GAY कपल्स को देखकर भड़कता था नाइट क्लब में गोलियां बरसाने वाला उमर
ऑरलैंडो ,13जून(इ खबरटुडे)।रविवार को एक बार फिर से अमेरिका के सीने पर 15 साल बाद आतंकवादियों ने सुराख किया है। हमले के 12 घंटे बाद पता चल गया है, हमला करने वाला कौन था, कहां से आया था, किसने भेजा था और उसका असल इरादा क्या था लेकिन अमेरिका ने पचास से ज्यादा लोगों के बलिदान से इस दहशतगर्दी की कीमत चुकाई है।
अमेरिकी राज्य फ्लोरिडा के ऑरलैंडो शहर के संदिग्ध हमलावर की पहचान उमर मतीन के रूप में की गई है। 29 साल का अफगान मूल का मतीन ऑरलैंडो के दक्षिण में सेंट लुसी काउंटी के फ़ोर्ट पियर्स शहर का रहनेवाला था। वह अपने पेरेंट्स के साथ 1986 में अमेरिका आया था और फ्लोरिडा में ही रहता है। मतीन की शादी न्यूजर्सी की रहने वाली एक लड़की से हुई थी। उससे कुछ दिनों पहले अलग हो चुकी पत्नी ने कहा कि मतीन मारपीट करता था। छोटी बातों पर गुस्सा करता था। इसलिए उससे अलग होने का फैसला किया।
गे कपल्स को देखकर भड़कता था आतंकी उमर
उमर मतीन के पिता मीर सादिक़ ने बताया कि इस घटना का धर्म से कोई संबंध नहीं है, लेकिन जब वह देखता था कि दो मेल किस कर रहे हैं तो वह बहुत गुस्से में आ जाता था।” उन्होंने कहा, ‘मियामी में हाल में ही एक गे कपल को गले लगते हुए देख कर उमर भड़क गया था। हो सकता है कि इसीलिए उसने नाइटक्लब में ऐसी हरकत की।’ आगे उन्होंने बताया, ‘वह उस वक्त बहुत गुस्से में था जब उसकी वाइफ और बच्चों के सामने दो मेल किस कर रहे थे।’
इस आतंकवादी का संबंध बग़दादी से था, आईएसआईएस के लिए काम करता था और उसी के इशारे पर अमेरिका में बेगूनाहों को मार देता है। अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट्स में यहां तक कहा जा रहा है कि फ्लोरिडा के पोर्ट सेंट लुइस में रहने वाला उमर मतीन मिलिट्री ट्रेनिंग तक ले चुका था और पुलिस के रडार पर भी था ।एफ़बीआई ने पुष्टि की है कि उमर मतीन ने हमले से पहले इमरजेंसी नंबर 919 पर फोन किया था और इस्लामिक स्टेट नामक चरमपंथी संगठन के बारे में बात की थी। एजेंसी ने ये भी कहा है कि पिछले तीन साल में एफ़बीआई ने संभावित चरमपंथी संपर्क को लेकर तीन बार मतीन का इंटरव्यू किया था।
अमेरिका के क्लब में टेरर अटैक
ऑरलैंडो के गे नाइट क्लब में हुए इस नरसंहार में पचास से ज्यादा लोगों के मारे जाने की खबर है जबकि 40 से ज्यादा लोग अस्पताल में भर्ती हैं। पुलिस ने क्लब में मौजूद हमलावर को मारने के लिए ऑपरेशन शुरु किया लेकिन सबसे बड़ी चुनौती थी बंधकों को आजाद कराना । घंटों की मशक्कत के बाद हमलावर मारा गया।