December 24, 2024

लोकायुक्त पुलिस भी करेगी सिविक सेन्टर रजिस्ट्री काण्ड की जांच,नगर निगम और रजिस्ट्रार कार्यालय से दस्तावेज किए जब्त

lokayukt

रतलाम,27 मार्च (इ खबरटुडे)। शहर के कुख्यात भू माफिया राजेन्द्र पितलिया द्वारा षडयंत्रपूर्वक करवाई गई सिविक सेन्टर की अवैध रजिस्ट्रियों के मामले की जांच अब लोकायुक्त पुलिस ने भी प्रारंभ कर दी है। लोकायुक्त पुलिस ने एक दल ने आज रतलाम में नगर निगम और रजिस्ट्रार कार्यालय से कई दस्तावेज प्राप्त किए।

मामले से जुडे दस्तावेज एकत्रित करने रतलाम पंहुचे लोकायुक्त डीएसपी सुनील तालान ने इ खबरटुडे को बताया कि सिविक सेन्टर की जमीनों की अवैध रजिस्ट्रियां कराई जाने की शिकायत लोकायुक्त पुलिस को भी प्राप्त हुई थी,जिस पर से लोकायुक्त पुलिस द्वारा मामला दर्ज किया गया है। इसी मामले की जांच के क्रम में नगर निगम के दस्तावेज हासिल करने के लिए नगर निगम को पत्र लिखा गया था। इसी तरह रजिस्ट्रार कार्यालय को भी पत्र लिखा गया था। डीएसपी श्री तालान ने बताया कि मामले से जुडी फाइलों के दस्तावेजों की प्रमाणित प्रतिलिपियां और कुछ अन्य जानकारियां नगर निगम से चाही गई थी। नगर निगम ने उक्त सारी जानकारियां तैयार करके रखी थी। इसी तरह लोकायुक्त पुलिस द्वारा सिविक सेन्टर से जुडी सभी रजिस्ट्रियों की प्रतिलिपियां भी मांगी गई थी।

लोकायुक्त डीएसपी श्री तालान के नेतृत्व में तीन सदस्यीय दल आज नगर निगम पंहुचा। नगर निगम कर्मचारियों ने चाही गई सारी जानकारियां लोकायुक्त पुलिस को उपलब्ध करवा दी। इसी तरह रजिस्ट्रार कार्यालय से भी नगर निगम द्वारा कराई गई सिविक सेन्टर के भूखण्डों की लीज डीड और इसके लीज धारकों द्वारा आगे अन्य व्यक्तियों को करवाई गई रजिस्ट्रियों की प्रमाणित प्रतिलिपियां भी प्राप्त कर ली गई है। श्री तालान ने बताया कि इन दस्तावेजों के अध्ययन के बाद आगे की कार्यवाही की जाएगी।

उल्लेखनीय है कि राजीव गांधी सिविक सेन्टर के करीब 22 भूखण्डों की लीज अचानक से नगर निगम द्वारा 22 लीज धारकों के पक्ष में करवा दी गई थी। लीज करवाने से पहले निगम के अधिकारियों ने ना तो महापौर,ना एमआईसी और ना ही निगम परिषद को इस बात की जानकारी दी थी। इतना ही नहीं,जिन व्यक्तियों के पक्ष में नगर निगम द्वारा लीज डीड करवाई गई थी,उन सभी ने लीज डीड होनेके कुछ ही समय पश्चात इन भूखण्डों की रजिस्ट्रियां कुख्यात भू माफिया राजेन्द्र पितलिया से जुडे लोगों को करवा दी थी। जबकि नगर निगम की लीज डीड में यह शर्त स्पष्ट उल्लेखित है कि भूखण्डों पर व्यावसायिक निर्माण किए बगैर इनका अंतरण नहीं करवाया जा सकता।

इस पूरे घोटाले का पर्दाफाश सबसे पहले इ खबरटुडे ने किया था। इ खबरटुडे ने अपनी खबर में बताया था कि भू माफिया राजेन्द्र पितलिया ने षडयंत्रपूर्वक अवैध तरीके से सिविक सेन्टर के 22 भूखण्डों की अपने से जुडे अलग अलग लोगों के नाम रजिस्ट्री करवा ली थी। जो कि पूरी तरह अवैध था। आयुक्त और उपायुक्त हो चुके है निलम्बित मामले के उजागर होने के बाद यह पूरा घोटाला निगम परिषद के साधारण सम्मेलन में छाया रहा था और निगम परिषद ने सर्वानुमति से इन रजिस्ट्रियों को शून्य करने का प्रस्ताव भी पारित किया था। इस मामले में राज्य शासन ने त्वरित निर्णय करते हुए आयु्क्त एपीएस गहरवार और उपायुक्त विकास सोलंकी को तत्काल प्रभाव से निलम्बित कर दिया था।

You may have missed

Here can be your custom HTML or Shortcode

This will close in 20 seconds