November 20, 2024

भारत के दुश्मनों की “पनाहगाह” से “कब्रगाह” बना पाकिस्तान, लश्कर ए तैयबा के कमांडर को ‘अज्ञात शख्स’ ने उतारा मौत के घाट

नई दिल्ली ,10 नवम्बर(इ खबर टुडे)। पाकिस्तान (Pakistan) के खैबर पख्तूनख्वा (Khyber Pakhtunkhwa) में अज्ञात लोगों ने लश्कर-ए-तैयबा (Lashkar-e-Taiba) के कमांडर अकरम गाजी की गोली मारकर हत्या कर दी है। ये बीते एक हफ्ते में दूसरी बार है, जब किसी आतंकवादी को मारा गया और वो भारत में मोस्ट वांटेड था। अकरम खान उर्फ गाजी 2018-2020 के बीच लश्कर के लिए लोगों को भर्ती करने वालों में सबसे आगे था। उल्लेखनीय कि पिछले कुछ दिनों में भारत के कई मोस्ट वांटेंड आतंकवादियों की अज्ञात लोगो द्वारा गोली मरकर हत्या कर दी गई है।

पिछले दो सालों में करम खान उर्फ गाजी ने कई युवाओं के बैच को कश्मीर घाटी में घुसपैठ कराने में मदद की। इसके अलावा वो कई आतंकवादियों को कट्टरपंथी बनाने के लिए जिम्मेदार था। इससे पहले बीते रविवार (5 नवंबर) को जम्मू-कश्मीर में 2018 सुंजवान आतंकी हमले के मास्टरमाइंडों में से एक ख्वाजा शाहिद का अपहरण कर लिया गया था। अपहरण के बाद पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में नियंत्रण रेखा के पास उसका सिर कटा हुआ पाया गया था।

पाकिस्तानी एजेंसियां लश्कर-ए-तैयबा के कमांडर अकरम गाजी की मौत के पीछे की वजह तलाश रही है। उन्होंने इसके पीछे संभवत: दो कारणों को जिम्मेदार ठहराया गया है। पहला अलग-अलग आतंकी समूहों सहित स्थानीय प्रतिद्वंद्वियों से दुश्मनी और दूसरा अपने ही संगठन में चल रही अंदरूनी लड़ाई। इस पर एक सूत्र ने कहा कि गाजी लश्कर के सेंट्रल भर्ती सेल का एक प्रमुख सदस्य था। वो भारत के खिलाफ नफरत भरे भाषण देने के लिए जाना जाता था।

पाकिस्तान के बाजौर इलाके में कुछ अज्ञात बाइक सवार वालों ने अकरम गाजी को गोली मार दी। हाल के दिनों में लश्कर-ए-तैयबा के किसी टॉप आतंकवादी के ये दूसरी हत्या है। इससे पहले सितंबर के महीने में PoK के रावलकोट में अल कुद्दूस मस्जिद के बाहर लश्कर कमांडर रियाज अहमद की हत्या कर दी गई थी। वो भी LeT में लोगों को भर्ती करने का काम करता था। हालांकि, अकरम गाजी की मौत ISI और लश्कर के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है। वहीं पाकिस्तानी जासूस एजेंसी ISI इस तरह की हत्या को कम करने की कोशिश में जुटी हुई है।

पाकिस्तान में इस साल 2023 में कई आतंकियों की मौत हो गई है। इनमें खालिस्तान कमांडो फोर्स के प्रमुख परमजीत सिंह पंजवार, लश्कर-ए-तैयबा के मौलाना जियाउर रहमान और मुफ्ती कैसर फारूक. इन सभी लोगों को पाकिस्तान के अलग-अलग इलाके में अज्ञात लोगों ने मौत के घाट उतार दिया था। पिछले महीने 10 अक्टूबर को जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी शाहिद लतीफ को किसी अज्ञात लोगों ने मिलकर सियालकोट की एक मस्जिद में गोली मार कर हत्या कर दी थी। वो साल 2016 पठानकोट एयरबेस पर हमला करने वाले फिदायीन दस्ते के मुख्य संचालक जैश-ए-मोहम्मद का सदस्य था।

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