December 24, 2024

Bodhi School Scam : डोंगरे नगर स्थित बोधि स्कूल घोटाले में कुख्यात भूमाफिया राजेन्द्र पितलिया समेत तत्कालीन महापौर जयन्तीलाल पोपी के विरुद्ध भ्रष्टाचार के प्रकरण को मिली अभियोजन की स्वीकृती, जल्दी ही हो सकती है आरोपियों की गिरफ्तारी

rajendra pitliya

रतलाम/भोपाल,25 जुलाई (इ खबरटुडे)। कुख्यात भूमाफिया राजेन्द्र पितलिया द्वारा करीब 25 वर्ष पूर्व तत्कालीन महापौर जयन्तीलाल जैन पोपी और निगम अधिकारियों की मिलीभगत से डोंगरे नगर की बेशकीमती जमीन को कौडियों के दाम पर हडपने के बोधि स्कूल घोटाले में आखिरकार म.प्र. नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने राजेन्द्र पितलिया और जयन्तीलाल पोपी समेत अन्य आरोपियों के विरुद्ध न्यायालय में प्रकरण चलाने की अनुमति दे दी है। राज्य की आर्थिक अपराध अनुसन्धान शाखा (इओडब्ल्यू) ने इस मामले में जांच कर विभाग से अभियोजन पेश करने की स्वीकृती मांगी थी,जिस पर लम्बा समय गुजरने के बाद आखिरकार अनुमति प्रदान कर दी गई है। अभियोजन की स्वीकृती प्राप्त होने के बाद अब राजेन्द्र पितलिया समेत अन्य आरोपियों को जल्दी ही गिरफ्तार किया जा सकता है। हांलाकि अभियोजन की स्वीकृती मिलने के साथ ही नगर निगम द्वारा बोधि स्कूल की जमीन को पुन: कब्जे में लिया जाना चाहिए था,परन्तु अब तक नगर निगम ने ऐसी कोई कार्यवाही प्रारंभ नहीं की है। माना जा रहा है कि नगर निगम अभी भी भू माफिया के दबाव में है।

उल्लेखनीय है कि आर्थिक अपराध शाखा ने डोंगरे स्कूल घोटाले में एफआईआर दर्ज कर मामले की विस्तृत जांच की थी,और अनुसन्धान पूर्ण कर म.प्र. नगरीय विकास एवं आवास विभाग को अभियोजन की स्वीकृती के लिए प्रेषित किया था। उक्त प्रकरण में तत्कालीन महापौर जयन्तीलाल जैन, निगमायुक्त एपीएस गहरवार और उपायुक्त मनोहरलाल शर्मा इत्यादि अधिकारियों के शामिल होने से अभियोजन की स्वीकृती लिया जाना आवश्यक था। भूमाफिया राजेन्द्र पितलिया और अधिकारियों के दबाव में उक्त प्रकरण म.प्र. नगरीय विकास एवं आवास विभाग के पास लम्बे समय तक लम्बित पडा रहा लेकिन आखिरकार 26 जून 2024 को म.प्र. नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने इस मामले में तत्कालीन महापौर जयन्तीलाल जैन पोपी,राजेन्द्र पितलिया समेत अन्य आरोपियों के विरुद्ध अभियोजन की स्वीकृती प्रदान कर दी।

अभियोजन की स्वीकृती दिए जाने के साथ ही यह तय हो गया है कि करोडों रुपए का घोटाला करने वाले भू माफिया राजेन्द्र पितलिया समेत अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी होना है। आने वाले कुछ ही दिनों में इन सभी आरोपियों की गिरफ्तारी की जाएगी और इन्हे न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। अभियोजन की स्वीकृती मिलने के साथ ही नगर निगम द्वारा बोधि स्कूल की लीज निरस्त करते हुए इस सम्पत्ति को अपने कब्जे मे लेने की कार्यवाही की जाना चाहिए थी। लेकिन अब तक नगर निगम ने ऐसी किसी कार्यवाही की शुरुआत नहीं की है।

बोधि स्कूल घोटाले के आरोपियों के खिलाफ अभियोजन की स्वीकृती दिए जाने का पत्र नगरीय विकास एवं आवास विभाग के उपसचिव आर के कार्तिकेय द्वारा मध्यप्रदेश के महामहिम राज्यपाल की ओर से तथा उनके आदेशानुसार रतलाम नगर निगम आयुक्त को भेजा गया है। उक्त पत्र निगमायुक्त के अलावा सामान्य प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव,नगरीय प्रशासन मंत्री के विशेष सहायक,नगरीय प्रशासन आयुक्त,इओडब्ल्यू के महानिदेशक,व एसपी तथा नगरीय प्रशासन के संभागीय संयुक्त संचालक को भी प्रेषित किया गया है।

उल्लेखनीय है कि नगर निगम के तत्कालीन कांग्र्रेसी महापौर जयन्तीलाल जैन पोपी,निगमायुक्त एपीेएस गहरवार और अन्य अधिकारियों ने कुख्यात भू माफिया राजेन्द्र पितलिया से सांठ गांठ कर नगर सुधार न्यास की योजना क्र.64 में स्कूल के लिए आरक्षित 34765.56 वर्ग फीट आकार का भूखण्ड क्र.167-1,भू माफिया राजेन्द्र पितलिया को एक ऐसी संस्था न्यू रतलाम पब्लिक स्कूल के नाम पर आवंटित कर दिया जिस संस्था का कोई अस्तित्व ही नहीं था। नगर निगम के महापौर और अधिकारियों ने 40 रु. वर्गफीट के भाव की जमीन राजेन्द्र पितलिया को मात्र 10 रु. वर्गफीट के दाम पर आवंटित कर दी थी,जिससे निगम को लाखों रुपए के राजस्व की हानि हुई थी। इतना ही नहीं इस अस्तित्वहीन संस्था न्यू रतलाम पब्लिक स्कूल ने बाद में यह भूमि बोधि स्कूल को हस्तांतरित कर दी,जिसका सर्वेसर्वा भी भू माफिया राजेन्द्र पितलिया ही है।

इस पूरे घोटाले की शिकायत सोशल एक्टिविस्ट राजेश सक्सेना ने आर्थिक अपराध अनुसन्धान शाखा (इ ओडब्ल्यू) को दस्तावेजों के साथ की थी। राजेश सक्सेना की शिकायत की प्रारंभिक जांच के बाद शिकायत के तथ्यों को सही पाते हुए इओडब्ल्यू ने इस मामले में राजेन्द्र पितलिया,तत्कालीन महापौर जयन्तीलाल जैन पोपी,निगमायुक्त एपीएस गहरवार,मनोहरलाल शर्मा इत्यादि के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कर मामले का अनुसन्धान प्रारंभ कर दिया था। अनुसन्धान पूर्ण होने के बाद आर्थिक अपराध अनुसन्धान शाखा ने चालान तैयार कर अभियोजन की स्वीकृती के लिए विधि विभाग को प्रेषित किया था। जिस पर 26 जून 2024 को विधि विभाग द्वारा अनुमति दे दी गई है।

पच्चीस सालों के बाद ही सही राजेन्द्र पितलिया के इस घोटाले का विचारण अब न्यायालय द्वारा किया जाएगा। जानकारों की मानें तो सारा घोटाला दस्तावेजों से पूरी तरह प्रमाणित है,ऐसी स्थिति में न्यायालय में भ्रष्टाचार के इस मामले के सभी आरोपियों की दोषसिद्धि लगभग तय है।

बोधि घोटाले में अभियोजन की स्वीकृती प्राप्त हो जाने के बाद अब नगर निगम को फौरन बोधि स्कूल की सम्पत्ति को अपने कब्जे में लेने की कार्यवाही शुरु करना चाहिए। मामले के व्हिसील ब्लोअर राजेश सक्सेना ने निगम महापौर प्रहलाद पटेेल और निगमायुक्त हिमांशु भïट्ट से मांग की है कि वे तत्काल बोधि स्कूल की सम्पत्ति को अपने कब्जे में ले ले।

श्री सक्सेना ने अभियोजन की स्वीकृति मिलने पर प्रदेश के मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव का आभार व्यक्त किया है।

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