पीएम मोदी ने अपने संदेश में कहा था कि भारत और अमेरिका साझा चुनौतियों का सामना करने के लिए साथ खड़े हैं।

भारत और अमेरिका के बीच संबंध साझेदारी और साझा मूल्‍यों पर आधारित हैं। मैं बाइडन के साथ काम करने और भारत और अमेरिका की साझेदारी को नए मुकाम तक पहुंचाने के लिए संकल्पित हूं। प्रधानमंत्री मोदी और जो बाइडेन के बीच चर्चा ऐसे समय में हुई है, जब भारत और अमेरिका की सेनाएं राजस्थान में युद्धाभ्यास कर रही हैं। ऐसे में जब बाइडन प्रशासन साफ कह चुका है कि चीन को लेकर ट्रंप के कार्यकाल की नीतियों में बदलाव नहीं आएगा।

इस बातचीत के खास मतलब निकाले जा सकते हैं। गौरतलब है कि डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में भारत और अमेरिका के संबंधों में काफी सुधार हुआ। कुछ विशेषज्ञों का मानना था कि बाइडन प्रशासन के दौरान भारत को संभवत: उतना महत्व नहीं मिलेगा, लेकिन मोदी और बाइडन की आज की बातचीत से स्पष्ट है कि व्यवस्था बदलने से भारत-अमेरिका संबंधों पर कोई नहीं पड़ने वाला है।

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