mainकारोबार

ITR : फर्जी रेंट रिसिप्ट का इस्तेमाल किया तो पकड़े जाएंगे, फर्जी रेट रिसिस्ट को कैसे पकड़ता है विभाग जानिए

itr hindi news:आरटीआई दा​खिल करने की तारीख 31 मार्च नजदीक आ गई है, इस दौरान आपको सच्चाई व ईमानदारी से आईटीआर दा​खिल करनी चाहिए। यदि आपने कोई फर्जी रेंट रिसिप्ट दी तो आप पकड़े जाएंगे। ऐसे में आपको इनकम टैक्स के जुर्माने से बचना है तो सही-सही आईटीआर दा​खिल करें और यदि आप टैक्स की स्लैब में आते हैं तो टैक्स जरूर अदा करें।
काफी लोग निवेश के अलग-अलग माध्यम अपनाते हैं। सभी लोगों के लिए आईटीआर दा​खिल करना जरूरी है। काफी लोग अपने निवेश से कमाए पैसे को बचाने के लिए आरटीआई भरते समय फर्जीवाड़ा करते हैं ताकि वह टैक्स से बच सकें।

यदि आप ऐसा करते हैं तो जरा सावधान। ऐसा करना मुमकिन नहीं है। टैक्स बचाने के चक्कर में आप गलत काम कर रहे हैं। इनम टैक्स विभाग आपके हर लेनदेन पर नजर रख रहा है। ऐसे में यदि आप किसी फर्जीवाड़े में पकड़े गए तो आपको ज्यादा जुर्माना देना पड़ सकता है। इसके अलावा आप पर कुछ अन्य पैनल्टी भी लग सकती हैं। अब ऐसे लोगों पर आयकर विभाग ने अपना ​शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। यह लोग अब विभाग की पैनी नजरों नही बच पाएंगे।


एआई का हो रहा अब इस्तेमाल
इनकम टैक्स विभाग ने अब एआई का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। एआई यानि आर्टीफि​शियल इंटेलिजेंस आपके हर प्रकार के फर्जीवाड़े पर नजर रखे हुए है। जब से इनकम टैक्स विभाग ने एआई का इस्तेमाल करना शुरू किया है, तब से बहुत से फर्जी रेंट रिसिप्ट के मामले पकड़े गए हैं। विभाग अब फार्म-16 का एएआई के माध्यम से फार्म-26एएस के साथ मिलना करता है। ऐसे में आप यदि कोई फर्जीवाड़ा करते हैं तो तुरंत यह पकड़ में आ जाता है।


तुरंत पकड़ा जाता है अंतर
एआई के माध्यम से इनकम टैक्स विभाग आपके पैन कार्ड से संबं​धित सभी प्रकार के ट्रांजेक्शन पर नजर रखता है। आपके पैन कार्ड में सभी प्रकार के ट्रांजेक्शन दर्ज होते हैं। एआई के माध्यम से इन सभी फार्मों का मिलान किया जाता है। एएआई तुरंत फार्म में अलग-अलग ट्रांजेक्शन दर्ज को पकड़ लेता और अंतर सामने आ जाता है। ऐसे में तुरंत यह फर्जीवाड़ा पकड़ा जा सकता है।


मकान मालिक का पैन नजर भी दर्ज
यदि कोई कर्मचारी एक लाख रुपये से अ​धिक का किराया चुकाता है तो उसे मकान मालिक का पैन नंबर भी देना होता है। हाउस रेंट अलाउंस से जुड़ा एक नियम यह है कि एचआरए का डिडक्शन कर्मचारी तभी क्लेम कर सकता है, जब एचआरए उसे कंपनी की तरफ से मिल रहा है। जब वह मकान मालिक का पैन नंबर देता है तो तुरंत सभी प्रकार के फर्जीवाड़े पकड़ में आ जाते हैं।


दोनों पैन नंबरों से मिलान
आयकर विभाग अपने एआई के माध्यम से एचआरए के तहत किए गए क्लेम अमाउंट का मकान मालिक के पैन नंबर से मिलान करता है। दोनों के पैन नंबर यदि मिलान सही नहीं मिलता है तो तुरंत यह फर्जीवाड़ा पकड़ा जाता है। जो भी आप ट्रांजेक्शन करते हैं वह सभी एआईएस फार्म में लिती होती हैं तथा पैन नंबर में दर्ज होती है। ऐसे में आप तुरंत पकड़े जाएंगे।


क्यों करते हैं लोग फर्जीवाड़ा
हर कोई कर्मचारी एचआरए को लेकर फर्जीवाड़ा करने की को​शिश करता है। इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि कर्मचारी हाउस रेंट के माध्यम से अपनी कमाई पर टैक्स बचाना चाहते हैं। यदि आपने कोई मकान किराए पर लिया है और उसका किराया 20 हजार रुपये प्रति महीना है और इसे आप सालाना दो लाख 40 हजार रुपये दिखाते हैं, तो आपको दो लाख 40 हजार रुपये पर टैक्स नहीं देना पड़ा। इसलिए टैक्स बचाने के चक्कर में यह सब कुछ आप ज्यादा दिखा देते हैं।

Back to top button