Life Imprisonment : दलित युवक की हत्या के आरोपी को आजीवन कारावास
रतलाम,07 जुलाई (इ खबरटुडे)। जिला न्यायालय में अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के विशेष न्यायाधीश डीएस चौहान ने आज एक दलित युवक की हत्या के एक आरोपी को दोषसिद्ध करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
विशेष लोक अभियोजक नीरज सक्सेना ने बताया कि विगत 31 अगस्त 2018 को पुलिस थाना बडावदा पर इस आशय की सूचना प्राप्त हुई थी कि थाना क्षेत्र के गांव हिंगोरिया और मागरोला के बीच आम रास्ते पर एक युवक की लाश पडी हुई है। सूचना मिलने पर पुलिस ने मौके पर पंहुच कर लाश बरामद की थी। मृतक की शिनाख्त पीर हिंगोरिया निवासी परमानन्द बलाई के रुप में हुई थी,जो कि दलित युवक था।
इस मामले के अनुसंधान के बाद पुलिस ने पीर हिंगोरिया निवासी कमल पिता प्रतापसिंह गूर्जर 42 और प्रकाश पिता अनोखीलाल जाट 23 को मृतक परमानन्द की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया था। उक्त दोनो आरोपियों ने आपसी रंजिश के चलते परमानन्द की गमछे से गला घोंट कर हत्या कर दी थी।
प्रकरण के अनुसंधान के पश्चात पुलिस ने एससीएसटी एक्ट के विशेष न्यायालय में आरोपियों के विरुद्ध चालान पेश किया था। प्रकरण के विचारण के पश्चात विद्वान विशेष न्यायाधीश डीएस चौहान ने विशेष लोक अभियोजक नीरज सक्सेना के तर्कों से सहमत होते हुए आरोपियों को दोषसिद्ध करार दिया। प्रकरण के विचारण के दौरान एक आरोपी प्रकाश पिता अनोखीलाल जाट की मृत्यु हो गई थी। न्यायालय ने शेष बचे आरोपी कमल पिता प्रतापसिंह गूर्जर को परमानन्द की हत्या का दोषी पाते हुए उसे भादवि की धारा 302 के तहत आजीवन कारावास तथा दो हजार रु. अर्थदण्ड की सजा सुनाई। अर्थदण्ड अदा करने में व्यतिक्रम होने पर अभियुक्त को दो महीने का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।