December 25, 2024

जहरीली शराब का झूठा प्रकरण बनाने के मामले में कोर्ट ने दिए माणकचौक थाने के सीसीटीवी फुटेज सुरक्षित रखने के आदेश,बढ सकती है माणक चौक पुलिस की मुश्किलें

police druk

रतलाम,1 मई (इ खबरटुडे)। कसेरा बाजार निवासी एक व्यक्ति को जहरीली शराब के केस में आरोपी बनाए जाने के मामले में न्यायालय ने माणक चौक थाने का सीसीटीवी फुटेज और डीवीआर को सुरक्षित रखकर न्यायालय में पेश करने का आदेश दिया है। इस मामले में न्यायालय ने माणकचौक पुलिस की भूमिका पर भी प्रश्न उठाए है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, कसेरा बाजार निवासी दीपक कसेरा को माणकचौक पुलिस ने 21 अप्रैल 23 को दोपहर एक बजे कसेरा बाजार से पकडा था और फिर उसके खिलाफ जहरीली शराब का प्रकरण बना दिया गया था। आरोपी दीपक कसेरा फिलहाल जमानत पर है।

दीपक कसेरा ने अपने अभिभाषक रोहित शर्मा के माध्यम से जिला न्यायालय की न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी कृतिका सिंह के समक्ष दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 91 के तहत एक आवेदन प्रस्तुत कर माणकचौक थाने की सीसीटीवी फुटेज न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत करवाने के लिए दिया था। आवेदक दीपक का कहना था कि सीसीटीवी फुटेज सामने आने से स्पष्ट हो जाएगा कि पुलिस ने उसे झूठे केस में फंसाया है,क्योंकि जब उसे थाने ले जाया गया था,उसके पास कुछ भी नहीं था। यह बात सीसीटीवी फुटेज में साफ नजर आ जाएगी। आरोपी दीपक कसेरा ने इस मामले में कसारा बाजार के सीसीटीवी की फुटेज भी न्यायालय में प्रस्तुत की,जहां से उसे पुलिस कर्मियों ने पकडा था। उस समय उसके पास कुछ भी नहीं था।

मामला तब उलझा,जब माणकचौक पुलिस ने इस आवेदन के जवाब में न्यायालय के समक्ष एक लिखित प्रतिवेदन प्रस्तुत कर यह जानकारी दी कि माणकचौक थाने के सीसीटीवी 16 मार्च से अचानक बन्द हो गए थे। इसलिए सीसीटीवी फुटेज उपलब्ध नहीं कराए जा सकते। माणकचौक थाने के प्रतिवेदन में उस दिनांक का रोजनामचा भी पेश किया गया।

न्यायालय ने माणकचौक थाना प्रभारी द्वारा प्रस्तुत प्रतिवेदन को संदिग्ध मानते हुए पुलिस अधीक्षक को निर्देशित किया है कि वे माणकचौक थाने के सीसीटीवी की डीवीआर को अविलंब रुप से सुरक्षित रखने की कार्यवाही करें और उक्त डीवीआर को न्यायालय में प्रस्तुत किया जाए,जिससे कि अभियुक्त को अपने बचाव के पर्याप्त साक्ष्य उपलब्ध हो सके । इसके साथ ही पुलिस अधीक्षक को माणकचौक थाने के सीसीटीवी खराब होने और उसके बाद की गई कार्यवाही के सम्बन्ध में जांच कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश भी न्यायालय ने दिए है।

न्यायालय के आदेश से माणकचौक पुलिस की मुश्किलें बढना तय है। यदि थाने के सीसीटीवी सचमुच में 16 मार्च से बन्द थे और यदि माणकचौक पुलिस ने उसे ठीक कराने की कार्यवाही नहीं की,तो भी उन पर संकट आना तय है। दूसरी ओर यदि बाद में सीसीटीवी ठीक करा लिए गए थे,तो न्यायालय को गलत जानकारी देने के मामले में भी पुलिस के लिए दिक्कत खडी हो सकती है। सीसीटीवी फुटेज से यदि अभियुक्त का दावा सही साबित हो गया,तो ऐसी स्थिति में भी माणकचौक पुलिस झूठा प्रकरण बनाने के मामले में उलझ सकती है। प्रकरण की अगली सुनवाई 6 मई को की जाएगी।

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