December 24, 2024

शिक्षक दिवस के दिन वरिष्ठ शिक्षाविद,गुजराती स्कूल के पूर्व प्राचार्य डा. डीएन पचौरी का निधन,भक्तन की बावडी मुक्तिधाम पर पंचतत्व में हुए विलीन ; डा पचौरी का निधन रतलाम और शैक्षणिक जगत की अपूरणीय क्षति

pachauri

रतलाम,05 सितम्बर (इ खबरटुडे)। शिक्षक के रुप में पांच दशकों से अधिक समय तक हजारों छात्रों को भौतिकी और रसायन शास्त्र की शिक्षा देने वाले वरिष्ठ शिक्षाविद और गुजराती स्कूल के पूर्व प्राचार्य डा. डीएन पचौरी का शिक्षक दिवस के ही दिन निधन हो गया। वे 83 वर्ष के थे। उनका अंतिम संस्कार भक्तन की बावडी स्थित मुक्तिधाम पर किया गया। मुक्तिधाम पर हुई श्रद्धांजलि सभा में वक्ताओं ने उनके निधन को शैक्षणिक जगत और रतलाम के लिए एक अपूरणीय क्षति निरुपित किया।

डा. देवकीनन्दन पचौरी ने पांच दशकों से अधिक समय तक गुजराती स्कूल में पहले व्याख्याता और फिर प्राचार्य के रुप में अपनी सेवाएं दी। भौतिकी और रसायन शास्त्र जैसे विषयों में अध्यापन की उन्होने एक अनूठी शैली विकसित की थी,जिसकी वजह से वे पूरे प्रदेश में पहचाने जाते थे। उनके पढाए हुए हजारों छात्र देश और विदेश में महत्वपूर्ण पदों पर कार्यरत है।

डा. पचौरी को दो दिन पूर्व सांस में तकलीफ की शिकायत होने पर मेडीकल कालेज में भर्ती किया गया था। दो दिनों तक चिकित्सकों के अथक प्रयासों के बावजूद उन्हे बचाया नहीं जा सका और गुरुवार सुबह करीब साढे नौ बजे उन्होने अंतिम सांस ली। स्टेशन रोड पुलिस थाने के निकट स्थित उनके निवास से दोपहर को अंतिम यात्रा निकाली गई,जिसमें बडी संख्या में उनके शिष्य और नगर के गणमान्य लोग शामिल हुए।

भक्तन की बावडी स्थित मुक्तिधाम पर उनके पौत्र आदित्य शर्मा,भतीजे करुण और कपिल पचौरी ने उनकी चिता को मुखाग्नि दी। मुक्तिधाम पर हुई श्रद्धांजलि सभा को गुजराती स्कूल के प्राचार्य संजयराज दुबे,राकेश देसाई,पत्रकार तुषार कोठारी,मयूर व्यास,कपिल पचौरी,जूलियस चाको आदि से सम्बोधित किया। वक्ताओं ने डा. पचौरी के निधन को शैक्षणिक जगत और रतलाम के लिए अपूरणीय क्षति निरुपति करते हुए कहा कि डा. पचौरी के जाने से शैक्षणिक जगत के एक युग का समापन हो गया है। डा. पचौरी वैसे तो विज्ञान के शिक्षक थे,लेकिन उनसे शिक्षा प्राप्त करने वालों के लिए वे जीवन के हर क्षेत्र के मार्गदर्शक थे। उनसे पढे हुए छात्रों का कहना है कि उनके जीवन में जो कुछ उपलब्धि हासिल हुई है,उसमें उनके शिक्षक डा. पचौरी का सबसे बडा योगदान रहा है।

डा. पचौरी की श्रद्धांजलि सभा रविवार 8 सितम्बर को दोपहर ग्यारह बजे उनके निवास स्थान ऋचायन पर रखी गई है।

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