December 26, 2024

J&K: सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ में मार गिराए तीन आतंकी, एक पुलिसकर्मी भी शहीद

naxal encounter

श्रीनगर,17 अक्टूबर(इ खबर टुडे)। जम्मू-कश्मीर की ग्राष्मकालीन राजधानी श्रीनगर में बुधवार सुबह सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ हुई है। फतेह कदल इलाके में हुई इस मुठभेड़ के दौरान सुरक्षाबलों ने तीन आतंकियों को मार गिराया। हालांकि, इस दौरान आतंकियों की गोली से जम्मू-कश्मीर पुलिस का एक जवान भी शहीद हो गया।

श्रीनगर के एसएसपी इम्तियाज इस्माइल पर्रे ने बताया कि कार्रवाई में तीन आतंकवादियों को मारा गया है। राज्य पुलिस विशेष अभियान दल (एसओजी) का एक जवान भी शहीद हुआ है। शहीद जवान का नाम कमल था और वह जम्मू संभाग में जिला रियासी का रहने वाला था।

श्रीनगर के एसएसपी इम्तियाज इस्माइल पर्रे ने बताया कि कार्रवाई में तीन आतंकवादियों को मारा गया है। राज्य पुलिस विशेष अभियान दल (एसओजी) का एक जवान भी शहीद हुआ है। शहीद जवान का नाम कमल था और वह जम्मू संभाग में जिला रियासी का रहने वाला था।

बताया जा रहा है कि मंगलवार देर रात सुरक्षाबलों को फतेह कदल इलाके में कुछ आतंकियों के छिपे होने की जानकारी मिली थी। जिसके बाद अर्धसैनिक बल और स्थानीय पुलिस ने साथ मिलकर अभियान चलाया। इस मुठभेड़ के दौरान आतंकी ठिकाना बना मकान भी तबाह हो गया है। प्रशासन ने एहतियात के तौर पर श्रीनगर के विभिन्न हिस्सों में कर्फ्यू लागू करने के साथ ही पूरे इलाके में शिक्षण संस्थानों में अवकाश घोषित कर दिया है।

इस ऑपरेशन के बाद राज्य के डीजीपी दिलबाग सिंह ने कहा, ‘जम्मू-कश्मीर पुलिस और सीआरपीएफ के संयुक्त दल ने बीती रात सूचना के आधार पर अभियान चलाया। आतंकियों के ठिकाने पर पहुंचकर उन्होंने फायरिंग शुरू कर दी। इसमें हमारे जवान कमल किशोर शहीद हो गए।’ उन्होंने आगे बताया, ‘तीन आतंकियों के शव बरामद कर लिए गए हैं। जिनमें से दो की पहचान हुई है। एक आतंकी मेहराज-उद-दिन बंगारू था जबकि दूसरे का नाम मुश्ताक वजा था। उनके पास से हथियार और गोला बारूद बरामद किया गया है। मेहराज हत्याओं, हथियारों की झपटमारी और मुश्ताक आतंकी गतिविधियों जैसे अपराधों में शामिल था।’

कुछ महीने पहले ही एसओजी में शामिल हुआ था शहीद कमल

श्रीनगर के फतेह कदम इलाके में सुरक्षाबलों आैर आतंकियों के बीच हुई मुठभेड़ में शहीद हुआ कमल कुमार जिला रियासी से लगभग चार किलोमीटर की दूरी पर स्थित ग्राम मोड़ का रहने वाला था। कमल कुमार के पिता पेशे से किसान हैं। माता-पिता के अलावा घर में बड़ा भाई और दो बहनें भी है। कमल का भाई भी जम्मू-कश्मीर पुलिस में अपनी सेवाएं दे रहा है। शहीद कमल कुमार का अभी विवाह नहीं हुआ था। वह पिछले दस वर्ष से जेकेपी में था, हाल ही में कुछ महीने पहले उसको एसओजी में लिया गया था। ग्राम मोड़ के लोगो के अनुसार कमल काफी बहादुर था। उसकी शहादत की खबर जैसे ही गांव पहुंची उसके घर पर लोगों का जमावड़ा लग गया। कमल का अंतिम संस्कार वीरवार को किया जाएगा।

तहरीक-उल-मुजाहिदीन का सक्रिय कमांडर था महराजुदीन

महराजुदीन बांगरु एक रिसाइकल्ड आतंकी है। फतेहकदल के मलिक आंगन का रहने वाला महराजुदीन बांगरु उर्फ पीर उर्फ गुरु उर्फ आसिफ कभी हिजबुल मुजाहिदीन के नामी आतंकियों में था। सुरक्षाबलों द्वारा गिरफतार किए जाने के बाद वह काफी देर जेल में बंद रहा। जेल से रिहा होने के कुछ सालों तक उसने आतंकवाद से कोई नाता नहीं रखा। बाद में वह कट्टरपंथी सईद अली शाह गिलानी के नेतृत्व वाली हुर्रियत कांफ्रेंस से जुड़ गया। कुछ समय बाद उसने फिर श्रीनगर में आतंकी गतिविधियों में बतौर ओवरग्राऊंड वर्कर हिस्सा लेना शुरु किया। उसने तहरीक-उल-मुजाहिदीन का नेटवर्क बनाना शुरु किया। डाऊन-टाऊन के नौहाटा व उसके साथ सटे इलाकों में उसने स्थानीय युवकों का एक दल भी तैयार किया जो आईएसआईएस की विचारधारा से प्रभावित थे। इनमें सज्जाद गिलकार भी था। वर्ष 2015 में महराजुदीन बांगरु श्रीनगर से गायब हो गया। तहरीक-उल-मुजाहिदीन का एक सक्रिय कमांडर बन गया। उसके साथ ही उसने श्रीनगर व उसके साथ सटे इलाकों में नए लड़कों की भर्ती शुरु करते हुए दक्षिण व सेंट्रल कश्मीर में सक्रिय पुराने आतंकियों के साथ समन्वय बनाया। वह हिज्ब और लश्कर के आतंकियों के बीच एक कोआर्डिंनेटर की भूमिका भी निभाने लगा। उसने ही दाऊद सलाफी, इसा फाजली, मुगीस, फैजान समेत कई युवकों को आतंकी संगठनों में शामिल कराया। इनमें से कई लड़कों ने आईएसआईएस और जाकिर मूसा का गुट भी चुना। तहरीक-उल-मुजाहिदीन के चीफ कमांडर जमील उल रहमान के साथ मतभेदों के चलते बीते साल वह लश्कर में शामिल हो गया था।

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