ISIS की मदद से तिहाड़ तोड़ने की फिराक में आतंकी भटकल? बढ़ी सुरक्षा
नई दिल्ली, 03 फरवरी(इ खबर टुडे)।आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिदीन (IM) के आतंकी यासीन भटकल को तिहाड़ जेल में शिफ्ट किए जाने के बाद से तिहाड़ जेल की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। खुफिया जानकारी के मुताबिक, इंडियन मुजाहिदीन का सह-संस्थापक यासीन भटकल आतंकी संगठन ISIS की मदद से जेल से भाग निकलने की फिराक में है। 2013 के हैदराबाद बम ब्लास्ट केस में यासीन भटकल समेत 4 लोगों को हैदराबाद कोर्ट ने दिसंबर में मौत की सजा सुनाई थी।
साल 2015 की शुरुआत में सुरक्षा एजेंसियों ने यासीन भटकल की अपनी पत्नी को की गई एक कॉल को इंटरसेप्ट किया था। अपनी पत्नी के साथ बातचीत में यासीन ने सीरिया से मदद के सहारे जेल से बाहर आने की बात कही थी। यह पहली बार नहीं है जब यासीन ने आतंकी संगठन ISIS का जिक्र किया हो। भारत-नेपाल की सीमा से जब उसे गिरफ्तार किया गया था तो भी उसने अंगुली उठाते हुए IS लड़ाकों का सिग्नेचर पोज बनाया था।
सूत्रों के मुताबिक, भटकल को जेल नंबर 1 में रखा गया है। मौत की सजा पाने के कारण यासीन भटकल को एकान्त कारावास में रखा गया है। जेल के बाहर गार्ड्स और सीसीटीवी कैमरे मौजूद हैं जो 24 घंटे उस पर नजर बनाए हुए हैं।
जेल के भीतर आत्महत्या करने से रोकने के लिए सिमी सरगना को सूइसाइड वॉच पर रखा गया है। उसे बिना नाड़े वाला पैजामा दिया जाता है। उसके कमरे की छत पर कोई हुक नहीं है और न ही उसे तौलिया रखने दिया जा रहा है। सप्ताह में दो बार उसे अपने घर वालों से टेलिफोन पर बात करने की इजाजत है।
भारत में इंडियन मुजाहिदीन का पूर्व प्रमुख यासीन भटकल 2015 में हैदराबाद जेल में था जब उसने अपनी पत्नी से फोन पर सीरिया से मदद मिलने की बात कही थी। इस वजह से इस बात की आशंका जताई जा रही है कि जिहादी को जेल से भागने में आतंकी संगठन ISIS से मदद मिल सकती है।
पांच मिनट की बातचीत में यासीन को अपनी पत्नी जहीदा से कहते हुए सुना गया, ‘दमिष्क से लोग मदद कर रहे हैं, मैं जल्द ही रिहा हो जाऊंगा।’ उसने अपनी पत्नी को 27 कॉल्स की थीं। आतंकी यासीन की पत्नी साउथ-ईस्ट दिल्ली के जामिया नगर में रहती है। एजेंसियों को यह भी सूचना मिली है कि इंडियन मुजाहिदीन कमांडर न्यायिक हिरासत के दौरान मिले कुछ आपराधिक तत्वों के भी संपर्क में है।
दिसंबर 2016 में एनआईए स्पेशल कोर्ट ने बम धमाकों के मामले में यासीन भटकल और चार अन्य लोगों को मौत की सजा सुनाई थी। इन 4 की पहचान तहसीन अख्तर, जिया-उर्र रहमान, असदुल्लाह अख्तर और ऐजाज शेख के तौर पर की गई थी।