November 23, 2024

with one lung/इंदौर की 12 वर्षीय सिमी एक फेफड़े के सहारे लड़ रही ‘जिंदगी की जंग”

इंदौर,24 जून (इ खबरटुडे)। कोविड संक्रमण के कारण जिन लोगों के दो फेफड़ों तक संक्रमण पहुंचने पर उन्हें अस्पताल में वेंटीलेटर पर रखा जाता है। ऐसे में सांघी कालोनी में रहने वाली 12 साल की सिमी जन्म से ही एक फेफड़े के सहारे जिंदगी की जंग लड़ रही है।

सिमी को कोविड संक्रमण भी हुआ। इसके बाद उसका फेफड़ा भी प्रभावित हुआ। जिसकी वजह से पहले जहां सिमी को रात के समय आक्सीजन की जरूरत होती थी लेकिन अब पिछले पांच माह से उसे बाइपेप के सहारे रहना पड़ रहा है। सिमी यदि थोड़ा बहुत वर्कआउट करती है तो उसका आक्सीजन लेवल 60-65 तक पहुंच जाता है।

ऐसे में अब परिवार के सदस्यों को सिमी को साइकिल या स्केटिंग की गतिविधि करवाने में दिक्कत आती है। परिवार के सदस्यों को हर समय यह डर सताता है कि सिमी घर से बाहर निकली तो उसे कोविड संक्रमण फिर से न हो जाए।

सिमी दत्त के पिता ने बताया, “बचपन से ही मेरी बेटी की एक लंग्स, किडनी और एक हाथ विकसित नहीं हुआ। कोरोना में इनका ऑक्सीजन स्तर 40-50 तक गिर गया था। हमने लगातार सिमी को बाईपाइप ऑक्सीजन पर लगाए रखा।

चार साल से रात में आक्सीजन कंसंट्रेटर के सहारे सोती है सिमी
सांघी कालोनी में रहने वाली 12 साल की सिमी के शरीर में जन्म से ही एक ही फेफड़ा है और एक हाथ नहीं है। ऐसे में पिछले चार साल से उसे हर रात को आक्सीजन कंसंट्रेटर के सहारे ही सोना पड़ता है। सिमी के पिता अनिल दत्त के मुताबिक 2009 में जब सिमी का जन्म हुआ तो पता चला उसका बायां हाथ नहीं है और रीढ़ की हड्डी में तीन फ्यूज थे और बाईं ओर की एक किडनी, एक फेफड़ा अविकसित था। ऐसे में उसे अब एक फेफड़े के सहारे ही रहना पड़ रहा है। एक फेफड़े के कारण उसका आक्सीजन लेवल कई बार 60 तक पहुंच जाता है। सोते समय उसका आक्सीजन लेवल कम होता है। इस दौरान उसे आक्सीजन देनी पड़ती है।

कोविड के बाद बाइपेप पर रहने को मजबूर
27 दिसंबर 2020 को सिमी और उनकी मां अंजू दत्त को कोविड संक्रमण हुआ था। दोनों ए-सिम्पटोमेटिक थे। संक्रमण के कारण सिमी का आक्सीजन लेवल गिरकर 80 और रात में सोते समय आक्सीजन 50 तक पहुंचने के कारण परिवार के सभी सदस्य चिंतित हो गए। फिर अनिल दत्त ने सिमी का इलाज कर रहे चेन्न्ई के चिकित्सक डा. मुथीह पैरियाकुप्पन से सलाह लेकर उसके लिए घर पर ही बाइपेप व आक्सीजन लगाई।

सिमी को अब अधिकांश समय आक्सीजन व बाइपेप पर रखा जा रहा है। सिमी ने कोरोना से जंग जीत ली है लेकिन अब भी उसके लिए जिंदगी की राह आसान नहीं हुई। पिता अनिल दत्त के मुताबिक पिछले दिनों जब रात में लाइट 12 घंटे के लिए गुल हुई थी। उस इन्वर्टर भी बंद हो गया था। उस समय सिमी को जगाकर रखना पड़ा था ताकि सोने पर उसका आक्सीजन गिर न जाए।

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