GST में राहत की नई खेप जल्द, सस्ता हो सकता है होटल में खाना
नई दिल्ली,30 अक्टूबर (इ खबरटुडे)। नई अप्रत्यक्ष कर प्रणाली लागू होने के बाद से मुश्किलों से जूझ रहे देश के व्यापारियों और आम आदमी को जल्द राहत की दूसरी खेप मिल सकती है। जीएसटी काउंसिल 10 नवंबर को गुवाहाटी में होने वाली बैठक में कंपोजीशन स्कीम के व्यापारियों के लिए जीएसटी की दर मौजूदा एक प्रतिशत से घटाकर 0.5 फीसदी करने और मैन्युफैक्चरिंग यूनिटों और रेस्तरां की दर घटाकर एक फीसदी करने के प्रस्ताव पर मुहर लग सकती है।
इस स्कीम में टर्नओवर की मौजूदा सालाना सीमा एक करोड़ को बढ़ाकर डेढ़ करोड़ रुपए किया जा सकता है। काउंसिल एसी रेस्तरां में खाने पर जीएसटी की दर 18 से घटाकर इनपुट टैक्स क्रेडिट की सुविधा के साथ 12 प्रतिशत करने का निर्णय भी कर सकती है। इन कदमों से व्यवसायियों के साथ मध्यम वर्ग पर भी कर का बोझ कम होगा।
मंत्री समूह ने सौंपी सिफारिशें
जीएसटी में और राहत की ये सिफारिशें असम के वित्त मंत्री हेमंत विश्व शर्मा की अध्यक्षता वाले मंत्रिसमूह ने काउंसिल से की है। इसमें बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी और पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत बादल भी इसमें शामिल हैं। काउंसिल ने इस मंत्रिसमूह का गठन कंपोजीशन स्कीम को सरल बनाने और रेस्तरां सेवा पर जीएसटी दरों की समीक्षा करने के लिए इसी माह के आरंभ में किया था। समूह की रविवार को हुई दूसरी बैठक में कई घंटे की चर्चा के बाद सिफारिशों पर सहमति बनी। बैठक में वित्त मंत्रालय के आला अफसर भी शामिल थे।
कंपोजिशन स्कीम बनेगी आकर्षक
इसमें व्यापारियों को डेढ़ करोड़ तक के टर्नओवर पर मात्र 0.5 प्रतिशत (75 हजार रुपए) ही जीएसटी देना होगा।यदि कोई व्यापारी अपने कुल टर्नओवर में से जीएसटी से छूट प्राप्त वस्तुओं की बिक्री को निकालकर सिर्फ करयोग्य वस्तुओं को ही अपने टर्नओवर में शामिल करता है, तो उसे एक प्रतिशत जीएसटी देना होगा। -फिलहाल कंपोजीशन स्कीम का चुनाव करने वाले व्यापारियों को उनके कुल टर्नओवर का एक फीसदी जीएसटी देना होता है।
दूसरी बार बढ़ेगी कंपोजिशन स्कीम की टर्नओवर सीमा
दिवाली से ठीक पहले 6 अक्टूबर को दिल्ली में हुई काउंसिल की बैठक में कंपोजिशन की सीमा 75 लाख रुपए से बढ़ाकर एक अक्टूबर से एक करोड़ रुपए कर दी गई थी। 10 नवंबर को होने वाली बैठक में यदि मंत्री समूह की ताजा सिफारिश मान ली गई तो कंपोजिशन की सीमा दूसरी बार बढ़ेगी।-यदि सीमा 1.5 करोड़ रुपए कर दी गई तो यह शुरुआती सीमा से दोगुनी हो जाएगी। अभी कंपोजिशन स्कीम में पंजीबद्ध व्यापारियों की संख्या 16 लाख है, सीमा बढ़ने से यह संख्या काफी बढ़ सकती है।
मध्यम वर्ग को खाने-पीने में मिलेगी राहत
मंत्रिसमूह ने कंपोजीशन स्कीम का विकल्प चुनने वाली मैन्युफैक्चरिंग यूनिटों और रेस्तरां के लिए जीएसटी की दर घटाकर 1 प्रतिशत करने की सिफारिश की है। अभी इसमें रेस्तरां पर 5 फीसदी और मैन्युफैक्चरिंग यूनिटों पर 2 प्रतिशत जीएसटी लगता है। मंत्रिसमूह ने एसी रेस्तरां में खाने पर जीएसटी की वर्तमान दर 18 को घटाकर 12 प्रतिशत करने की सिफारिश भी की है।
कर सकेंगे अंतरराज्यीय बिक्री
रिटर्न दाखिल करने में भी राहत-सूत्रों के मुताबिक मंत्रिसमूह ने कंपोजीशन स्कीम चुनने वाले डीलरों को अंतरराज्यीय बिक्री की अनुमति देने की सिफारिश भी की है। फिलहाल उन्हें यह सुविधा नहीं है। मंत्रिसमूह ने कारोबारियों को रिटर्न फाइलिंग की जटिलता से मुक्ति दिलाने के लिए जीएसटी के मासिक भुगतान तथा तिमाही रिटर्न दाखिल करने की सुविधा देने की सिफारिश भी की है। रिटर्न फाइल करने में देरी होने पर लगने वाले विलंब शुल्क को 200 रुपए रोज से घटाकर 50 रुपए करने की सिफारिश भी की है।
जॉब वर्क में संलग्न मैन्युफेक्चरर्स को भी कंपोजिशन स्कीम में शामिल होने की छूट मिल सकती है। इस पर नहीं बनी सहमति मंत्रिसमूह में इस बात पर सहमति नहीं बन पाई कि कंपोजीशन स्कीम का चुनाव करने वाले डीलरों को इनपुट टैक्स क्रेडिट की सुविधा दी जाए या नहीं। इस संबंध काउंसिल की बैठक में आगे चर्चा की जाएगी।