November 20, 2024

ताजपुर के खेतों पर देखा गया तेंदुआ – वन विभाग ने पिंजरा लगाने की तैयारी की, रेंजर बोले जंगल केट के पग मार्क मिले

उज्जैन, 17 जनवरी (इ खबर टुडे)। शहर से मात्र 15 किलोमीटर की दुरी पर मक्सी रोड क्षेत्र में स्थित ताजपुर गांव के खेतों पर ग्रामीण पिछले दो तीन दिन से जंगली जीव से भय में हैं। कुछ ग्रामीण युवाओं ने इसे हिम्मत कर देखा और विडियो भी मोबाईल से बना लिया है ओर उनके अनुसार यह तेंदुआ है। वन विभाग को गांव के सरपंच ने सोमवार को इसकी सूचना दी है। विभाग के रेंजर मदन मोरे का कहना है कि हमारी जांच में पग मार्क जंगल केट के मिले हैं। सर्च किया जा रहा है पिंजरे लगाए जा रहे हैं। ग्रामीणों को सतर्क रहने के लिए कहा गया है।

ग्रामीणों की शिकायत के बाद ग्राम पंचायत के सचिव ने वन अधिकारी को क्षेत्र में वन्य जीव होने की सूचना से सोमवार को पत्र देकर अवगत करवाया है। सूचना मिलने के बाद से वन विभाग ने क्षेत्र में सर्चिंग शुरू कर दी और वन रक्षक सहित रेंजर एवं अन्य पहुंचे थे। जहां जहां वन्य जीव देखे जाने की जानकारी सामने आई उन क्षेत्रों एवं खेतों पर जाकर मिट्टी में पग मार्क देखे गए हैं। प्रभारी रेंजर मोरे का कहना है कि जंगल केट के पगमार्क हैं। क्षेत्र के ग्रामीणों को वन रक्षकों ने पहुंचकर समझाईश दी है कि वे अकेले खेतों पर न जाएं। हाथ में डंडा और टार्च लेकर जाएं। अपने पशुओं को घर के अंदर बाडे में ही बांधे। वन्य जीव के दिखने पर विभाग को सूचना दें ।

पूंछ लंबी,शरीर बडा,तेंदुआ ही है
ताजपुर सहित तराना एवं मक्सी रोड के गांवों में ताजपुर क्षेत्र के बने दो विडियो जमकर वायरल हो रहे हैं। गेंहु के खेत की और जाते वन्य जीव का यह विडियो वन्य जीव विशेषज्ञों को भेजकर जाना गया तो उनका सीधा कहना था कि विडियो क्लियर नहीं है फिर भी चाल ढाल साफ बता रही है कि तेंदुआ है। पग मार्क के सवाल पर उनका कहना था कि वन्यजीवों को दो तरह के पग मार्क से पहचाना जाता है जिनमें एक डाग पेटर्न होता है और दुसरा केट। तेंदुआ केट प्रजाति से ही देखा जाता है। संभवत: पग मार्क को लेकर और पहचान की आवश्यकता उन्हें हो सकती है। विभागीय स्तर पर उन्हें पुष्टि करने के लिए आधार पूर्ण चाहिए होंगे जो उनके पास अभी नहीं होंगे। विशेषज्ञ के अनुसार विडियों में पूंछ लंबी दिखाई दे रही है। शरीर की साईज लंबी है। विडियों में एक स्थान पर संबंधित जीव नटोरियस स्थिति में पलट रहा है जो तेंदुआ ही है।

2007 में तेंदुआ, 2019 में बाघ
उज्जैन में वर्ष 2007 में तत्कालीन कलेक्टर शिवशेखर शुक्ला एवं डीएफओ अर्चना शुक्ला के कार्यकाल के समय जिला मुख्यालय पर तेंदुआ पहुंच गया था। कोठी रोड 5 बंगले में निवासरत सीसीएफ सुधीरकुमार ने उसे सीधे तौर पर आमने सामने देखा था। बाद में तेंदुआ डीआईजी विपिन माहेश्वरी के बंगले के कांच के गेट को तोडकर पास में गाय एवं बछडे के पास जाकर खडे वाहन के नीचे छुप गया था। जहां से उसे बेहोश करने की कवायद की गई थी। वर्ष 2019 में तत्कालीन डीएफओ पीएन मिश्रा के समय में जिले के बडनगर के पास मोलाना गांव के नजदीक बाघ के आने की पुष्टि हुई थी। बाघ के स्टूला मिले थे और पगमार्क भी। वन विभाग ने तत्कालीन स्थिति में नजर रखते हुए बाघ का पीछा किया और उसे रतलाम जिले तक स्वच्छंदता स्थिति में ही रखते हुए रवाना किया था।

सचिव ने लिखा बाघ आ गया
ग्राम पंचायत ताजपुर के सरपंच मांगीलाल मालवीय के सचिव ने जो पत्र वन अधिकारी को लिखा उसमें बाघ देखे जाने की जानकारी दी गई है। इसके साथ ही यह भी कहा गया है कि क्षेत्र में दहशत है। कोई जनहानि न हो इसे देखते हुए रेस्क्यू कर बाघ को पिंजरे में बंद किया जाए।

ग्रामीणों की सूचना अनुसार रेंजर एवं अन्य कर्मचारियों को सर्चिंग पर लगाया गया है। ग्रामीणों को सतर्कता रखने की जानकारी दी जा रही है। अभी कुछ भी कहना ठीक नहीं है। आने जाने की स्थिति को देखते हुए पिंजरा लगाया जाएगा।
-डा.किरण बिसेन,डीएफओ,उज्जैन

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