देर से आया नाम दुरुस्त होगा …! परीक्षण अभी बाकी है
मंदसौर,14 मार्च(इ खबर टुडे / चंद्र मोहन भगत )। लंबे समय से मंदसौर के जिला कांग्रेस अध्यक्ष के नए नाम की घोषणा रुकी हुई थी । कांग्रेसी संगठन की आलोचना होने लगी थी कि यह चुनावी वर्ष में हालत यह है तो बाकी समय क्या होता रहेगा। देर से ही सही कांग्रेसी संगठन ने एक उपयुक्त सभी वर्गों की पसंद बगैर लाभ हानी के पार्टी का काम करते रहने वाले विपिन जैन को जिला अध्यक्ष बना दिया है। यह भी कि अभी तक विपिन जैन पर स्थानीय किसी वरिष्ठ नेता का हाथ भी नहीं रहा है ना ही विपिन जैन ने इस पद के लिए कोई कोशिश की थी । पर घोषणा के बाद से विपिन पर से कांग्रेस की सील से ज्यादा गहरी कमलनाथ की सील लगाई जा रही है ।
ऐसा नहीं है कि मंदसौर जिला कांग्रेस अध्यक्ष बनने के लिए किसी में कोई स्पर्धा नहीं थी। कांग्रेस का छत्रप नेताओं के बड़े-बड़े बल्लमो के नाम चल रहे थे । 65 साल के कांग्रेसी नेता भी अपने अनुभव तरकश में डालें दौड़ में शामिल थे तो 40 साल के युवा कार्यकर्ता भी। अनुभवी नेता अपने प्रतिस्पर्धीयों को ट्रैक से आउट करना चाहते थे तो अनुभवी ईल्म का प्रयोग किया सबको एक दूसरे से लड़वाया भी पर कोई प्रयोग काम नहीं आया। इसके उलट कांग्रेस हाईकमान को यह जाहिर हो गया कि इनमें से किसी को भी बनाया तो लगातार कांग्रेस का चरित्र ही आपस में उछाला जाएगा। नतीजा यह सामने आया कि जिसने कभी खुद पद पाने के लिए कोई प्रयास ही नहीं किया था उसे ही ऐसे समय में जिला कांग्रेस का तारणहार माना गया।
जबकि अध्यक्ष बनने के लिए सभी एक दूसरे के चरित्र में झांक रहे थे । विपिन अपने गरिमामय कार्यकाल के कारण जाने जाते हैं। दलोदा में रहकर जिला कांग्रेस अध्यक्ष बनने तक का सफर मैं भी उनकी अपनी भूमिका महत्वपूर्ण रही है। सबसे खास यह रहा कि विपिन जैन उन लोगों के प्रतिस्पर्धी भी नहीं थे जो इस पद को पाने के लिए प्रयासरत थे ना ही उनके विरोधी है। इनका चयन इनके काम के मेरिट पर किया गया है। विपिन जैन के नाम की घोषणा के बाद अभी तक भी कहीं किसी कोने से भी विरोध की आवाज नहीं आई है । विपिन वरिष्ठ कांग्रेसियों का सहयोग मिला तो जिलाध्यक्ष रहते मील का पत्थर साबित होंगे। नेतृत्व क्षमता और काबिलियत के धनी अपने बल पर दलौदा को सवांरने वाले जैन के साथ सब कुछ ठीक रहा तो उम्मीद कर सकते हैं मंदसौर जिले में कांग्रेस को पहले जैसी जनसाख के साथ अव्वल नंबर पर ले आएंगे।