November 14, 2024

PM मोदी के फैसले का दिखा असर, एक महीने में 564 नक्सलियों ने किया सरेंडर

नई दिल्ली /ओडिशा29 नवम्बर (इ खबर टुडे )। नोटबंदी का ऐलान होने के बाद एक ओर जहां लोग बैंकों और एटीएम के बाहर लाइन पर खड़े हैं और कुछ लोग सरकार के इस फैसले का विरोध भी कर रहे हैं, इस सब के बीच एक अच्छी खबर आई है। नोटबंदी का ऐलान होने के बाद से अब तक 469 नक्सलियों ने सरेंडर किया है। इनमें से 70 फीसदी सरेंडर ओडिशा के मलकानगिरी में हुए हैं।

एक महीने में सबसे ज्यादा सरेंडर
पूरे महीने के आंकड़े देखें तो कुल मिलाकर 564 नक्सलियों और उनके मददगारों ने सरेंडर किया है। आठ नवंबर को 500 और 1000 रुपये के नोटों पर पाबंदी की घोषणा के बाद से अब तक 469 नक्सली सरेंडर कर चुके हैं। यह आंकड़ा किसी भी एक महीने में हुए कुल सरेंडर का सबसे ज्यादा है।
गांव के लोग भी कर रहे हैं विरोध
बीते 28 दिनों में इतने ज्यादा सरेंडर के पीछे नोटबंदी के साथ ही कई और कारण भी हैं। सरेंडर करने वाले ज्यादातर नक्सलियों ने कहा कि उन्हें यह विचारधारा सही नहीं लगती। दूसरा कारण यह भी है कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में लगातार विकास होने की वजह से गांव के लोग भी नक्सलियों का विरोध करने लगे हैं। इस वजह से नक्सलियों को स्थानीय लोगों का समर्थन भी नहीं मिल पा रहा।
नोटबंदी के बाद नक्सलियों की मुश्किल बढ़ी
आठ नवंबर के बाद से नक्सलियों के सरेंडर में हुए इजाफे पर पहले ही गृहमंत्री ने कहा था कि नोटबंदी लागू होने के बाद नक्सलियों का जीना मुश्किल हो रहा है। क्योंकि उनके पास खर्च करने के लिए नए नोट ही उपलब्ध नहीं हैं। यह भी खबर आई थी की कि नक्सली नोट बदलने के लिए गांव के लोगों का इस्तेमाल कर रहे थे।
गांव में पैसों से भरा बैग छोड़कर चले गए थे नक्सली
नक्सलियों के सरेंडर के पीछे धूमिल होती विचारधारा के साथ ही बड़ी संख्या में जमा वह पैसा भी है जो अब बेकार होने जा रहा है। हाल ही में पुलिस ने कोंडागोन जिले से करीब 42 लाख रुपये के 500 और 1000 रुपये के नोट बरामद किए थे। नक्सली एक गांव में घुसे थे और गांववालों को धमकाकर नोट बदलवाने के लिए बैंक भेजने की कोशिश कर रहे ते। लेकिन जब उन्होंने मना कर दिया तो वे पैसों से भरा बैग वहीं छोड़कर चले गए।

नक्सलियों को करीब 1000 करोड़ का नुकसान!
यह महज एक केस है। अंदाजा लगाया जा रहा है कि नोटबंदी की वजह से नक्सलियों को करीब 1000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। इसमें से ज्यादा नुकसान बस्तर क्षेत्र में हुआ है। अंदाजा लगाया जा रहा है कि यहां करीब 400 से 600 करोड़ रुपये का नुकसान नक्सलियों को हुआ है।

You may have missed

This will close in 0 seconds