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भारत का इकलौता टैक्स फ्री राज्य, जहां करोड़पति भी नहीं देते टैक्स

देश में कहीं भी टैक्स के लिए कोई माफी नहीं है। जो लोग अपनी कमाई करते हैं। उनको अपनी आय पर टैक्स देना पड़ता है, लेकिन देश में एक ऐसा भी राज्य है, जिनके लोगों को कितनी भी कमाई करने के बावजूद टैक्स नहीं देना पड़ा। इस राज्य को टैक्स फ्री घो​षित किया गया है। यह राज्य है सि​क्किम। आइये हम आपको बताते हैं, इस राज्य के बारे में और अ​धिक जानकारियां।


एक अप्रैल से नया वित्तवर्ष शुरू होने जा रहा है। इस नए वित्तवर्ष में टैक्स से संबं​धित कुछ नियम बदलने जा रहे हैं। जिन लोगों की आय एक लिमिट से ज्यादा होती है तो उनको सरकार को टैक्स देना पड़ता है। टैक्स की दर अलग-अलग सलैब में अलग-अलग निर्धारित की गई है। देश का सि​क्किम राज्य ऐसा राज्य है, जहां के लोगों को टैक्स नहीं देना पड़ता। चाहे यह लोग कितनी भी कमाई कर लें। यहां के अमीरों की आय चाहे अरबों रुपये हो, चाहे करोड़ों, उनको एक भी पैसा टैक्स नहीं देना पड़ता। यहां के लोगों को टैक्स की सभी प्रकार के नियमों से बाहर रखा गया है।


1961 की धारा 10 (26AAA) के तहत मिली छूट
सि​क्किम राज्य के लोगों को 1961 की धारा 10 (26AAA) के तहत छूट मिली है। इस धारा के कारण इस राज्य के लोगों को कोई टैक्स नहीं देना पड़ता। ऐसे में लोग यहां पर कितनी भी कमाई करें, उनको टैक्स का एक भी रुपया नहीं देना पड़ता।


छूट का कारण
सि​क्किम राज्य के लोगों को इस धारा के कारण छूट देने के पीछे भी एक कारण है। सि​​क्किम राज्य 1975 में भारत में शामिल हुआ था। 1975 से पहले सि​क्किम भारत का हिस्सा नहीं था। जब इस राज्य को भारत में शामिल करने के प्रयास हुए तो इस राज्य के कर्ताधर्ताओं ने टैक्स में छूट की मांग रखी। यहां के अ​धिकारियों ने भारत के सामने यह शर्त रखी कि वह अपने राज्य के कानून और स्पेशल स्टेटस को बरकरार रखेंगे। यदि भारत सरकार इस शर्त को मान लेती है तो वह भारत में विलय कर सकते हैं। इसके बाद भारत सरकार ने सि​क्किम राज्य की इस शर्त को मान लिया और सि​क्किम भारत का हिस्सा बन गया। सिक्किम को संविधान की धारा 371-एफ के तहत विशेष राज्य का दर्जा भी दिया गया।

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