October 12, 2024

Nationwide Strike : 14 सूत्री मांगों को लेकर एमआर यूनियन ने की राष्ट्रव्यापी हड़ताल,प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौपा

रतलाम,19 जनवरी (इ खबरटुडे )। दवाओं पर जीरो जीएसटी , न्यूनतम वेतन का निर्धारण और ऐसी ही अपनी विभिन्न 14 सूत्री मांगों को लेकर रतलाम एमआर यूनियन के सभी साथी एक दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल में सम्मिलित हुए । विभिन्न श्रम संगठनों के पदाधिकारियों ने हड़ताल स्थल पर पहुंचकर हड़ताली साथियों का मनोबल बढ़ाएं ।

हड़ताल की जानकारी देते हुए शाखा अध्यक्ष अश्विनी शर्मा ने बताया कि इस राष्ट्रव्यापी हड़ताल के माध्यम से हम नियोक्ताओं से मांग करते हैं कि दवा प्रतिनिधियों पर सेल के नाम पर प्रताड़ना बर्खास्तगी एवं वेतन कटौती पर रोक लगाई जाए उन पर इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स के माध्यम से निगरानी बंद कर निजता के अधिकार को सुनिश्चित किया जाए। दवाओं की अवैध एवं अनैतिक बिक्री पर रोक लगाई जाए। एक तरफा तरीके से नई कार्यप्रणाली को थोपने के कारण दवा एवं विक्रय प्रतिनिधियों पर होने वाले असहनीय काम को बंद किया जाए। साथ ही दवा एवं विक्रय प्रतिनिधियों एवं उनके परिवारों को समुचित चिकित्सा एवं दुर्घटना बीमा उपलब्ध कराया जाए।

सभा को संबोधित करते हुए एलआईसी यूनियन के कॉमरेड जसुआ मोहन ने बताया कि सरकार द्वारा निरंतर निजीकरण को बढ़ावा दिया जा रहा है तथा 44 श्रम कानूनों को ध्वस्त कर चार श्रम संहिता ओं में परिवर्तित कर दिया गया है जिससे श्रमिकों का निरंतर शोषण हो रहा है। सभा को कॉम नरेंद्र जोशी,कॉम मनोहर बारोट, कॉम हरीश यादव, कॉम आई एल पुरोहित, कॉम एच एन जोशी आदि ने भी संबोधित किया। सभी ने साझा संघर्ष को तेज करने का आह्वान किया । सभा का संचालन शाखा सचिव हरीश सोनी ने किया एवं आभार कॉम निखिल मिश्रा ने व्यक्त किया।

इस दौरान सभी हड़ताली साथियो ने कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए जोरदार नारेबाजी करते हुए विरोध प्रदर्शन किया। कॉम रमेश शर्मा, एम एल नागावत , प्रियेश शर्मा, कॉम कमलेश देशमुख, अभिषेक जैन, अविनाश पोरवाल, स्नेहिल मोघे, रशीद खान , पुलकित जोशी, सचिन तिवारी , गोपाल चौहान,जैनेन्द्र दशोत्तर, सहित बड़ी संख्या में साथी उपस्थित थे।

सभा के पूर्व हड़ताली साथियो ने शहर के विभिन्न चौराहो पर लगी महापुरुषों की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण किया और अपनी माँगो की एक प्रति रखकर विरोध दर्ज किया तथा सरकार और दवा कंपनियों को सद्बुद्धि देने के लिए प्रार्थना की गई। साथ ही अपनी मांगों का एक ज्ञापन प्रधानमंत्री के नाम स्थानीय श्रम अधिकारी को सौंपा।

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