December 24, 2024

मध्यप्रदेश की सत्ता में हिस्सेदारी पाने के लिए रणनीति बनाएगा गुर्जर समाज-गुर्जर आंदोलन समिति के प्रमुख विजय बैंसला की प्रेस वार्ता

gujar press

रतलाम,08 जून(इ खबर टुडे)। मध्यप्रदेश में गुर्जर, गायरी, एमबीसी(मोस्ट बेकवर्ड क्लास ) समाज की जनसंख्या लगभग 75 से ज्यादा सीटों पर अधिक है। लेकिन पिछले चुनावों में कांग्रेस ने 11 और भाजपा ने केवल 1 सीट पर ही टिकट दिया। हम वोटर समूह हैं, लेकिन सत्ता में नहीं। इस साल यही मुद्दा है कि हमारी संख्या सत्ता में हो तो प्रतिनिधित्व अपने आप हो जाएगा। जो पार्टी टिकट देगी, समाज उसे समर्थन देगा।

यह बातें गुर्जर आंदोलन संघर्ष समिति के प्रमुख और राजस्थान के ख्यात गुर्जर नेता विजय बैंसला ने कही। कर्नल किरोड़ीमल बैंसला के बेटे विजय बैंसला गुरुवार को रतलाम पंहुचे। यहां उन्होंने कालिका माता के दर्शन के बाद सर्किट हाउस में पत्रकारों से चर्चा की। इस दौरान उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में भी राजस्थान की तर्ज पर भगवान देवनारायण को मानने वाली पांच जातियों गुर्जर, गायरी, रेबारी आदि के लिए देवनारायण योजना शुरु की गई थी। लेकिन तीन साल बाद भी योजना में बजट नहीं दिया गया है। जबकि राजस्थान में इस योजना के कारण समाज के बच्चों को अच्छा पढ़ने, बढने और नौकरी के अवसर मिल रहे हैं।

उन्होंने कहा कि योजना में आवासीय विद्यालयों के लिए भवन और उनके संचालन सहित बच्चों को समुचित अवसर दिलवाना उनकी प्रमुख मांगों में से एक हैं। इस योजना के कारण राजस्थान में सरकारी और गैर सरकारी नौकरियों में चयनित होने वाले समाज के बच्चों की संख्या लगातार बढ़ी है। साथ ही समाज में बच्चियों को पढ़ने और आगे बढ़ने के लिए भी लगातार प्रेरित किया जाएगा। राजनैतिक पार्टियों पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि पिछले चुनावों में गुर्जर समाज को टिकट में उतना प्रतिनिधित्व नहीं मिला, जितना उन्हें मिलना चाहिए। इसके लिए पूरे प्रदेश की कोर कमेटी की बैठक जल्द ही उज्जैन या भोपाल में होगी जिसमें आगामी रणनीति बनाई जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि राजस्थान में ओबीसी में 5 फीसदी एमबीसी कम्युनिटी के लिए आरक्षित हो चुकी है। यदि आने वाले समय में आरक्षण 21 से 27 होगा तो उसी अनुपात में एमबीसी आरक्षण भी बढ़ाने की मांग होगी। इस दौरान सुनील गुर्जर पूर्व सरपंच, एडवोकेट रामस्वरूप गुर्जर, सौरभ सिराधना, देवेंद्र सिराधना, गणेश गुर्जर नामली। स्थानीय गुर्जर नेता, समाजसेवी आदि मौजूद थे।

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