इजराइल ने किया 1600 ठिकानों पर हमला, लेबनान में जान बचाकर भाग रहे लोग, 500 की मौत
इजराइल,24सितंबर(इ खबर टुडे)। गाजा के बाद अब लेबनान को श्मशान बनाने में जुटे इजरायल ने हिजबुल्लाह के आतंक के खिलाफ ऐक्शन शुरू कर दिया है। इजरायली सेना ने दो दशक में सबसे बड़ा अटैक किया। लेबनान में हिजबुल्लाह के 1600 ठिकानों पर एक साथ धावा बोला। इजरायली हमले में इतनी तबाही मच गई कि लोग जान बचाकर भागते नजर आए।
इजरायली हमले में मरने वालों की संख्या 500 पहुंच गई है, जिसमें 90 महिलाएं और बच्चे हैं। घायलों की संख्या हजारों में हैं। लेबनान स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि मरने वालों की संख्या अभी और बढ़ सकती है। उधर, हिजबुल्लाह के खिलाफ महायुद्ध का बिगुल फूंक चुके इजरायल ने अपने यहां भी एक हफ्ते की इमरजेंसी जारी कर दी है। इजरायल पर ईरान समर्थित हिजबुल्लाह के भी काउंटर अटैक का खतरा मंडरा रहा है।
इजरायली सेना ने लेबनान को दूसरा गाजा बनाने की तैयारी शुरू कर दी है। सोमवार को इजरायली सेना ने इतने भीषण हवाई हमले किए कि पूरा लेबनान थर्रा गया। हवाई हमलों में मरने वालों की संख्या 500 पहुंच गई है।
इजरायली सेना ने हमले के बाद बयान में कहा कि उसने हिजबुल्लाह के 1600 ठिकानों को निशाना बनाया। आईडीएफ ने तस्वीरों के साथ बयान जारी किया कि लेबनान में हिजबुल्लाह ने आम लोगों के घरों को अपना शस्त्रागार बनाकर रखा था। सेना पहले ही आम लोगों को चेतावनी दे चुकी थी कि वे हिजबुल्लाह के ठिकानों से दूर चले जाएं।
नेतन्याहू की लेबनान के लोगों से फिर अपील
हमलों के कुछ घंटों बाद, प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने लेबनानी लोगों से संपर्क किया और उनसे हिजबुल्लाह के लिए मानव ढाल न बनने का अनुरोध किया। नेतन्याहू ने अपने संदेश में कहा कि उनका निशाना हिजबुल्लाह हैं क्योंकि उसने हमारी उत्तरी सीमा में लगातार हमलों से इजरायली लोगों का जीना दुश्वार कर दिया है। उत्तरी सीमा पर रह रहे लोग लगातार पलायन कर रहे हैं। हमारा काम उन्हें फिर से उनका घर देना है। इसके लिए हिजबुल्लाह को मिटाना जरूरी है।
इजरायल में भी इमरजेंसी
हिजबुल्लाह के तजे होते संघर्ष को देखते हुए इजरायल सरकार ने भी देशभर में हफ्तेभर की इमरजेंसी घोषित कर दी है। रक्षा मंत्री योआव गैलेंट के प्रस्ताव के बाद सोमवार शाम को यह घोषणा की गई। इस निर्णय को होम फ्रंट कमांड को बढ़ती सुरक्षा चिंताओं के मद्देनजर जारी किया गया है। इमरजेंसी आगामी 30 सितंबर तक जारी की गई है। घोषणा में कहा गया है, “संघर्ष में हाल के घटनाक्रमों और पूरे देश में नागरिकों पर हमलों की उच्च संभावना के कारण यह निर्णय लिया गया है।