भोपाल गैस त्रासदी का जहरीला कचरा जलाने के खिलाफ पीथमपुर में उग्र विरोध, दो युवकों ने आत्मदाह की कोशिश, पुलिस ने किया लाठीचार्ज
इंदौर,03 जनवरी(इ खबर टुडे)। मध्य प्रदेश के पीथमपुर (धार) में बवाल मचा है। यूनियन कार्बाइड का जहरीला कचरा जलाने के विरोध में लोगों ने मोर्चा खोल दिया है। शुक्रवार (3 जनवरी) को हजारों लोगों ने हंगामा कर दिया। पुलिस ने लाठीचार्ज कर भीड़ को तितर-बितर किया। आंदोलन कर रहे राजू पटेल और राजकुमार रघुवंशी ने खुद पर पेट्रोल डालकर आत्मदाह की कोशिश की। दोनों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। आंदोलनकारी रामकी एनवायरो इंडस्ट्रीज जाने की कोशिश कर रहे हैं। पुलिस ने बैरिकेडिंग करके उन्हें रोक लिया है।
जानकारी के अनुसार पीथमपुर के बस स्टैंड पर लोग धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। पुलिस ने सख्ती बढ़ा दी है। पुलिसकर्मी लोगों को सीमित दायरे में बैठने को कह रहे हैं। प्रदर्शनकारी सरकार और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं। पीथमपुर बचाओ समिति के सदस्य भी दिल्ली से लौटकर प्रदर्शन स्थल पहुंच गए हैं। समिति के लोगों का कहना है कि जहरीला कचरा यहां से वापस जाने तक अनशन जारी रहेगा।
महिलाओं ने चूड़ियां उतारकर की इकट्ठा
पीथमपुर बस स्टैंड पर चल रहे धरना प्रदर्शन के दौरान महिलाएं अपनी चूड़ियां उतारकर इकट्ठा कर रही हैं। पीथमपुर बचाओ समिति के सदस्य इन्हें जनप्रतिनिधियों को भेजेंगे। इधर यूका का कचरा जलाने के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका लगाने वाले एडवोकेट बाबूलाल नागर ने कहा कि हमने हाईकोर्ट में पिटिशन दायर की है। जिस पर 6 जनवरी को सुनवाई होगी। हम अदालत के सामने इस कचरे के दुष्परिणाम समेत अन्य जानकारी रखेंगे।
भोपाल की यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री का 337 मीट्रिक टन जहरीला कचरा लेकर बुधवार रात 9 बजे 12 कंटेनर पीथमपुर रवाना हुए थे। भोपाल, सीहोर, इंदौर, देवास और धार जिलों से गुजरते हुए 250 किमी का सफर तय कर गुरुवार सुबह सभी कंटेनर पीथमपुर पहुंचे। भोपाल से कचरा उठने के साथ ही विरोध के सुर भी उठने लगे थे। गुरुवार को लोगों ने विरोध में रैली निकाली थी। शुक्रवार को विरोध उग्र हो गया।
40 साल पहले हुई गैस त्रासदी का है ‘जहरीला कचरा’
यूनियन कार्बाइड इंडिया लिमिटेड की स्थापना 1934 में भोपाल में की गई थी। कंपनी में यूनियन कार्बाइड और कार्बन कॉर्पोरेशन की 50.9 प्रतिशत हिस्सेदारी थी। 2-3 दिसंबर 1984 को भोपाल की यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री के एक टैंक में स्टोर की गई एमआईसी गैस लीक हो गई थी। हवा के साथ गैस फैलकर आसपास के इलाकों में घुलने लगी। धीरे-धीरे गैस भोपाल शहर के बड़े हिस्से में फैल गई। लोगों को सांस लेने में दिक्कत होने लगी। त्रासदी में 5479 लोगों की मौत हुई थी। 5.74 लाख लोग प्रभावित हुए थे। घटना के 40 साल बाद भोपाल से यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री के जहरीले कचरे को पीथमपुर भेजा गया। आशापुरा गांव स्थित रामकी एनवायरो फैक्ट्री में इसे जलाया जाना है।