Committee meeting : प्रकरण इतने ठोस बनाए कि आरोपियों को दंड सुनिश्चित रूप से मिले : कलेक्टर
रतलाम,26मार्च(इ खबर टुडे)। अनुसूचित जाति, जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत जिला स्तरीय सतर्कता एवं मानिटरिंग समिति की बैठक शनिवार को कलेक्टर कक्ष में आयोजित की गई। कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने डीएसपी अजाक तथा जिला अभियोजन अधिकारी को निर्देशित किया कि एट्रोसिटी में संवेदनशीलता बरतते हुए प्रकरण इतने ठोस तरीके से तैयार किए जाएं कि आरोपियों को दंड सुनिश्चित हो जाए। उक्त बैठक में पुलिस अधीक्षक अभिषेक तिवारी, जिला अजाक्स के अध्यक्ष चंद्रशेखर लश्करी, अपर कलेक्टर एम.एल. आर्य, क्षेत्र संयोजक आदिम जाति श्रीमती पारुल जैन, अजाक्स पदाधिकारी एम.एल. चौहान आदि उपस्थित थे।
कलेक्टर ने समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि जाति प्रमाण पत्रों के अभाव में प्रकरण लंबित नहीं रहे। समस्त एसडीएम, तहसीलदार इस मामले में सक्रियता रखते हुए जाति प्रमाण पत्र जारी करवाएं। अजाक्स अध्यक्ष श्री लश्करी ने बताया कि बैंकों में 3 हजार रूपए पर खाता खुलता है, कलेक्टर ने सभी एसडीएम के लिए निर्देश जारी किए कि एट्रोसिटी के मामलों में जीरो बैलेंस पर बैंक में खाता खुलवाया जाए ताकि संबंधित अजजा वर्ग का व्यक्ति परेशान नहीं हो और उसके खाते में राहत राशि आसानी से समय सीमा में पहुंचाई जा सके। इस संबंध में संबंधित बैंक मैनेजर को ताकीद की जाएगी।
कलेक्टर ने निर्देश दिए कि ट्राइबल कार्यालय में लंबित 63 प्रकरणों का निपटारा एक माह में कर दिया जाए। ट्राइबल अधिकारी को निर्देशित किया कि उनके कार्यालय में एक जिम्मेदार व्यक्ति को एट्रोसिटी मामलों में नियुक्त किया जाए जो समय सीमा में संपूर्ण कार्यवाही संपादित करें। अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम की व्यापक प्रचार-प्रसार के निर्देश भी कलेक्टर द्वारा दिए गए। बताया गया कि अधिनियम के तहत हॉट स्पॉट क्षेत्रों तथा सामान्य क्षेत्रों में 8 शिविरों का आयोजन किया जाकर जागरूकता हेतु पंपलेट भी वितरित किए गए हैं। अजा-जजा वर्गों और सामान्य वर्गों को अधिनियम की जानकारी दी गई है।
बताया गया कि अभी 23 प्रकरण एक माह से कम अवधि के विवेचना में लंबित है। इसी प्रकार एक माह से 3 माह तक की अवधि के 16 तथा 3 माह से अधिक अवधि का एक प्रकरण विवेचना में लंबित है। यह भी बताया गया कि अजाक पुलिस थाने में दर्ज 15 प्रकरणों में पीड़ित का जाति प्रमाण पत्र आना शेष है जिसके अभाव में प्रकरण लंबित है। विगत 1 जनवरी 2022 से 22 मार्च 2022 की अवधि के दौरान अनुसूचित जाति, जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत अनुसूचित जाति के 38 प्रकरण दर्ज किए गए हैं, इनमें से 8 प्रकरणों में विवेचना पूर्ण कर ली गई है, लंबित 29 प्रकरण हैं। इसी प्रकार अनुसूचित जनजाति के 12 प्रकरण दर्ज किए गए, इनमें से एक प्रकरण में विवेचना पूर्ण की गई है 11 लंबित है। इसी प्रकार आदिवासी विकास विभाग के माध्यम से राहत प्रकरणों की जानकारी में बताया गया कि अनुसूचित जाति के भेजे गए 17 प्रकरण सहायक आयुक्त के यहां लंबित है और जनजाति के 5 प्रकरण लंबित हैं। उक्त प्रकरण फरियादी के बैंक में खाता तथा जाति प्रमाण पत्र नहीं होने से लंबित है।
एसडीएम राजस्व कार्यो तक सीमित नहीं रहे, बल्कि जनहित के समस्त कार्यों पर रखें निगरानी
जिले के राजस्व अधिकारियों की बैठक कलेक्टर द्वारा 26 मार्च को आयोजित की गई। कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित उक्त बैठक में कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने निर्देश दिए कि जिले के सभी एसडीएम मात्र राजस्व कार्य तक अपने आप को सीमित नहीं रखें बल्कि जनहित के समस्त कार्यों की मॉनिटरिंग करें, निगरानी रखें। सभी एसडीएम सप्ताह में 2 दिन अपनी फील्ड में जाएं। उनके साथ जनपद के सीईओ, सीडीपीओ, तहसीलदार, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी आदि विभागों के अधिकारी भी रहे, उनके कार्यों का निरीक्षण करें। जनता की समस्याओं का समाधान करें।
बैठक में कलेक्टर द्वारा स्वच्छता सर्वे, राजस्व वसूली, आरसीएमएस पोर्टल पर राजस्व प्रकरणों का निराकरण, अतिक्रमण माफिया के विरुद्ध कार्रवाई आदि समीक्षा की गई। कलेक्टर ने जावरा तहसीलदार द्वारा किए गए कार्य के प्रति सख्त नाराजगी व्यक्त की। बताया गया कि जावरा तहसीलदार द्वारा अपने अधिकार से बाहर जाकर ग्रामीण क्षेत्र में मकान को तोड़ा गया। कलेक्टर ने तहसीलदार को निर्देश दिए कि वे अपने कार्य को सीखें, अपरिपक्व अधिकारी की तरह कार्य नहीं करें। सभी तहसीलदारों को निर्देश दिए कि आप एसडीएम के नालेज में लाए बगैर कोई भी कार्रवाई नहीं करें। राजस्व संबंधी कार्रवाई में शासन की निर्धारित प्रक्रिया का पालन करें।
कलेक्टर ने 1 राजस्व वसूली की समीक्षा में पाया कि जावरा द्वारा विगत बैठक के पश्चात कोई खास प्रगति नहीं की गई है। कलेक्टर ने कहा कि जावरा तहसील के कारण जिले की रैंकिंग खराब हो रही है। कलेक्टर ने स्पष्ट किया कि राजस्व वसूली तहसीलदारों की गोपनीय चरित्रावली का प्रमुख आधार है। जिस तहसीलदार द्वारा लक्ष पूर्ति नहीं की जाएगी, उसकी गोपनीय चरित्रावली पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा। समीक्षा में पिपलोदा तथा आलोट तहसीलदारों की वसूली ठीक पाई गई परंतु रावटी तहसीलदार द्वारा कुछ खास नहीं किया गया।
कलेक्टर ने मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की भी समीक्षा की। शासकीय मंदिरों की भूमि की नीलामी, गेहूं की फसल कटाई के पश्चात करने के निर्देश दिए। सभी तहसीलदारों को टूर डायरी बनाने के लिए भी निर्देशित किया गया। डायरी नहीं प्रस्तुत की जाने पर माना जाएगा कि तहसीलदार ने काम नहीं किया है। कलेक्टर ने कहा कि जिनको टूर डायरी बनानी नहीं आती है वे अपर कलेक्टर से संपर्क करें। कलेक्टर ने उचित मूल्य दुकानों के सतत निरीक्षण के निर्देश एसडीएम तथा तहसीलदारों को दिए। साथ ही उप स्वास्थ्य केंद्रों, आंगनवाड़ी में तथा अन्य ग्रामीण विकास कार्यों के भी निरीक्षण हेतु निर्देशित किया।
जल जीवन मिशन के कार्यों की विशेष निगरानी के निर्देश दिए। जिले में 600 चेक डैम की मरम्मत की जा रही है। चेक डैम मरम्मत कार्य की मानिटरिंग के लिए निर्देशित किया। कलेक्टर ने अगले सप्ताह से नियमित रूप से निरीक्षण प्रतिवेदन जिला कार्यालय को भेजने हेतु सभी एसडीएम, तहसीलदारों को निर्देशित किया। बैठक में अपर कलेक्टर एम.एल. आर्य, एसडीएम राजेश शुक्ला, एसडीएम सैलाना संजीव पांडे आदि उपस्थित थे।