December 24, 2024

Vyapam scam : बेगुनाह को मिली व्यापमं घोटाले की सजा, दो साल से न्याय की आस में बस स्टॉप पर काट रही जिंदगी

vyapam

ग्वालियर,25मार्च(इ खबर टुडे)। मध्य प्रदेश का बहुचर्चित व्यापमं घोटाले की फाइलें अब धीरे-धीरे बंद हो रही हैं। लेकिन उस घोटाले से पीड़ित लोगों को जख्म वक्त बीतने के बाद भी नहीं भर पा रहे हैं। इस घोटाले की आंच में तबाह हुए कुछ लोग या तो सड़कों पर आ गए हैं या फिर जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहे हैं। घोटाले का ऐसा ही एक मामला ग्वालियर जिले के गजराराजा मेडिकल कॉलेज से जुड़ा हुआ है। कॉलेज की रिकॉर्ड इंचार्ज संजू उइके को 2019 में बर्खास्त कर दिया गया था, जिसके बाद उन्होंने हर स्तर पर कोशिश की लेकिन उन्हें कोई मदद नहीं मिली। बीते दो सालों से वे हाईकोर्ट के रास्ते में आने वाले एक बस स्टॉप पर पागलों के जैसी जिंदगी जी रही हैं।

कॉलेज प्रबंधन के व्यवहार ने संजू उइके को पूरी तरह से तोड़ दिया है। वह बीते दो साल से फुटपाथ पर पागलों की तरह जिंदगी काट रही हैं। जब भी कोई शख्स उनके पास जाता है, तो वह उसे भगा देती है और पत्थरों से मारती है। जब उनसे कोई व्यापमं के बारे में पूछता है तो वे उसे अपशब्द कहती हैं और उसे दूर होने के लिए कहती हैं।

संजू उइके 2019 तक ग्वालियर के मेडिकल कॉलेज की रिकॉर्ड शाखा की प्रभारी थी। वह शॉर्ट हैंड की टाइपिस्ट का काम भी किया करती थीं। लेकिन 2019 में उन्हें कॉलेज प्रबंधन ने यह कहकर बाहर का रास्ता दिखा दिया कि वह कॉलेज में अनुपस्थित रहती हैं। इसे लेकर उन्होनें हर स्तर पर गुहार लगाई, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। व्यापमं फर्जीवाड़े का सबसे बड़ा केंद्र गजराराजा मेडिकल कॉलेज को माना जाता है। वहीं, कॉलेज प्रबंधन के लोग इसी मामले को लेकर संजू उइके को मानसिक रूप से प्रताड़ित करते थे।

संजू उइके के वकील उमेश बोहरे ने हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच में एक याचिका भी लगाई है, जिसमें उन्होंने कॉलेज प्रबंधन पर, उइके को मानसिक रूप से प्रताड़ित करने और नौकरी को लेकर सवाल खड़े किए हैं। साथ ही ये भी कहा है संजू उइके को मेडिकल कॉलेज के अफसर फंसाना चाहते थे। लगातार उस पर गलत काम करने का दबाव बनाया जा रहा था। जब उसने बात नहीं मानी, तो कॉलेज प्रबंधन ने उसे, बोर्ड के जरिए बाहर का रास्ता दिखा दिया है।

मेडिकल कॉलेज की स्टेनो टाइपिस्ट संजू उइके की हालत मौजूदा दौर में बेहद खराब है। वह हाईकोर्ट के पास मौजूद बस स्टॉप पर बीते 2 सालों से न्याय की उम्मीद में बैठी हुई हैं। हालांकि उसका सिस्टम से विश्वास उठ गया है। वह कहती है कि इंडिया में अब कोई सिस्टम नहीं है। कोई भी कुछ भी कर सकता है, जैसा उसके साथ कर दिया गया है। वहीं व्यापमं फर्जीवाड़े के व्हिसिल ब्लोअर आशीष चतुर्वेदी भी संजू उइके से मिले हैं। वह भी उसकी हालत को देखकर चिंतित है। क्योंकि संजू से कॉलेज प्रबंधन ने मुंह मोड़ लिया है।

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