Russia-Ukraine War : नाटो ने यूक्रेन को अकेला छोड़ा, अधिकारी बोले- जब तक सभी शहर हार नहीं कबूल लेते, तब तक बम बरसाएगा रूस
कीव,05मार्च(इ खबर टुडे)। रूस की ओर से यूक्रेन पर शुरू किए गए हमलों को अब 10 दिन हो चुके हैं। इसके बावजूद यूक्रेन के कई शहर अब भी रूसी सेना के नियंत्रण से बाहर हैं। अब अमेरिका और नाटो के अधिकारियों ने आशंका जताई है कि यूक्रेन पर अपना कब्जा जमाने के लिए रूस तब तक बम बरसाएगा, जब तक सभी शहर खुद आत्मसमर्पण नहीं कर देते।
अफसरों ने कहा कि रूस के हवाई हमलों की वजह से आने वाले दिनों में आम नागरिकों के मारे जाने का आंकड़ा और ज्यादा बढ़ सकता है। गौरतलब है कि इससे पहले नाटो ने खुद यूक्रेन के हवाई मार्ग को नो फ्लाई जोन घोषित करने से इनकार कर दिया था।
यूक्रेन से एक स्पेशल फ्लाइट दिल्ली एयरपोर्ट पहुंची
यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों को लेकर एक स्पेशल फ्लाइट दिल्ली एयरपोर्ट पहुंची। एक छात्रा ने बताया कि हमारे लिए वहां रहना बहुत कठिन था, हम भारत सरकार का धन्यवाद करते हैं कि उन्होंने हमें वहां से निकालकर यहां वापस लाए। वापस आकर हम बहुत खुश हैं।
आज शाम 4.30 बजे जेलेंस्की की अमेरिकी सिनेटरों के साथ अहम बैठक
यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की अमेरिकी डेमोक्रेटिक और रिपब्लिकन सिनेटरों के साथ वर्चुअल बैठक करेंगे। बताया जा रहा है कि यह बैठक शाम 4.30 बजे होगी।
यूक्रेन में जोपोरिज्जिया परमाणु संयंत्र पर रूस के हमले के बाद भारत ने शुक्रवार को आगाह किया कि परमाणु केंद्रों से संबंधित किसी भी दुर्घटना के जन स्वास्थ्य और पर्यावरण पर गंभीर परिणाम हो सकते हैं। साथ ही उसने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को यूक्रेन में पैदा हो रहे मानवीय संकट को समझना चाहिए।
रूस और यूक्रेन के बीच चल रही जंग जहां चरम पर पहुंच गई है वहीं उत्तर कोरिया ने शनिवार सुबह एक अज्ञात मिसाइल की टेस्टिंग कर आसपास के देशों को चौंका दिया है। यह मिसाइल कोरियाई प्रायद्वीप के पूर्व में सागर की ओर दागी गई है। यह जानकारी दक्षिण कोरिया के आर्मी चीफ की तरफ से दी गई है। बता दें कि उत्तर कोरिया इस साल अब तक कुल नौ मिसाइल टेस्टिंग कर चुका है।
जनवरी में भी किया था सात हथियारों का परीक्षण
उत्तर कोरिया ने जनवरी के महीने में भी सात हथियारों का परीक्षण किया था जिसमें 2017 के बाद से बनाई गई सबसे शक्तिशाली मिसाइल भी शामिल है। उस दौरान कहा गया कि यहां के सर्वोच्च नेता किम जोंग उन ने तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को उकसाने के लिए यह कदम उठाया था।
दक्षिण कोरिया ने बताया संकट
दक्षिण कोरिया के आर्मी चीफ ने इस मिसाइल की टेस्टिंग को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद रिजालूशंस का उल्लंघन बताया है। उन्होंने कहा कि लगातार इस तरह की टेस्टिंग दुनिया के लिए खतरनाक है। इसपर तत्काल रोक लगनी चाहिए। वहीं इससे पहले दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति ने भी हथियार कार्यक्रम के विस्तार के प्रति चिंता प्रकट की थी और कहा कि उत्तर कोरिया एक बार फिर लंबी दूरी की मिसाइलों का परीक्षण शुरू कर सकता है जिससे क्षेत्र में युद्ध का माहौल फिर से बनने की संभावना है।