Ratlam Breaking: युवा कांग्रेस नेता मयंक जाट को मिली जमानत हाईकोर्ट ने की निरस्त
रतलाम,09 फरवरी(इ खबर टुडे)। युवा कांग्रेस जिलाध्यक्ष व कांग्रेस के महापौर प्रत्याशी रहे मयंक जाट को जानलेवा हमले में मिली जमानन हाईकोर्ट ने निरस्त कर दी है। शासन से जमानत निरस्त करने के लिए अपील कि थी।
मयंक जाट और भाजपा पार्षद व वर्तमान में एमआइसी सदस्य भगतसिंह भदौरिया गैंग में 12 साल पहले हुई वर्चस्व की लड़ाई में 26 नवंबर 2023 को तृतीय अपर जिला जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने दोनों पक्षों को सजा सुनाई थी। इसमें मयंक जाट गुट के 7 आरोपियों को 6-6 साल तो भदौरिया गुट के 4 आरोपियों को 7-7 साल के कठोर कारावास की सजा दी गई थी। इस सजा के खिलाफ अपील पर हाईकोर्ट की इंदौर बेंच से मयंक जाट को 21 दिसंबर 2023 को जमानत मिल गई थी।
अभियोजन के अनुसार, दोनों पक्षों के बीच 29 जनवरी 2012 की रात किसी बात को लेकर विवाद हो गया था। इस दौरान उनके बीच मारपीट की स्थिति बन गई थी। पिस्टल से फायरिंग करने के साथ तलवार से एक-दूसरे पर हमला किया गया था।
इससे एक पक्ष के मयंक जाट, भूपेश नेगी, ऋषि जायसवाल तथा दूसरे पक्ष से रितेश भदौरिया व रवि मीणा घायल हो गए थे। घायलों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया था। एक पक्ष की तरफ से मयंक जाट ने व दूसरे पक्ष की तरफ से रितेश भदौरिया ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
जमानत निरस्त करने के लिए अपील
सजा के खिलाफ जमानत को लेकर शासन से जमानत निरस्त करने के लिए अपील की थी। हाईकोर्ट जज विजय कुमार शुक्ला ने सुनवाई के बाद 09 फरवरी 2024 को मयंक जाट को मिली जमानत निरस्त कर दी।
आदेश में कहा गया-
आदेश में कहा गया कि जमानत लेते समय अदालत के समक्ष यह गलत कहा गया था कि अपीलकर्ता नंबर एक मयंक जाट के कब्जे से कोई जब्ती नहीं हुई थी, लेकिन जाट से पिस्तौल की जब्ती व बैलिस्टिक रिपोर्ट को भी अदालत के संज्ञान में नहीं लाया गया। जिससे यह साबित हो गया कि मयंक से जब्त पिस्तौल चालू हालत में पाई गई थी और उक्त पिस्तौल से फायर किया गया था। उस पर आठ मामलों का आपराधिक रिकार्ड भी है। आदेश में ट्रायल कोर्ट को मयंक जाट की गिरफ्तारी के लिए विधि अनुसार कार्रवाई के लिए निर्देशित किया गया है।