इंडसइंड बैंक के बाद आरबीआई के निशाने पर अन्य बैंक

rbi : जिस प्रकार इंडसइंड बैंक के लेनदेन में काफी गड़बड़ियां मिली थी, उसी प्रकार अन्य बैंक भी शक के दायरे में आ गए हैं। आरबीआई ने अन्य बैंकों के डेरिवेटिव्य लेनदेन को चेक करने का काम शुरू कर दिया है। फिलहाल दूसरे बैंकों में इसकी प्रकार की कोई गड़बड़ी सामने नहीं आई है, लेकिन आरबीआई इसके बावजूद सभी बैंकों पर अपनी पैनी नजर बनाए हुए है।
पिछले दिनों आरबीआई के पास शिकायत आई थी कि इंडसइंड बैंक में कुछ अनियमितताएं मिली हैं। इस कारण आरबीआई ने इसकी जांच की थी तो तथ्य सही पाए गए हैं। बैंक अधिकारियों ने आरबीआई के नियमों का पालन नहीं किया था, जिस कारण बैंक को जुर्माना लगाया गया। इसके बाद आरबीआई ने अन्य बैंकों के डेरिवेटिव्य लेनदेन को चेक करने का निर्णय लिया। टीम ने कई बैंकों की जांच की। इसमें अभी तक दूसरे किसी भी बैंक में ऐसा कोई गड़बड़ी का मामला सामने नहीं आया है।
बैंकों से मांगी जानकारी
आरबीआई ने इसके बाद बड़ा फैसला लेते हुए सभी बैंकों को डेरिवेटिव्य पोर्टफोलियों की जानकारी देने के लिए कहा है। इसमें कुछ बड़े निजी बैंक ऐसे हैं, जिनके पास विदेशी जमा ज्यादा है। ऐसे में गड़बड़ियों की आशंकाओं के बीच आरबीआई ने सभी बैंकों से डेरिवेटिव्य पोर्टफोलियों की जानकारी जल्द से जल्द उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए हैं।
इंडसइंड बैंक के नेटवर्थ में आ सकती है कमी
10 मार्च को आरबीआई ने शिकायत मिलने के बाद इंडसइंड बैंक की जांच की थी। जांच में पता चला था कि इंडसइंड बैंक में गड़बड़ी हुई है। इसके बाद निवेशकों ने आशंका जताई है कि इंडसइंड बैंक के नेट वर्थ में 2.35 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है।
लेवल के अनुसार बांटी होगी कैटेगरी
आरबीआई ने निर्देश दिए हैं कि सभी बैंकों को मास्टर डायरेक्शन क्लासिफिकेशन, वैल्यूएशन एंड ऑपरेशन ऑफ़ इन्व्हेस्टमेंट पोर्टफोलियो ऑफ़ कमर्शियल बैंक्स 2023 के अनुसार डेरिवेटिव्स पोर्टफोलियों को तीन लेवल में बांटना होगा। इन कैटेगरी के आधार पर काम करना बैंकों को जरूरी है। इनमें लेवल एक, लेवल दो तथा लेवल तीन शामिल हैं। इन सभी लेवल की अलग-अलग जानकारी बैंकों को अपने वित्तीय विवरण में देनी अनिवार्य होगी।