आबकारी नीति मामले में केजरीवाल की बढ़ी मुश्किलें, एलजी ने ईडी को दी केस चलाने की अनुमति
नई दिल्ली,21दिसंबर(इ खबर टुडे)। अगले के साल के शुरू में होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव से ठीक पहले अरविंद केजरीवाल को तगड़ा झटका लगा है। उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने आम आदमी पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल पर आबकारी नीति मामले में मुकदमा चलाने के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को मंजूरी दे दी है।
ईडी का आरोप है कि केजरीवाल ने 100 करोड़ रुपये की रिश्वत ली और निजी संस्थाओं को अनुचित लाभ पहुंचाया। दूसरी ओर, आम आदमी पार्टी ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि दो साल की जांच में एक भी पैसा बरामद नहीं हुआ है।
चुनाव से पहले केजरीवाल को झटका
प्रवर्तन निदेशालय ने इस महीने की शुरुआत में दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल पर मुकदमा चलाने की अनुमति मांगी थी। अब उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने उपराज्यपाल वीके सक्सेना आबकारी नीति मामले में ईडी को मुकदमा चलाने की अनुमति दे दी है। ED का दावा है कि आबकारी नीति बनाने और कार्यान्वयन में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है। यह मामला 17 मई को राउज एवेन्यू कोर्ट में दायर अभियोजन शिकायत संख्या 7 में दर्ज है। कोर्ट ने 9 जुलाई को शिकायत पर संज्ञान लिया था।
AAP ने ईडी के आरोपों को किया खारिज
वहीं दिल्ली की सत्ताधारी आम आदमी पार्टी ने ईडी के आरोपों को सिरे से खारिज किया है। पार्टी का कहना है कि कथित शराब घोटाले की जांच दो साल से चल रही है, 500 लोगों को परेशान किया गया है। 50,000 पन्नों के दस्तावेज दाखिल किए गए हैं, और 250 से अधिक छापे मारे गए हैं। हालांकि, इस कार्रवाई में एक भी पैसा बरामद नहीं हुआ है। AAP ने यह भी कहा कि पिछले वर्षों में विभिन्न अदालती आदेशों द्वारा मामले में कई खामियां उजागर की गई हैं। बीजेपी का असली लक्ष्य किसी भी तरह से AAP और अरविंद केजरीवाल को परेशान करना है।
ईडी ने केजरीवाल पर लगाए आरोप
ईडी ने शिकायत में आरोप लगाया गया है कि केजरीवाल ने ‘साउथ ग्रुप’ के सदस्यों संग मिलकर 100 करोड़ रुपये की रिश्वत ली। उन्होंने कस्टम मेड शराब नीति बनाकर और लागू करके निजी संस्थाओं को अनुचित फायदा पहुंचाया। ED का कहना है कि साउथ ग्रुप को विभिन्न शराब दुकानों में हिस्सेदारी सुनिश्चित की गई थी। उन्हें आबकारी नीति 2021-22 के उद्देश्यों के विरुद्ध कई खुदरा क्षेत्र रखने की अनुमति दी गई थी।