November 22, 2024

Ayush Hospital सरकारी अफसर ने ही बन्द करवा दिया सरकारी आयुर्वेदिक अस्पताल,जिलाधिकारी के समझाने पर भी नहीं मानी रावटी की नायब तहसीलदार

रतलाम,28 जून (इ खबरटुडे)। जिले के अनेक गांवों की स्वास्थ्य व्यवस्था आयुष विभाग के जिम्मे है। कई गांवों में आयुष विभाग की डिस्पेंसरियां संचालित है,जिनसे ग्र्रामीण लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया होती है। लेकिन रावटी के गांव नायन में संचालित आयुष डिस्पेंसरी को रावटी की नायब तहसीलदार ने यह कह कर बन्द करवा दिया कि यहां डाक्टर की मौजूदगी के बगैर दवाएं बांटी जा रही है। मजेदार तथ्य यह है कि जिले में करीब तीन दर्जन डिस्पेंसरिया इसी तरह संचालित की जा रही है। यही नहीं प्रदेश भर में आयुष डिस्पेंसरियां इसी प्रकार संचालित हो रही है। इस डिस्पेंसरी के बन्द हो जाने से आसपास के कई गांवों के लोगों को मिलने वाली स्वास्थ्य सुविधा समाप्त हो गई है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार,रावटी की नायब तहसीलदार श्रीमती मौसमी केवट सोमवार दोपहर को गांव की सरकारी राशन दुकान का निरीक्षण करने पंहुची थी। राशन दुकान बन्द थी,इसलिए नायब तहसीलदार मैडम सामने स्थित आयुष डिस्पेंसरी का निरीक्षण करने पंहुच गई। आयुष डिस्पेंसरी में मौजूद कम्पाउण्डर उमेश कुशवाह से श्रीमती केवट ने पूछा कि बिना डाक्टर की मौजूदगी के वे मरीजों को दवाएं कैसे बांट रहे है। श्रीमती केवट ने कम्पाउण्डर कुशवाह से पूछा कि क्या उनके पास ऐसा कोई लिखित आदेश है,जिससे कि वे डाक्टर की उपस्थिति के बगैर दवा बांट सकते है।
कम्पाउण्डर ने श्रीमती केवट की बात आयुष विभाग की जिलाधिकारी श्रीमती प्रमिला चौहान से करवाई। आयुष जिलाधिकारी के समझाने के बाद भी श्रीमती केवट नहीं मानी। उन्होने कम्पाउण्डर से कहा कि अगर वे नियम विरुद्ध काम करेंगे तो उनके विरुद्ध कार्यवाही भी हो सकती है। नायब तहसीलदार श्रीमती केवट ने कम्पाउण्डर उमेश कुशवाह से एक सादे कागज पर यह भी लिखवाकर लिया कि वे बिना डाक्टर की उपस्थिति के दवाएं बांट रहे थे। नायब तहसीलदार के डांटने पर कम्पाउण्डर उमेश कुशवाह ने अपनी जिलाधिकारी को पूरी जानकारी देने के बाद आयुष डिस्पेंसरी को बन्द कर दिया।

इस सम्बन्ध में आयुष विभाग की जिलाधिकारी श्रीमती प्रमिला चौहान ने इ खबरटुडे से चर्चा करते हुए बताया कि नायब तहसीलदार मैडम नायन डिस्पेंसरी पर पंहुची थी,तो उनसे श्रीमती चौहान की चर्चा हुई थी। श्रीमती चौहान ने उन्हे बताया था कि विभाग में डाक्टर्स की बेहद कमी है और यह संभव नहीं है कि प्रत्येक डिस्पेंसरी पर डाक्टर को नियुक्त किया जा सके। श्रीमती चौहान के मुताबिक उनके समझाने पर भी नायब तहसीलदार श्रीमती केवट नहीं मानी और उन्होने डिस्पेंसरी बन्द करने के निर्देश दे दिए। इस सम्बन्ध में श्रीमती चौहान ने सैलाना एसडीएम कामिनी ठाकुर से भी चर्चा की,लेकिन उन्होने भी वही तर्क दोहराया कि बिना डाक्टर के डिस्पेंसरी नहीं चलाई जाएगी। आयुष जिलाधिकारी श्रीमती चौहान ने कहा कि उन्हे अब तक लिखित में कोई आदेश नहीं मिला है। लिखित आदेश मिलने पर वे अपने विभाग के उच्चाधिकारियों को इससे अवगत कराएगी और उनके निर्देशानुसार आगे कार्यवाही की जाएगी। श्रीमती चौहान के मुताबिक स्थिति स्पष्ट होने तक नायन की डिस्पेंसरी को बन्द रखा जाएगा। श्रीमती चौहान ने इ खबरटुडे को बताया कि रतलाम ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश में आयुष विभाग की डिस्पेंसरियां इसी तरह चल रही है।

उल्लेखनीय है कि जिले मेंं आयुष विभाग द्वारा कुल 34 डिस्पेंसरियां संचालित की जाती है। इनमें से 28 डिस्पेंसरियां आयुर्वेद की है,जबकि 5 होम्योपैथी की है। आयुष विभाग में जिले में केवल 12 डाक्टर है,जिनमें से 7 आयुर्वेदिक डाक्टर है और पांच होम्योपैथी डाक्टर है। इन बारह चिकित्सकों में से ग्र्रामीण क्षेत्रों में केवल दो चिकित्सक नियुक्त है। जबकि आयुष विभाग की तमाम डिस्पेंसरियां कम्पाउण्डर,दवासाज और यहां तक कि महिला स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा संचालित की जा रही है। आयुष विभाग में कम्पाउण्डरों की भी भारी कमी है। जिले में केवल 12 कम्पाउण्डर कार्यरत है। बारह कम्पाउण्डरों के अलावा जिले की बारह डिस्पेंसरियां दवासाजों के हवाले है,जबकि 10 डिस्पेंसरियां तो महिला स्वास्थ्य कर्मी चला रही है। ये सारी व्यवस्था शासन के निर्देश से ही चल रही है। यहां तक कि पूरे प्रदेश में आयुष विभाग की डिस्पेंसरियां इसी तरह संचालित की जा रही है। लेकिन इसके बावजूद नायब तहसीलदार ने नायन की शासकीय डिस्पेंसरी को बन्द करवा दिया।

नायन मे हुई घटना के बाद आयुष विभाग के कर्मचारियों में रोष व्याप्त है। कर्मचारियों का कहना है कि वे शासन के आदेश पर काम कर रहे है,ऐसे में प्रशासनिक अधिकारी बेवजह नियमों का हवाला देकर उन्हे निशाना बना रहे हैैं। म.प्र. आयुर्वेदिक होम्योपैथी कर्मचारी संगठन के प्रान्तीय संरक्षक राकेश बोरिया ने इ खबरटुडे से चर्चा में कहा कि इस घटना को उनका संगठन गंभीरता से लेगा। प्रशासनिक अधिकारी इस तरह आयुष विभाग के कर्मचारियों को परेशान नहीं कर सकते।
उधर दूसरी तरफ रावटी की नायब तहसीलदार श्रीमती मौसमी केवट ने ऐसे किसी घटनाक्रम को सिरे से खारिज कर दिया है। इ खबरटुडे से चर्चा के दौरान उन्होने कहा कि वे आयुष डिस्पेंसरी पर गई थी,लेकिन उन्होने कम्पाउण्डर को दवा वितरण करने से रोका नहीं था और न ही डिस्पेंसरी बन्द करने को कहा था। उन्होने कहा कि अपने निरीक्षण की रिपोर्ट वे अपने उच्चाधिकारियों को देंगी। उल्लेखनीय है कि जिला आयुष अधिकारी श्रीमती चौहान जहां यह स्पष्ट रुप से कहती है कि नायब तहसीलदार श्रीमती केवट ने डिस्पेंसरी को बन्द करने के निर्देश दिए है,वहीं नायब तहसीलदार श्रीमती केवट ने इ खबरटुडे से चर्चा में इस बात को सिरे से खारिज कर दिया।

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