इंदौर

इंदौर में BRTS हटाए जाने से लोगों को मिलेगी राहत, 12 साल पहले बने रैपिड ट्रांजिट सिस्टम कॉरिडोर को हटाने का काम जल्द होगा शुरू

Indore news: एपी के इंदौर में बना बीआरटीएस कॉरिडोर हटाया जाएगा, हाईकोर्ट ने दिया आदेश
मध्यप्रदेश के इंदौर में 12 साल पहले बना बस रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (BRTS) कॉरिडोर को जल्द ही हट जाएगा। बीआरटीएस कॉरिडोर बनने के सामय इंदौर शहर में ट्रैफिक कम था, लेकिन अब जैसे ही ट्रैफिक बढ़ा तो शहर में जाम की स्थिति बने लगी।

लोगों बीआरटीएस कॉरिडोर को हटाने की मांग की जा रही थी, लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हो पा रही थी। इससे परेशान होकर लोगों ने मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। जहां पर हाईकोर्ट ने बीआरटीएस कॉरिडोर को हटाने से संबंधित सरकार से जवाब मांगा था।

इससे पहले ही मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कह दिया था कि बीआरटीएस कॉरिडोर को हटाया जाएगा, लेकिन अब मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने फैसला दिया कि जनता के हित में इसको जल्द से जल्द हटाया जाए। चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस विवेक जैन की डिवीजन बेंच ने जनहित याचिका पर सुनवाई की।

इसमें याचिकाकर्ता एनएम कुरैशी के वकील अजिंक्य दगांवकर ने बताया कि बीआरटीएस कॉरिडोर का स्ट्रक्चर वाहनों की संख्या में वृद्धि के बाद यातायात की आवाजाही में बाधा पैदा कर रहा हैं। उन्होंने कहा कि जनहित याचिका इंदौर निवासी के डी कोडवानी और एन एम कुरैशी ने दायर की है.

उन्होंने कहा कि बीआरटीएस मार्ग को इंदौर में राजीव गांधी चौराहे से देवास नाका के बीच लगभग 11 किलोमीटर के क्षेत्र में विकसित किया गया था। सितंबर 2024 में हाईकोर्ट ने बीआरटीएस मार्ग की उपयोगिता का पता लगाने के लिए एक कमेटी गठित करने का आदेश दिया था।

जहां पर कमेटी की तरफ से रिपोर्ट तैयार की गई थी। हाईकोर्ट में अधिवक्ता ने कहा था कि बीआरटीएस कॉरिडोर के आधार को चुनौती दी गई। इसमें व्यवहार्यता, वाहनों के लिए पार्किंग स्थल की कमी और वाहनों को चलाने के लिए परिवहन विभाग से स्थायी मंजूरी का अभाव शामिल था। आपको बता दे कि इंदौर बीआरटीएस को वर्ष 2013 में शुरू किया गया था।

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