Independence Day : लाल किले की प्राचीर से पीएम मोदी का भ्रष्टाचार से लेकर भाई-भतीजावाद पर करारा प्रहार, 83 मिनट के सम्बोधन में जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान और जय अनुसंधान का नारा दिया
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से 9वीं बार राष्ट्र को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद, आत्मनिर्भर भारत सहित कई मुद्दों पर अपनी बात रखी। उन्होंने आजादी के 75 साल बाद तिरंगे को सलामी देने वाले तोप का भी विशेष जिक्र किया। आइए जानते हैं पीएम मोदी के भाषण में क्या कुछ खास रहा…
पीएम मोदी के भाषण की प्रमुख बातें;
- मैं विश्व भर में फैले हुए भारत प्रेमियों को, भारतीयों को आजादी के इस अमृत महोत्सव की बहुत-बहुत बधाई देता हूं। हमारे देशवासियों ने भी उपलब्धियां की हैं, पुरुषार्थ किया है, हार नहीं मानी है और संकल्पों को ओझल नहीं होने दिया है।
- अमृतकाल का पहला प्रभात Aspirational Society की आकांक्षा को पूरा करने का सुनहरा अवसर है। हमारे देश के भीतर कितना बड़ा सामर्थ्य है, एक तिरंगे झंडे ने दिखा दिया है
- आज का ये दिवस, ऐतिहासिक दिवस है। एक पुण्य पड़ाव, एक नई राह, एक नए संकल्प और नए सामर्थ्य के साथ कदम बढ़ाने का ये शुभ अवसर है
- दुनिया आज भारत को गर्व, आशा और समस्या समाधान के रूप में देखती है।
- दुनिया भारत को एक ऐसे गंतव्य के रूप में देखती है जहां आकांक्षाएं पूरी होती हैं।
- आज विश्व पर्यावरण की समस्या से जो जूझ रहा है। ग्लोबल वार्मिंग की समस्याओं के समाधान का रास्ता हमारे पास है। इसके लिए हमारे पास वो विरासत है, जो हमारे पूर्वजों ने हमें दी है।
- पिछले 8 वर्षों में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के द्वारा आधार, मोबाइल जैसी आधुनिक व्यवस्थाओं का उपयोग करते हुए, गलत हाथों में जाने वाले 2 लाख करोड़ रुपये को बचाकर उन्हें देश की भलाई में लगाने में हम कामयाब हुए हैं।
अमृत काल के पंच-प्रण
पहला प्रण – विकसित भारत का लक्ष्य
दूसरा प्रण – गुलामी के हर अंश से मुक्ति
तीसरा प्रण – अपनी विरासत पर गर्व
चौथा प्रण – एकता और एकजुटता
पांचवां प्रण – नागरिकों में कर्तव्य की भावना
ऊंची उड़ान तो दुनिया को समाधान
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अनुभव दिखाते हैं कि एक बार जब हम संकल्प करते हैं तो हम अपने लक्ष्यों को हासिल कर लेते हैं, हमें दूसरों की नकल करने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। पीएम मोदी ने कहा कि भारत की विरासत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। हमारे पास पहले से ही ऐसी परम्पराएं एवं तरीके मौजूद हैं जो जलवायु परिवर्तन से निपटने में मदद करेंगे। पीएम मोदी ने कहा कि जब हम अपनी जड़ों से जुड़े होते हैं, तब ही हम ऊंची उड़ान भर सकते हैं, जब हम ऊंची उड़ान भरेंगे तो पूरी दुनिया को समाधान देंगे।
भ्रष्टाचार से लड़ना ही होगा
पीएम मोदी ने कहा कि भ्रष्टाचार देश को दीमक की तरह खोखला कर रहा है, उससे देश को लड़ना ही होगा। उन्होंने कहा हमारी कोशिश है कि जिन्होंने देश को लूटा है, उनको लौटाना भी पड़े, हम इसकी कोशिश कर रहे हैं। पीएम मोदी ने कहा कि आज देश की सेना के जवानों का हृदय से अभिनंदन करना चाहता हूं। मेरी आत्मनिर्भर की बात को संगठित स्वरूप में, साहस के स्वरूप में, सेना के जवानों और सेनानायकों ने जिस जिम्मेदारी के साथ कंधे पर उठाया, उनको आज मैं सैल्यूट करता हूं।
महिलाओं का सम्मान विकास का महत्वपूर्ण स्तंभ
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के विकास के लिए महिलाओं का सम्मान एक महत्वपूर्ण स्तंभ है, हमें अपनी ‘नारी शक्ति’ का समर्थन करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि कोई भी राष्ट्र जिसने प्रगति की है, उसके नागरिकों में अनुशासन गहरायी से समाया हुआ है। पीएम मोदी ने कहा कि अगर सभी अपनी जिम्मेदारी निभाएं तो भारत तेजी से तरक्की करेगा। पीएम मोदी ने कहा कि भारत की प्रगति की आधारशिला समानता है, हमें यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि हम ‘भारत पहले’ के मंत्र के जरिये एकजुट रहें।