December 24, 2024

MP BY Election Counting 2020: कल तय हो जाएगा शिव को ‘राज’ या कमल नाथ का राजतिलक

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भोपाल,09 नवम्बर(इ खबर टुडे)। पिछले आठ महीने से चल रही सियासी उथल-पुथल का मंगलवार को पटाक्षेप हो जाएगा। 28 विधानसभा क्षेत्रों के उपचुनाव की मतगणना मंगलवार को होगी, जिसमें तय हो जाएगा कि मध्य प्रदेश में सत्ता का ताज शिवराज के पास ही रहेगा या कांग्रेस नेता कमल नाथ का राजतिलक होगा।

12 मार्च को पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया सहित कांग्रेस के तत्कालीन 22 विधायकों ने पाला बदल कर भाजपा का दामन थाम लिया था। जिसके चलते कमल नाथ सरकार गिरी और उपचुनाव की नौबत आई। इसके बाद तीन अन्य कांग्रेस विधायकों में भी इस्तीफा दे दिया था। तीन अन्य सीट विधायकों के निधन से रिक्त हुई थीं। इनमें से 27 सीटों पर कांग्रेस का कब्जा रहा है।

शिव-ज्योति की जोड़ी का भविष्य दांव पर
सियासी मायनों में देखा जाए तो एक साथ 28 उपचुनाव कई दिग्गज राजनेताओं का भविष्य तय करेगा। उपचुनाव के परिणाम जहां भाजपा में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की प्रदेश में लोकप्रियता का पैमाना बनेंगे। वहीं, ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में भविष्य की नींव भी यही उपचुनाव रखेंगे। माना जा रहा है कि ग्वालियर-चंबल में उपचुनाव के परिणाम भाजपा के अनुकूल नहीं आए तो सिंधिया कमजोर हो सकते हैं ।

नाथ-दिग्गी की साख की भी परीक्षा
उपचुनाव के परिणाम जितने भाजपा के लिए महत्वपूर्ण हैं, उतने ही कांग्रेस के लिए भी। इनके परिणामों पर कांग्रेस के दिग्गज नेता कमल नाथ और दिग्विजय सिंह का भविष्य निर्भर करेगा। पार्टी को सत्ता में वापस लाने में ये जोड़ी सफल रही तो दोनों नेताओं का कद राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ेगा और हार मिली तो दोनांे के सियासी सफर पर ब्रेक भी लग सकता है। ऐसा होने पर प्रदेश में कांग्रेस की नई पीढ़ी को आगे आने का मौका मिलेगा। प्रदेश में नई कांग्रेस के उदय का रास्ता साफ होगा।

12 मंत्रियों का भविष्य होगा तय
उपचुनाव के परिणामों से शिवराज सरकार के 12 मंत्रियों का भविष्य भी तय होगा। ये मंत्री हैं-इमरती देवी, प्रद्युम्न सिंह तोमर, बिसाहूलाल सिंह, डॉ.प्रभुराम चौधरी, महेंद्र सिंह सिसौदिया, एदल सिंह कंषाना, हरदीप सिंह डंग, राजवर्धन सिंह दत्तीगांव, बृजेंद्र सिंह यादव, गिर्राज डंडौतिया, सुरेश धाकड़ और ओपीएस भदौरिया। उपचुनाव के दौरान गोविंद सिंह राजपूत और तुलसीराम सिलावट ने इस्तीफा दे दिया था।

सिंधिया के समर्थकों के साथ कांग्रेस छोड़ने से हुए उपचुनाव
प्रदेश में पहली बार एक साथ 28 विधानसभा सीटों के उपचुनाव हो रहे हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने समर्थक 22 विधायकों के साथ कांग्रेस छोड़ दी थी। विधायकों ने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हुए। इसके कारण कमल नाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार अल्पमत में आ गई और उन्हें मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा। इसके कारण्ा यह उपचुनाव हुए। वहीं, तीन कांग्रेस के विधायकों ने भाजपा सरकार बनने के बाद इस्तीफा दे दिया।

सुबह आठ बजे से 19 जिला मुख्यालयों में होगी मतगणना
मध्य प्रदेश में सत्ता का भविष्य तय करने वाले 28 विधानसभा सीटों के उपचुनाव के नतीजे मंगलवार को आएंगे। सुबह आठ बजे से 19 जिला मुख्यालयों में एक साथ मतगणना शुरू होगी। चुनाव आयोग ने मतगणना से लेकर सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए हैं। मतों की गणना डाक मतपत्रों के साथ शुरू होगी। इसके आधा घंटे बाद साढ़े आठ बजे से इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में दर्ज मतों को गिनना शुरू कर दिया जाएगा। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय के अधिकारियों ने बताया कि मतगणना को लेकर सभी तैयारियां हो चुकी हैं।

80 साल से अधिक आयु के मतदाताओं ने पहली बार डाक मतपत्र से डाले वोट
कोरोना संकटकाल की वजह से चुनाव आयोग ने पहली बार 80 साल से अधिक आयु, निशक्तजन, कोरोना संक्रमित और संदिग्ध मतदाताओं ने डाक मतपत्रों से मताधिकार के उपयोग की सुविधा दी थी।

फैक्ट फाइल

  • 28 विधानसभा क्षेत्रों के लिए 355 उम्मीदवारों में मुकाबला
  • 18,815 सर्विस वोटर के वोट सुबह आठ बजे तक होंगे मान्य
  • 19 जिला मुख्यालयों में होगी मतगणना
  • प्रत्येक हॉल में सात टेबलों पर होगी गणना
  • डाक मतपत्रों को गिनने के लिए बनाए जालीदार बूथ
  • डाक मतपत्रों को गिनने के लिए सहायक रिटर्निंग ऑफिसर नियुक्त
  • तीन हजार कर्मचारी करेेंगे गणना का काम
  • हर टेबल पर गणना का काम देखने माइक्रो आब्जर्वर तैनात
  • मतगणना केंद्रों की होगी सीसीटीवी से निगरानी और वीडियोग्राफी

मध्य प्रदेश विधानसभा में सत्ता का गणित

कुल सदस्य संख्या- 230

भाजपा- 107

कांग्रेस- 87

बसपा-2

सपा- 1

निर्दलीय- 4

रिक्त -1

  • 229 सदस्यों की विधानसभा में भाजपा को पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने के लिए चाहिए 8 विधायक
  • कांग्रेस को सत्ता में वापसी के लिए चाहिए सभी 28 सीट
  • 4 निर्दलीय और सपा-बसपा के 3 विधायकों के साथ सरकार बनाने के लिए कांग्रेस को चाहिए 21 विधायक

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