November 23, 2024

कुमार विश्वास ने मंत्री-सांसद की मौजूदगी में संघ को बताया अनपढ़ ,वामपंथियों को कुपढ़ से नवाज

उज्जैन,22 फ़रवरी (इ खबर टुडे/ब्रजेश परमार)। उज्जैन के कालिदास अकादमी में आयोजित विक्रमोत्सव कार्यक्रम अंतर्गत “अपने-अपने राम” के दौरान कवि कुमार विश्वास ने विवादित बोल कर खुद को भाजपा के निशाने पर ला खड़ा किया है। कथा के दौरान उन्होंने उदाहरण देते हुए उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में शामिल कार्यकर्ताओं को अनपढ़ की संज्ञा दे दी और वामपंथियों को कुपढ़ से नवाज दिया।

आश्चर्य की बात यह है कि तीन दिवसीय इस आयोजन में मंगलवार रात को शिवराज सरकार के मंत्री डॉ. मोहन यादव, सांसद अनिल फिरोजिया, विधायक पारस जैन सहित आला जनप्रतिनिधि भी मौजूद थे। मध्यप्रदेश संस्कृति विभाग के सहयोग से ही यह कार्यक्रम आयोजित है। आरएसएस को अनपढ़ बताए जाने के विवादित बोल के बाद कुमार विश्वास भाजपा नेताओं के ही निशाने पर आ गए है। भाजपा प्रदेश प्रवक्ता राजपाल सिंह सिसोदिया ने ट्वीट कर अपना विरोध जताया और कहा कि उज्जैन में कथा करने आए हो कथा करो प्रमाणपत्र मत बांटो, अधूरे पढ़े-लिखे लोगो से तो हमारे कथित अनपढ़ कई गुना ज्यादा अच्छे हैं।

इसके अलावा भी कई भाजपा नेताओं ने सोशल मीडिया पर कुमार विश्वास को आड़े हाथों लिया और सार्वजनिक मंच से माफी मांगने की मांग रखी। अब देखना है कि बुधवार को दूसरे दिन कुमार विश्वास तय विषय पर बोलेंगे। इस दौरान अपने बोल पर माफी मांगते हैं या नहीं।विक्रमोत्सव अंतर्गत भगवान श्री राम व शंकर से जुड़े प्रसंगों पर कथा करने उज्जैन आए हैं कुमार विश्वास।विवादित बयान के चलते नगर निगम के पूर्व सभापति सोनू गहलोत बुधवार दोपहर कार्यक्रम के एक होर्डिंग पर लगी कुमार के फोटो पर कालिख पोत दी। यह होर्डिंग मध्यप्रदेश संस्कृति विभाग व महाराजा विक्रमादित्य शोध पीठ द्वारा लगाए गए हैं।

गहलोत ने कहा कि उनका यह बयान निंदनीय है और किसी भी सूरत में माफी योग्य नहीं है। आर एस एस के इतिहास को नहीं जानते इसलिए बेतुके बयान दे रहे हैं। इधर कुमार ने बुधवार को एक विडियो क्लीप से बयान जारी कर कहा है कि उन्होंने स्वास्थ्य खराब होने के बाद भी करीब ढाई घंटे कथा पर बोला इस दौरान उनके कार्यालय में काम करने वाले बालक के संदर्भ में यह कहा था जो कि पढता नहीं है और तर्क करता है। यह संयोग ही है कि वह संघ में है।उनका कहना था कि जो में बोल रहा हुं उसे उसी संदर्भ में ले जिसमें में बोल रहा हुं उसे दुसरे संदर्भ में नहीं जोड़ा जाना चाहिए।

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