November 12, 2024

Cyber Fraud : “हैलो मैैं पुलिस इंस्पेक्टर बोल रहा हूं,आपका बेटा हमारी कस्टडी में है”,सायबर ठगों ने निकाला ठगी का नया तरीका

रतलाम,12 अगस्त (इ खबरटुडे)। “हैलो मैैं पुलिस इंस्पेक्टर विनोद शर्मा बोल रहा हूं। आपका बेटा हमारी कस्टडी में है। उसे दस बारह लडकों के साथ पकडा गया है।” ये कोई वास्तविक फोन काल नहीं है,बल्कि सायबर ठगों ने भोले भाले लोगों को ठगने का नया तरीका निकाला है। अपने बेटे के पुलिस कस्टडी में होने की बात सुनकर अभिभावक घबरा जाते है और अपने बेटे को छुडाने के लिए काल करने वाले को भारी रकम ट्रांसफर कर देते है।

इसी तरह की एक व्हाट्सएप काल सोमवार को नगर की स्वतंत्र लेखिका श्रीमती वैहेदी कोठारी के पास आई। काल करने वाले ने स्वयं को पुलिस इंस्पेक्टर विनोद शर्मा बताते हुए कहा कि “आपका बेटा हमारी कस्टडी में है। उसे दस बारह लडकों के साथ पकडा गया है। अगर उसे आप छुडाना चाहती है,तो बताईए?” श्रीमती कोठारी ने काल करने वाले व्यक्ति से पूछा कि आप कहां से बोल रहे है? इस पर काल करने वाले ने श्रीमती कोठारी से पूछा कि वे कहां से बोल रही है। इस प्रश्न से श्रीमती कोठारी तुरंत समझ गई कि काल करने वाला फर्जी व्यक्ति है और ठगी की नीयत से उसे काल की है। श्रीमती कोठारी ने जैसे ही आगे बात करना चाहा,काल करने वाले ने फोन काट दिया। श्रीमती कोठारी के फोन पर आई व्हाट्सएप काल + 92 3281414598 नम्बर से आई थी और उसमे विनोद शर्मा का नाम भी दिखाई दे रहा था। फर्जी काल करने वाले ने जब फोन काटा,तो उसके फौरन बाद श्रीमती कोठारी ने वडोदरा मेंं अध्ययनरत अपने पुत्र को फोन लगाया। पुत्र ने बताया कि वह अपने कालेज में ही है। इससे फिर स्पष्ट हो गया कि काल करने वाले ने ठगी की नीयत से फर्जी काल की थी।

इस सम्बन्ध मेंं सायबर सेल प्रभारी अमित शर्मा से बात करने पर उन्होने बताया कि +92 पाकिस्तान का कोड है। काल करने वाले ने किसी पाकिस्तानी मोबाइल नम्बर का एक्सेस लेकर उसके व्हाट्सएप काल की थी। इस तरह की काल करने वालो को ढूंढ पाना अक्सर बेहद कठिन हो जाता है। सायबर ठगी करने वाले इस बात के प्रति अत्यन्त सावधान रहते है कि उनकी वास्तविक पहचान कहीं सामने ना आ जाए। इतना ही नहीं सायबर ठग पहले यह जानकारी भी हासिल कर लेते है कि किस व्यक्ति का पुत्र या पुत्री किसी दूसरे शहर में पढ़ रहे है। यह जानकारी हासिल करने के बाद ही वे संबंधित अभिभावकों को फोन करते है,जिससे काल रिसीव करने वाला घबरा जाता है और काल करने वाले की मांग को पूरा करने को तैयार हो जाता है।

सायबर सेल प्रभारी अमित शर्मा के मुताबिक सायबर ठगी के इस तरह के मामलों में जागरुकता ही सबसे बडा बचाव है। उन्होने बताया कि इस तरह की फर्जी फोन काल के जरिये ठगी के कई मामले सामने आ चुके है। उन्होने नागरिकों से सायबर फ्राड के मामलों में जागरुक रहने की अपील की है।

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