Illegal storage and sale/गजानन्द मार्केटिंग बड़नगर पर उर्वरक का अवैध भण्डारण एवं विक्रय पर एफआईआर दर्ज, उर्वरकों की जप्ती, दुकान सील
उज्जैन,19 नवंबर (इ खबरटुडे/ब्रजेश परमार)। अवैध रूप से उर्वरक रखना एवं अधिक राशि से उर्वरक विक्रय करने के मामले में जिले की बडनगर तहसील की गजानन्द मार्केटिंग कोर्ट चौराहा के प्रोप्राइटर रवि पिता नरेश कल्याणे की दुकान पर उर्वरक का अवैध भण्डारण एवं विक्रय करने पर बड़नगर थाने पर एफआईआर दर्ज कराई है। कृषक की शिकायत पर यह कार्रवाई कृषि विभाग ने की।
उप संचालक कृषि आरपीएस नायक ने बताया कि बड़नगर अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को मौखिक रूप से ग्राम फतेहपुर निवासी कृषक रामेश्वर पिता राजाराम गुर्जर ने मौखिक रूप से शिकायत की थी।
शिकायत में उन्होंने कहा कि गजानन्द मार्केटिंग लोकमान्य तिलक पथ अमन एग्रो इण्डस्ट्रीज के प्रोप्राइटर के सामने प्रोप्राइटर रवि पिता नरेश कल्याणे के द्वारा 30 बोरी युरिया 380 रुपये प्रति बोरी एवं डीएपी 1600 रुपये प्रति बोरी के मान से उन्हें बेचा गया है।
शिकायत पर अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी/उर्वरक निरीक्षक एवं तहसीलदार बड़नगर के द्वारा संयुक्त दल ने मेसर्स गजानन्द मार्केटिंग बड़नगर पर जाकर जांच की। इसमें शिकायत सही पाई गई एवं मेसर्स गजानन्द मार्केटिंग के प्रतिष्ठान को आगामी कार्यवाही तक सील कर दिया गया है। इसके पश्चात उक्त टीम द्वारा गजानन्द मार्केटिंग के घर/गोदाम पर पहुंची, जहां पर निरीक्षण के दौरान इफ्को युरिया की लगभग 480 बोरी एवं किसान युरिया की 364 बोरी भौतिक रूप से पाई गई, जो कि उक्त विक्रेता की पीओएस मशीन पर भी प्रदर्शित नहीं हो रही थी।
मेसर्स गजानन्द मार्केटिंग के प्रोप्राइटर रवि पिता नरेश कल्याणे ने अवगत कराया कि उक्त युरिया खाद मेरा नहीं है। इसके पश्चात उक्त जांच दल की उपस्थिति में युरिया खाद को कृषि उपज मंडी परिसर स्थित विपणन संघ के गोदाम में भेजकर गोदाम प्रभारी के सुपुर्दगी में दिया गया, जबकि प्रोप्राइटर के घर पर भौतिक रूप से 851 बोरी युरिया पाई गई। उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 की धारा 7 का स्पष्ट उल्लंघन है।
गजानन्द मार्केटिंग के द्वारा शिकायतकर्ता किसान को युरिया 380 एवं डीएपी 1600 रुपये प्रति बोरी से विक्रय किया गया, जो कि उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 की धारा 3(3) का स्पष्ट उल्लंघन है। साथ ही भादंसं 1960 की धारा 420 का भी स्पष्ट उल्लंघन है। इसके अलावा उर्वरक विक्रेता किसानों को केश/क्रेडिट मेमो भी नहीं दिया और न ही पीओएस मशीन से बिल दिया, जो उर्वरक नियंत्रण आदेश की धारा 5 का स्पष्ट उल्लंघन है।
साथ ही उक्त फर्म के द्वारा उर्वरक का अवैध स्थान पर भण्डारण एवं विक्रय किया जाना पाया गया जो आवश्यक वस्तु अधिनियम-1955 की धारा 3/7 का स्पष्ट उल्लंघन किया है। गजानन्द मार्केटिंग के घर/गोदाम पर अवैध रूप से भण्डारित इफ्को युरिया 491 बोरी एवं किसान युरिया 360 बोरी कुल 851 बोरी (भर्ती 45 किलो) कृषि उपज मंडी परिसर स्थित विपणन संघ के गोदाम में रखी गई है, जिसकी कीमत लगभग दो लाख 26 हजार 791 है।
मेसर्स गजानन्द मार्केटिंग बड़नगर के प्रोप्राइटर रवि पिता नरेश कल्याणे के विरूद्ध उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 की धारा 7, 5, 3(3), भादंसं की धारा 420 एवं आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 3/7 के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है।