December 23, 2024

Opposition’s Unity : विपक्ष की एकता यानी कहीं की ईंट कहीं का रोड़ा भानुमति ने कुनबा जोड़ा

Opposition unity

-डॉ. डीएन पचौरी

कहीं की ईंट कहीं का रोड़ा भानुमति ने कुनबा जोड़ा ,आखिरकार 2 दिन के विचार विमर्श और बहस का परिणाम क्या निकला? वही ढाक के तीन पात अर्थात केवल यूपीए का नाम बदलकर सबसे अधिक बुद्धिमान राहुल गांधी ने इंडिया रख दिया। इसका अर्थ होता है इंडियन नेशनल डेवलपमेंट इंक्लूसिव एलाइंस लेकिन ऐसा लगता नहीं कि 26 पार्टियों के घपला और घोटाला वीर इस देश का कोई विकास करेंगे। यह तो मोदी से भयभीत होकर नया ठग बंधन कर रहे हैं। इनका यह कथित गठबंधन कब तक चलेगा अनिश्चित है।

कहते हैं ना कि चोर चोर मौसेरे भाई इसलिए बीस लाख करोड़ से अधिक के घोटालेबाज इस देश का कुछ भला करेंगे इसमें संदेह है। इन को देखते हुए इंडिया का नाम इंडियन नेशनल डिस्ट्रक्शन इंडेफिनिट एलाइंस होना चाहिए अर्थात भारतीय राष्ट्रीय विध्वंसक अनिश्चित मैत्री संघ उचित रहेगा। अधिकतर तो इन पार्टियों में लाखों करोड़ों रुपए के घोटाले करने वाले नेता है जैसे राहुल गांधी और सोनिया गांधी नेशनल हेराल्ड घोटाला, प्रियंका और उनके वाड्रा जमीन घोटाला, लालू यादव चारा घोटाला और उनके सुपुत्र तेजस्वी सहित रेलवे में नौकरी और जमीन घोटाला, केजरीवाल शराब घोटाला, राकांपा सिंचाई घोटाला, ममता बनर्जी शिक्षक और शिक्षा घोटाला, अखिलेश यादव अतीक अहमद अशरफ अहमद और अन्य बाहुबलियों के साथ मिलाकर जबरदस्ती पैसा वसूली और जमीनों के घोटाले इत्यादि सभी किसी न किसी घोटाले में लिप्त हैं। 26 पार्टियों के अधिकांश नेता या तो जमानत पर हैं जैसे राहुल गांधी सोनिया गांधी प्रियंका वाड्रा पूरा परिवार जमानत पर है लालू यादव जमानत पर हैं और कुछ जेल के अंदर हैं जैसे आप पार्टी के मनीष सिसोदिया सत्येंद्र जैन आदि।
कुछ पर ईडी और सीबीआई की तलवार लटक रही है जैसे केजरीवाल और तेजस्वी यादव।

इन सभी में एक समानता और है कि अधिकांश सभी वंश वादी या परिवार वादी पार्टियां हैं जैसे राहुल और सोनिया गांधी परिवार जैसे शिवसेना के ठाकरे परिवार तेलुगू देशम पार्टी राकांपा पार्टी डीएमके पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी बिहार के लालू यादव की पार्टी यूपी में अखिलेश यादव का परिवार सभी परिवार वादी पार्टियां है। सभी अपने परिवार का भला चाहते हैं और सब को मालूम है कि यदि 2024 में मोदी जी प्रधानमंत्री बन गए और भाजपा बहुमत में आ गई तो इन में से अधिकांश को जेल जाने से कोई नहीं रोक सकता अतः यह भयभीत नेताओं को देश के विकास या भलाई से कुछ लेना देना नहीं है यह सब खुद को बचाने में लगे हुए हैं।

थोड़े दिन पहले ही केजरीवाल जी भर के कांग्रेस को गालियां देते थे और इनका कहना था कि सरकार की सीबीआई ईडी कहां है सब एजेंसियां क्यों नहीं सोनिया गांधी को गिरफ्तार कर दे और सोनिया जी का इंटेरोगेशन करते ही कितना पैसा खाया है पता चल जाएगा। कांग्रेस के राहुल गांधी का कहना था इस केजरीवाल ने कांग्रेस की बुराई करके दिल्ली की सत्ता हथिया ली है। बिहार में नितेश बाबू का कहना था लालू के बेटों ने कभी किसी स्कूल या कॉलेज का मुंह देखा है उनके पिताजी को राज करने का मौका मिला तो जी भर कर लूट मचाई अपना घर भर लिया और जब चारा घोटाले में अंदर गए तो सत्ता अपनी पत्नी को सौंप कर चले गए। तेजस्वी यादव का कहना था कि नितेश का नाम बिहार से उसी तरह गायब हो जाएगा जैसे डायनासोर गायब हो गए। ममता बनर्जी जी भर कर कांग्रेस को कोसती थी और अब उन्हीं से हाथ मिलाने को तैयार है। अखिलेश यादव राहुल गांधी को कोस रहे थे राहुल गांधी समाजवादी पार्टी की बुराइयां कर रहे थे। जिस प्रकार जंगल में मांसाहारी और शाकाहारी जानवर शेर की दहाड़ सुनकर सहम जाते हैं और एक साथ हो जाते है उसी प्रकार नरेंद्र मोदी के कारण यह सब पार्टियां एक साथ एक मंच पर आसीन हैं तू कहे ना मेरी और मैं कहूं ना तेरी। कहावत है कि बहुत से जोगी मठ उजाड़ । यह सब पार्टियां मिलकर भी मोदी को सत्ता से नहीं हटा पाएंगे। राहुल गांधी ने जो इंडिया नाम रखा है उसमें कुछ सुधार की आवश्यकता है राहुल के परिवार में राहुल गांधी और सोनिया गांधी अर्थात मैं और मेरी मां या आई एंड आई अर्थात मा क्योंकि मराठी में मां को आई कहते हैं इसलिए इनके दिए गए नाम इंडिया में से दोनों आई को यदि हटा लिया जाए तो देखिए क्या बचता है बस यही पार्टी 2024 में जीतेगी।

इन पार्टियों के घोटाले की बात की जाए तो सबसे पहले कांग्रेश को देखिए जिसमें नेहरू जी के जमाने से ही घोटाले प्रारंभ हो गए थे। नेहरू जी के जमाने में रक्षा सौदा खरीदने के नाम पर जीप कांड घोटाला हुआ था और उस पर पर्दा डालने के लिए कृष्ण मैनन को रक्षा मंत्री बनाया गया । कृष्ण मेनन के रक्षा मंत्री बनने के थोड़े दिन बाद ही भारत पर चीन का आक्रमण हुआ और भारत ने चीन को 37 ह जार वर्ग किलोमीटर जमीन सौंप दी। इंदिरा जी के जमाने में बैंक घोटाला कांड हुआ था और राजीव जी के जमाने में वो फोर्स घोटाला और भी कई घोटाले हुए थे तथा सबसे अधिक घोटाले मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्री काल में हुए जिनमें 2G घोटाला कोयला घोटाला आदि प्रमुख हैं। बिहार में लालू जी का चारा घोटाला और उनके रेल मंत्री बनने के बाद जमीन दो और रेलवे में नौकरी पाओ जैसे घोटाले हुए जिनमें अभी तेजस्वी यादव को सम्मन जारी हुए हैं। दिल्ली में आम आदमी पार्टी के शराब घोटाले कांड में कुछ नेता जेल में हैं और हो सकता है कि केजरीवाल को भी जेल जाना पड़ जाए।

26 पार्टियों के नेता भविष्य में आने वाले खतरे से बचने के लिए मोदी के पीछे पड़े रहते हैं जैसे मणिपुर कांड में सब मोदी को कोस रहे हैं जबकि छत्तीसगढ़ और राजस्थान में जोधपुर में औरतों के साथ दुष्कर्म की घटनाएं हुई पर इस पर कोई कुछ नहीं बोल रहा है। सबसे ज्यादा शर्म की बात तो यह है कि ममता बनर्जी के बंगाल में लोकतंत्र बचा ही नहीं है पंचायत चुनाव में लगभग 60 लोगों की हत्या हुई जमकर गोलियां चली बम चले और भी अन्य हथियारों का प्रयोग हुआ खूब खून बहाया गया परंतु निर्लज्ज ममता बनर्जी का कहना है कि बंगाल में शांतिपूर्वक सब चल रहा है। 21 जुलाई को ममता शहीद दिवस मनाती है मंच पर उसने सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है देखना है जोर कितना बाजुए कातिल में है कहकर केंद्र सरकार को कोसा गया तथा मुद्दई लाख बुरा चाहे तो क्या होता है वही होता है जो मंजूरे खुदा होता है जैसे जुमले बोले गए। बंगाल की हालत पूरा देश देख रहा है वह राष्ट्रपति शासन लग जाना चाहिए था किंतु ममता और विपक्षी पार्टियां इसे सुशासन बता रही है और सभी मणिपुर मणिपुर खेल रहे हैं।

जहां पूरी दुनिया के सभी बड़े देशों को लग रहा है कि वर्तमान परिस्थितियों में दुनिया को मोदी जैसे नेता के नेतृत्व की आवश्यकता है वही भारत के विपक्षी नेता उसी मोदी से भयभीत होकर उन्हें सत्ता से हटाने पर तुले हैं पर वह यह नहीं जानते कि भारत की जनता पहले ही निश्चित कर चुकी है के 2024 में आएगा मोदी ही।

(लेखक शिक्षाविद और स्वतंत्र स्तम्भकार है।)

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