Patwari Memorandum : किसानो को चक्कर लगवाने वाले पटवारी खुद चक्कर लगाने को मजबूर,समस्याओ के हल के लिए कलेक्टर को दिया ज्ञापन
रतलाम ,31 दिसंबर(इ खबर टुडे)। विभिन्न समाचार पत्रों में कृषकों को पटवारी से अपनी समस्या के निराकरण हेतु चक्कर लगवाने के समाचार आम तौर पर मिलते रहते हैं लेकिन पटवारियों को अपनी समस्याओं एवं मांगो हेतु विभिन्न अधिकारियों विभागों के चक्कर लगाकर ज्ञापन देने के समाचार शायद ही पढने को मिलते हों। इसी हेतु आज प्रांतीय पटवारी संघ रतलाम के पटवारीयो ने सोमवार को कलेक्टर भू-अभिलेख, एस.डी.एम. रतलाम शहर एवं जिला कोषालय अधिकारी को ज्ञापन देकर अपनी समस्याओं के निराकरण की मांग की ।
कलेक्टर भू-अभिलेख को 15 सूत्रीय मांगो से अवगत कराया गया जिसमें भूमि रिपोर्ट फॉर्म सी की अनिवार्यता समाप्त किये जाने, वेब जीआईएस एवं सारा का प्रशिक्षण प्रदान किये जाने, एग्रीस्टेक के भत्तों का बजट की उपलब्धता, जिले की विभिन्न तहसीलों मे पदस्थ पटवारियों के समयमान वेतनमान स्वीकृत होने के पश्चात भी भुगतान नहीं होने, पूर्व में शासन द्वारा बढाये गये डी.ए. के एरियर्स का भुगतान, अतिरिक्त हलकों के मानदेय का भुगतान, स्वामित्व एवं अन्य योजनाओं के मानदेय न होने, लेपटॉप एवं मोबाईल की राशि जो कि 2 वर्ष पूर्व भुगतान का बिल प्रस्तुत करने पर भी प्रदान नहीं की जा रही है। कई तहसीलों में पटवारियों को वेतन समय से न मिलने एवं कई पटवारियों के वेतन निर्धारण एवं वेतन प्राप्त न होने की समस्या के निराकरण, पटवारियों को मिलने वाली खसरा एवं बी-1 जो कि 2-3 वर्षो से प्राप्त नहीं हुई है उसकी भी अपडेटेड प्रति प्रदाय किये जाने की मांग, भूमि में डाटा परिमार्जन की प्रक्रिया में शामिलाती खाते की भूमि का हिस्सा बिना खातेदार की सहमति के खोलने को कहा जा रहा है। जिसमें कि भविष्य में विवाद होने की आशंका रहने से मार्गदर्शन की मांग की गयी।
जबकि , एस.डी.एम. रतलाम शहर के समक्ष शासन द्वारा हड़ताल अवधि का वेतन प्रदान करने का आदेश शासन द्वारा माह नवंबर में ही किया जाने के उपरांत भी अभी तक नहीं किया जा रहा है, अतिरिक्त हल्के का मानदेय, स्वामित्व योजना का मानदेय, न्ययालयीन आदेश समय पर उपलब्ध न होने, सिविल न्यायालय एवं हाई कोर्ट में शासन के लंबित प्रकरणों में बिना किसी भत्ते व लिखित आदेश के न भेजे जाने की मांग की गयी।
जिला कोषालय अधिकारी से मांग की गयी कि तहसील में बिल या मानदेय का भुगतान प्राप्त न होने के बारे में पूछताछ करने पर कोषालय द्वारा आपत्ति होना बताया जाकर कोषालय में संपर्क करने की सलाह दी जाती है जिसमें कोषालय अधिकारी द्वारा बिलों में त्रुटि होने या आदेश संलग्न होने की जानकारी दी गयी इस संबंघ में कोषालय अधिकारी से तहसीलों के संबंधित कर्मचारियों को प्रशिक्षण प्रदान करने की मांग की गयी जिसमें कोषालय अधिकारी द्वारा अपनी सहमति प्रदान की गयी।
जिलाध्यक्ष लक्ष्मीनारायण पाटीदार ने बताया कि शासन द्वारा समय समय पर अभियानों एवं अन्य कार्यों के चलते पटवारी अपनी समस्याओं का निराकरण ही नही करवा पाते हैं जो कि 2 -3 वर्षों से लंबित पड़ी हुई हैं। इस हेतु पटवारियों को ज्ञापन देने पडें। इन लंबित मांगो का निराकरण न होने की दशा में मजबूरन चरणबद्ध आंदोलन किया जायेगा। जिसकी समस्त जिम्मेदारी शासन –प्रशासन की रहेगी। इन ज्ञापनों में जिले के सभी तहसील के अध्यक्षो सहित बड़ी संख्या में पटवारी शामिल हुए।