May 17, 2024

उज्जैन भाजीबीनि में फर्जी आधार पर बीमा पालिसी का मामला सामने आया

-युवती ने एजेंट की परीक्षा के लिए दस्तावेज दिए,बगैर अनुमति के पालिसी बना दी

उज्जैन,30 जनवरी (इ खबरटुडे/ब्रजेश परमार )।भारतीय जीवन बीमा निगम के उज्जैन शाखा-2 में फर्जी पालिसी किए जाने का मामला सामने आने के बाद निगम के मंडल कार्यालय से लेकर उज्जैन तक हड़कंप मचा हुआ है।मामले में जांच शुरू की गई है।नोटिस देकर विकास अधिकारी एवं एजेंट से जवाब तलब किए जाने की जानकारी सामने आ रही है।

भारतीय जीवन बीमा निगम की दशहरा मैदान शाखा से नानाखेड़ा संजय नगर निवासी युवती की माह अक्टुबर 2020 में 75 हजार रूपए 20 वर्षों के लिए सितंबर 2040 तक की बगैर अनुमति की 300 सौ रूपए प्रति माह की फर्जी पालिसी की गई थी।इसका खुलासा माह दिसंबर में हुआ।

युवती के घर शाखा से पहुंचे पत्र ने इसका खुलासा किया। पत्र के आधार पर युवती के परिजनों ने जब भारतीय जीवन बीमा निगम की संबंधित शाखा से जानकारी ली तो मामला सामने आया।युवती एवं उसके पिता ने आवेदन देकर पालिसी के दस्तावेज मांगे जिसमें स्पष्ट हुआ कि आवेदक एवं प्रस्तावक के स्थान पर फर्जी हस्ताक्षर किए गए हैं।

युवती के परिजन के अनुसार मामले में अधिक जानकारी में सामने आया कि युवती ने बीमा एजेंट बनने के लिए फ्रीगंज सनसाईन टावर स्थित एक कार्यालय में भारतीय जीवन बीमा निगम के एक विकास अधिकारी को दस्तावेज दिए थे। इसके बाद उसे संबंधित ने परीक्षा में शामिल होने के लिए सूचना देने का कहा था।परीक्षा में बैठने के लिए युवती को सूचित भी किया गया, युवती की परीक्षा फीस भी परबारे ही जमा करवा दी गई लेकिन वह व्यक्तिगत कारणों से वह शामिल नहीं हो सकी।उसके दस्तावेजों का दुरूपयोग करते हुए संबंधितों ने बगैर अनुमति के पालिसी कर दी ।

दिसंबर में भारतीय जीवन बीमा निगम का पत्र आने पर परिजनों के सामने फर्जी पालिसी की जानकारी सामने आई ।जानकारी सामने आने पर पहले युवती के पिता ने शाखा प्रबंधक से दस्तावेजों की मांग की जिस पर युवती के व्यस्क होने की स्थिति में नियम बता कर उन्हे मना कर दिया गया।

बाद में युवती ने स्वयं आवेदन देकर स्पष्ट रूप से कहा कि उसने कोई पालिसी नहीं ली है उसके दस्तावेजों का दुरूपयोग किया गया है। उपयोग किए गए दस्तावेज की प्रतिलिपि मांगी और वैधानिक कार्रवाई का आवेदन में जिक्र किया ।इस आधार पर युवती को शाखा प्रबंधक ने नियमानुसार दस्तावेज उपलब्ध करवाए हैं।

बगैर अनुमति पालिसी पर उठ रहे सवाल-
बगैर अनुमति पालिसी पर सवाल खडे हो रहे हैं।नए एजेंट ने अगर लक्ष्य पूर्ति के लिए बगैर अनुमति के पालिसी की है तो उसके पीछे कारण क्या रहा है।संबंधित पालिसी में प्रस्तावक कौन और कैसे बना? भारतीय जीवन बीमा निगम एजेंटो को प्रतिमाह स्टायफंड उपलब्ध करवाता है।

अगर सिर्फ सालाना स्टायफंड के लिए यह पालिसी की गई है तो संबंधित बीमा धारक को विश्वास में क्यों नहीं लिया गया।शंका इस बात को भी जन्म दे रही है कि कहीं भारतीय जीवन बीमा निगम में भाई भतीजावाद को बढ़ावा देने के साथ स्टायफंड की बंदरबांट की वजह तो यह पालिसी नहीं रही है।इस पालिसी से ऐसे कई सवाल अनुत्तरित होकर भारतीय जीवन बीमा निगम के वरिष्ठ अधिकारियों के सामने यक्ष की तरह खडे हैं।

उज्जैन में हो चुका है पालिसी कांड-
गौरतलब है कि उज्जैन में 15 वर्ष के दरमियान एक पालिसी कांड हो चुका है, जिसमें लोगों की करोडों की पालिसी किए जाने के बाद उनकी हत्या कर पालिसी का पैसा हजम किया गया।संबंधित मामले का खुलासा होने पर पुलिस ने अपराधियों को पकड़ा,बाद में उन्हे न्यायालय से सजा हुई है।

-मामले में मंडल कार्यालय से जांच शुरू हो गई है।युवती के दस्तावेज मांगे जाने पर नियमानुसार उन्हे रजिस्टर्ड डाक से घर भेजे गए हैं।संबंधित विकास अधिकारी एवं एजेंट से जांच में जवाब मांगा गया है -राहुल भटनागर,शाखा प्रबंधक, भाजीबीनि शाखा-2 उज्जैन

-मेरी जानकारी में ऐसा मामला नहीं आया है।गंभीर है मामला। जानकारी लेकर जांच करवाएंगे- प्रकाश सिन्हा,वरिष्ठ मंडल प्रबंधक,भाजीबीनि,मंडल-इंदौर मंडल

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