January 4, 2025

नव वर्ष – 2025 : नया साल शुभ और मंगलमय हो

new year sun

ये वर्ष की प्रथम, भोर की प्रथम किरण के साथ।

यादों में बीते वर्षों के बीते दिवसों की सुवास ।।

साथ में लेकर मन मंदिर में आप हुए साक्षात ।

गा कि फिर हो साथ आपका स्नेहिल प्रेमप्रपात ॥

शुद्ध हृदय हो, मन निर्मल हो, कुछ ऐसी है आस।

र अंजुलि, अर्पण आदरांजिली अर्पण हो विश्वास ॥

सत से कहीं बेहतर गुजरे आने वाला साल ।

श्क करे जो भी देखें, ऐसा बेहतरीन हो हाल ॥

मंजर हों सभी खुशनुमा, अहसास सुखद सब पायें।

र मुश्किलें तनिक भी हो, सब वाष्पित हो उठ जायें ॥

लक प्रगति की महक सुमति की, हर पाल ही रह आये।

न्जिले नयी नयी हों तय, हर पड़ाव सफल कहलायें ॥

ही कामना, यही चाहना, यही उद्‌गार है अपना।

हो एकमन, हो एक नयन, देखें नित यही सपना ॥

नोट : प्रत्येक पंक्ति के प्रथम अक्षर को ऊपर से नीचे तक पढ़ें।

तुमुल सिन्हा लब्धप्रतिष्ठित साहित्यकार है और साहित्यिक पत्रिका “नैपथ्य” के संपादक है

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