April 18, 2024

Holi Spacial : होली के रंग अपने अपने संग (होली के पर्व पर विशेष)

-डा डीएन पचौरी

यह तो सब जानते हैं होली रंगों का त्योहार है इस पर्व पर सभी रंगों से होली खेली जाती है किंतु मनुष्य के आदत आचरण व्यक्तित्व स्वभाव आज के कारण हर एक पर अलग-अलग रंग सूट करते हैं यहां पर कुछ नेताओं के साथ उनके आचरण और स्वभाव से मेल खाते हुए रंगों का वर्णन किया गया है बुरा न मानो होली है

    केसरिया रंग

यह रंग शौर्य बलिदान को वीरता का प्रतीक है। यह देश के लिए बलिदान ताकत साहस और समर्पण का संदेश देता है। यह रंग जिसके व्यक्तित्व से मेल खाता है वह उच्च महत्वाकांक्षी अच्छे अलौकिक एवं संवेदनशील स्वभाव के व्यक्ति होते हैं। स्पष्ट है कि यह रंग हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी पर सूट करता है। अपने देश में लोग चाहे उनकी कितनी भी बुराई करें पर वह विश्व में नंबर एक पर विराजमान सर्वोत्तम नेता है। इनका जन्म 17 सितंबर को विश्वकर्मा जयंती पर हुआ अतः देश में पिछले 10 वर्ष में जितना निर्माण कार्य हुआ है उतना पहले कभी भी नहीं हुआ और हर दिन देश उन्नति के शिखर की ओरकी ओर अग्रसर है। केसरिया नारंगी रंग से होली मोदी जी को खेलनी चाहिए।

   हरा रंग

वैसे तो हरा रंग हरियाली का प्रतीक है किंतु ऐसे पाकिस्तान ने अपना रखा है जहां रात दिन आतंकवाद गुंडागर्दी खून खराबा मारपीट और हर प्रकार का जुनून होता रहता है हमारे देश में राहुल गांधी को इस रंग से होली खेलनी चाहिए क्योंकि उनका कहना है कि उनकी कांग्रेस पार्टी मुसलमानों की पार्टी है। उनकी कथनी और करनी में जमीन आसमान का अंतर रहता है जहां एक और वह जनेऊ पहन कर और टोपी लगाकर मंदिरों में जाते हैं गोल टोपी लगाकर इफ्तार पार्टी में शामिल होते हैं साथ ही अपने लोकसभा क्षेत्र में केरल में जाकर पोस्टर लगवा ते हैं जिन पर लिखा होता है यह गौ मांस खाना है अर्थात भी गाना है तो कांग्रेस को लाइए। वह जहां भी जाते हैं चाहे देश हो चाहे विदेश हो इस देश की बुराई करते रहते हैं जैसा भी कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में भाषण देकर आए और बताया कि इस देश में लोकतंत्र है ही नहीं भाषण पर प्रतिबंध है जबकि यहां कुछ भी अनाप-शनाप बकते रहते हैं वैसे तो इनकी बातों को कोई सीरियसली नहीं लेता और लोग इनका मजाक उड़ाते रहते हैं। वैसे भी इनका जन्म, दिसंबर 1970 में उस दिन हुआ जिस दिन मेरा नाम जोकर फिल्म रिलीज हुई थी। इनके भाषणों से कांग्रेसमें लगातार पतन की ओर जा रही है और उनके चमचे मीठे भाषणों पर लीपापोती करते रहते हैं पर राहुल को इसकी कोई चिंता नहीं देश और पार्टी जाए भाड़ में ज्यादा कुछ हुआ इटली भाग जाएंगे। तरस तो भारत के उन लोगों के दिमाग पर जाता है जो राहुल को भावी प्रधानमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं। राहुल पर एक ही चीज फिट बैठती है और वह है उम्र 55 की दिल बचपन का। कुछ भी हो हरे रंग से होली खेलने का अधिकार राहुल का ही है।

      लाल रंग

यह खून का रंग है और गर्म रंग माना जाता है। यह बलिदान साहस और खतरे से जुड़ा हुआ रहता है क्रोध और जुनून का प्रतीक है इस रंग से होली खिलाना बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को ही शोभा देता है। माना जाता है कि औरत का दिल करुणा दया मोह ममता स्नेह प्रेम वात्सल्य से परिपूर्ण रहता है किंतु ममता बनर्जी का दिल कुटिलता कठोरता क्रोध क्रूरता और कमीनापन से भरा हुआ है।

जिस तरह से अपने विरोधियों का यह निर्दयता निर्ममता निष्ठुर ता से खून करवाती है तथा इसके दमन चक्र के आगे तो कलकत्ता हाई कोर्ट भी हार मान लेता है क्योंकि ये धर्मनिरपेक्षता के नाम पर मुसलमानों को दमाद की तरह रखती है और हिंदुओं का सहार करवाती है दुर्गा पूजा के जुलूस पर प्रतिबंध लगाकर मोहर्रम का जुलूस निकल बाती है रामनवमी और हनुमान जयंती के पर्व मनाने नहीं देती। यह काली कलकत्ते वाली बनकर हिंदुओं के रक्त से अपनी पिपासा शांत करती है । खून का यह लाल रंग ममता बनर्जी को समर्पित।

नीला रंग

यह रंग शीतल रंग माना जाता है। दिल को शांति सुकून देने वाला उदासीनता का प्रतीक रंग है इस रंग से होली खेलने का अधिकार केवल मायावती को है चुनाव आयोग ने न जाने क्या सोचकर इनकी पार्टी को नीला या बैगनी रंग और बहन जी का डीलडॉल देखकर चुनाव चिन्ह का आवंटन किया है। बहन जी ने भी पूरी निष्ठा से चुनाव चिन्ह के प्रतीकों के अनेकों स्टेच्यू बनवा कर जगह-जगह पाक और सड़कों पर लगवा दिए हैं। नगरों के नाम महामाया नगर काशीनगर आगे रखे गए समझ में नहीं आता किससे प्रदेश का कौन सा विकास हुआ? अब बहन जी नीला रंग देख देख कर उदास होती रहती है एक वह जमाना था जब वह हजार 500 और 2000 के नोटों की मालाएं पहनती थी। अब उस जमाने को याद करके कहती हैं

भूली हुई यादों मुझे इतना न सताओ।
अब चैन से रहने दो मेरे पास ना आओ।।

बहन जी भी अखिलेश यादव शिवपाल यादव आदि की तरह भविष्य के अच्छे दिनों की इंतजार कर रही हैं ।

        सफेद रंग

यह शांति सद्भाव और सीधे पन का प्रतीक रंग है। यह रंग मनमोहन सिंह पूर्व प्रधानमंत्री के लिए उपयुक्त रंग है। इस रंग के स्वामी इस दुनिया में निर्लिप्त भाव से जीवित रहते हैं और इस संसार से कुछ भी नहीं चाहते। यह दूसरे के बहकावे में बहुत जल्दी आते हैं और मन नाही हर्ष विषाद कछु के सिद्धांत का पालन करते हुए जीवन यापन करते हैं। अपने कर्मों का फल भोगने वाले दल बदलू जो अभी जेल में है सिद्धू का इनके बारे में कहना था कि यह आदमी न सरदार है ना असरदार है मुझे तो इसके आदमी होने पर भी शक है और यही कारण है कि तत्कालीन पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इंपोर्ट लेडीस नेचर का प्रधानमंत्री बोलते थे। शर्म तो जब आती थी जब विदेश का कोई प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति या अन्य कोई उच्चाधिकारी आता था तो वह सोनिया जी कोई सर्विस आवा समझता था क्योंकि पुराने वीडियो देखो जिनमें सोनिया जी हाथ मिला रही हैं वही उनका सम्मान कर रही है वह इनको सम्मान दे रहे हैं कुर्सियों पर सब पास पास बैठे हैं और दूर एक कोने में मनमोहन सिंह जी बैठे रहते थे। बेचारे बिना चुनाव लड़े प्रधानमंत्री बन गए थे यही क्या कम था? जब चीन में ओलंपिक गेम्स हुए तो राहुल गांधी सोनिया जी प्रियंका वाड्रा और उनके पति वाड्रा जी चीन गए थे प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति किसी को नहीं बुलाया गया था क्योंकि देश में सर्वे सर्वा तो गांधी परिवार ही था ।

    गेरुआ रंग

यह जोश और उल्लास का प्रतीक रंग है यह आज्ञा चक्र का रंग है। किसी भी साधना के लिए जब आज्ञा चक्र की जरूरत होती है ज्ञान प्राप्ति का यह सूचक रंग केवल साधु संन्यासियों को ही शोभा देता है और यही कारण है किस रंग से होली खेलने का अधिकार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी जी का ही है। अपनी कठोर साधना के बल पर योगी जी ने उत्तर प्रदेश से अराजकता गुंडागर्दी दूर करके प्रदेश में शांति सद्भाव का माहौल उत्पन्न किया। पहला मायावती जी और फिर अखिलेश जी दोनों ने उत्तर प्रदेश को जंगलराज बना दिया था जिसे योगी जी ने कठोरता दमन और बुलडोजर की सहायता से बड़ी मुश्किल से कंट्रोल किया।

पूरे प्रदेश में शांति और अमन का गर होना बहुत जरूरी है।
तो फिर गुंडों में भी योगी का डर होना बहुत जरूरी है।।

आरंभ हुआ है यह प्रचंड हम दिव्य चमकते बिंदु हैं।
खुल करके आज सभी बोलो हम हिंदू हैं हम हिंदू हैं ।।

     काला रंग

यह अ शुभ ता का प्रतीक शोक कारक रंग है। यह वर्जित कष्ट कारक तथा मानसिक अस्थिरता के लिए जिम्मेदार होता है। इस रंग से होली खेलने का अधिकार कांग्रेस के दिग्विजय सिंह को है इन्होंने 1998 से लेकर 2003 तक 5 वर्ष में मध्य प्रदेश को जितना कष्ट पहुंचाया है शायद ही कभी प्रदेश में इतना कष्ट झेला हो। काला रंग अंधकार का सूचक रंग है और इसीलिए दिग्विजय सिंह ने प्रदेश को 5 वर्ष तक अंधकार में रखा। लाइट कब आएगी और कब जाएगी कोई भरोसा नहीं कभी-कभी तो रात रात भर लाइट नहीं आती थी और शहर गांव सभी अंधकार में डूबे रहते थे। काला रंग कष्ट कारक भी है इसलिए इन पूर्व मुख्यमंत्री ने सड़कों के माध्यम से जनता को काफी कष्ट दिया। सड़क में होती ही नहीं थी सड़कों पर गड्ढे धूल कीचड़ और इनके बीच में कहीं-कहीं सड़क भी होती थी। लोगों ने रेलगाड़ी से यात्रा करना ज्यादा अच्छा मानते थे क्योंकि सड़क पर गाड़ियां प्रति घंटे 15 या 20 किलोमीटर से ज्यादा नहीं चलती थी और 2 से 3 गुना पेट्रोल अधिक लगता था। दिग्विजय सिंह को काला रंग मुबारक हो।

गुलाबी रंग

यह रंग प्रीति और प्यार का प्रतीक है यह चंचलता और रोमांस यहां तक कि वासना से भी जुड़ा हुआ है । इस रंग से होली खेलने के लिए सबसे उपयुक्त नेता शशि थरूर है।शशि थरूर का कहना है कि हर हंसी चेहरे का तलब गार हूं। जब से शशि थरूर ने सुना है की मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन जेल जाते जाते कह गए हैं कि उनके घर का और उनकी पत्नियों का ध्यान रखा जाए तब से शशि थरूर आप पार्टी में शामिल होने की कोशिश कर रहे हैं। ईश्वर उनकी मनोकामना पूरी करें।

कुछ नेता ऐसे भी हैं जिन पर रंग फेंकने के बजाय धूल और कीचड़ फेकने की इच्छा होती है जैसे बृंदा करात और केजरीवाल। दोनों ही जी भर भर के झूठ बोलते हैं। इन दोनों पर तो एक फिल्म का प्रमोशन किया जा सकता है वृंदा के गले में मैं झूठी और केजरीवाल के गले मैं मैं मक्कार की तख्तियां लटकाए जा सकती हैं । इस प्रकार तू झूठी मैं मक्कार फिल्म का प्रमोशन किया जा सकता है।

भाइयों बुरा न मानना होली है अच्छे भले बुरे नेताओं को झेलते रहिए और होली खेलते रहिए।

(लेखक वरिष्ठ शिक्षाविद और साहित्यकार है)

You may have missed

Here can be your custom HTML or Shortcode

This will close in 20 seconds