January 5, 2025

Corruption Case : मकान के पट्टे के नामातंरण के लिए रिश्वत लेते रंगे हाथो पकड़ी गई पंचायत सचिव शानु पुरोहित को 04 वर्ष के सश्रम कारावास और अर्थदंड की सजा;मात्र डेढ़ वर्ष में न्यायालय ने किया मामले का निराकरण

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रतलाम,31 दिसम्बर (इ खबरटुडे)। जिले की पिपलौदा तहसील की ग्र्राम पंचायत मचून की पंचायत सचिव शानू पुरोहित को मकान के पïट्टे का नामांतरण करने के लिए रिश्वतखोरी करने के एक मामले में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के विशेष न्यायाधीश दोषसिद्ध पाते हुए चार वर्ष के सश्रम कारावास और दो हजार रुपए के अर्थदण्ड से दण्डित किया है। भ्रष्टाचार के इस चर्चित मामले में न्यायालय ने त्वरित गति से प्रकरण का विचारण करते हुए मात्र डेढ वर्ष के भीतर प्रकरण का निराकरण कर दिया।

जिला अभियोजन अधिकारी जिला रतलाम श्री गोविन्द प्रसाद घाटिया ने बताया कि दिनांक 08.02.2019 को गोपाल पिता नंदराम पाटीदार निवासी ग्राम मचुन ने लोकायुक्त कार्यालय उज्जैन में उपस्थिति होकर एक लिखित शिकायत आवेदन पत्र इस आशय का प्रस्तुत किया था कि मैनें मांगीलाल पाटीदार से दो लाख पचास हजार रूपए में मकान खरीदा था। उक्त मकान के पट्टे का नामातंरण करने के लिए मैनें ग्राम पंचायत मचुन में आवेदन दिया था। किन्तु ग्राम पंचायत मचुन की सचिव शानु पुरोहित मुझसे उक्त जमीन के पट्टे का नामातंरण करने के ऐवज में 10 हजार रूपये रिश्वत की मांग की थी, तो मैनें 9,000/- रूपए सचिव शानु पुरोहित को दिये और एक हजार रूपए बाकी थे।

आवेदक गोपाल पाटीदार द्वारा दिए गए आवेदन पर उप पुलिस अधीक्षक अंतिम पंवार, विपुस्था लोकायुक्त कार्यालय उज्जैन ने रिश्वत की मांग की जाने की पुष्टि की जाने के लिए आवेदक को रिश्वत संबंधी वार्तालाप को गोपनीय रूप से रिकॉर्ड करने के लिए शासकीय डिजिटल वाईस रिकॉर्डर दिया तथा आरोपिया शानु पुरोहित और आवेदक गोपाल पाटीदार के मध्य हुई रिश्वत संबंधी बातचीत की रिकॉर्डिंग कराई गई। रिश्वत संबंधी बातचीत के दौरान आरोपिया शानु पुरोहित ने कहा कि मकान के पट्टे के नामातंरण के कागजात तैयार कर दिए है, तुम एक हजार रूपए लेकर 2-3 दिन में आ जाना और मकान के पट्टे का नामातंरण ले जाना।

तत्पश्चात रिश्वत की मांग प्रमाणित पाए जाने पर, विधिवत ट्रैप कार्यवाही दिनांक 14.02.2019 को ग्राम पंचायत मचुन जिला रतलाम से आरोपिया शानु पुरोहित को आवेदक गोपाल पाटीदार से 1000/- रूपए रिश्वत लेते हुऐ लोकायुक्त के निरीक्षक अंतिम पंवार के द्वारा ट्रेप किया गया। आवेदक गोपाल पाटीदार ने निरीक्षक अंतिम पंवार को बताया कि उसने रिश्वत के रूपये आरोपिया शानु पुरोहित, तत्कालीन सचिव, ग्राम पंचायत मचुन के मांगने पर उसके हाथ में दिये है, जो उसने अपने लेडिस पर्स में रख लिए है। निरीक्षक अंतिम पंवार ने विज्ञप्त पंच साक्षी डा. रतनलाल कटारिया से कहा कि वे आरोपिया शानु पुरोहित, ग्राम पंचायत मचुन से पूछे कि आवेदक गोपाल पाटीदार से ली रिश्वत राशि कहा रखी है तो आरोपिया शानु पुरोहित द्वारा बताया गया कि गोपाल पाटीदार से 1000/- रूपए अपने हाथों में लेकर टेबल पर रखे हुऐ अपने लेडिस पर्स में रख लिए है। इसके बाद विज्ञप्त पंच डा. रतनलाल कटारिया ने आरोपिया शानु पुरोहित के टेबल पर रखे लेडिस पर्स को खोलकर उसमें से रिश्वत के रूपए निकाले और गिने तो 500 रूपए का एक नोट व 100-100 रूपए के 5 नोट कुल 1000/- रूपए निकले। इन करेंसी नोटो के नंबरों का मिलान किए जाने पर ये नोट वही नोट पाए गए, जो लोकायुक्त कार्यालय में फिनाफ्थीलीन पावडर लगाकर आवेदक गोपाल पाटीदार की जेब में रखवाए गए थे।

मौके पर आरोपिया शानु पुरोहित के हाथों को सोडियम कार्बोनेट पाउडर के घोल में धुलवाया गया तो घोल का रंग गुलाबी हो गया। एफ.एस.एल. द्वारा रासायनिक परीक्षण में आरोपिया के हाथ धुलवाने के घोल और उसके लेडिस पर्स जहां रिश्वत की राशि रखी गई थी के पोछन के घोल में फिनाफ्थलीन का परीक्षण धनात्मक पाया था।

विवेचना में अपराध प्रमाणित पाए जाने पर आरोपी के विरूद्ध अभियोजन स्वीकृति प्राप्त कर विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त कार्यालय उज्जैन द्वारा आरोपिया के विरुद्ध अभियोग पत्र विशेष न्यायालय रतलाम में दिनांक 28.06.2023 को अभियोग पत्र प्रस्तुत किया गया। जिसमें विचारण उपरांत भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के विशेष न्यायाधीश आदित्य रावत ने सोमवार को पारित निर्णय में आरोपिया शानु पुरोहित, उम्र 25 वर्ष, ग्राम पंचायत मचुन, तहसील पिपलौदा जिला रतलाम को दोषसिद्ध किया गया। उन्होंने अपने निर्णय में आरोपी शानु पुरोहित को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 7 में दोषसिद्ध पाते हुऐ 04 वर्ष के सश्रम कारावास तथा राशि 2000/- रूपए के अर्थदण्ड से दण्डित कर आरोपी को जेल भेजा गया। प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक कृष्णकांत चैहान द्वारा की गई।

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