April 26, 2024

सीजनल इन्फ्लूएंजा की रोकथाम व उपचार प्रबंधन के संबंध में एडवायजरी जारी, चिकित्‍सकों को अलर्ट रहने के ‍निर्देश

रतलाम,16 मार्च (इ खबर टुडे)। सीजनल इन्फ्लूएंजा (एच1एन1/एच3एन2) वायरस इन्फ्लूएंजा ए का सब टाइप है। डब्ल्यू.एच.ओं. के अनुसार (एच1एन1/एच3एन2) इन्फ्लूएंजा पंक्षियों एवं दूसरें जानवरों से म्यूटेन्ट होकर इंसानों में फैलते हैं। वर्तमान में बुखार और सर्दी, खॉसी के मामलों में बढोतरी हुई है, लोगों को थकान एवं कमजोरी से उबरने में 2 सप्ताह से ज्यादा का समय लग रहा है।

वर्तमान में मौसम के बदलाव के कारण स्वाईन फ्लू सीजनल इन्फ्लूएंजा (एच1 एन1/ एच3एन2) मरीजों की स्क्रीनिंग निदान उपचार व रोकथाम हेतु दिशा- निर्देशों का कडाई से पालन करने के निर्देश जारी किए गए हैं। सभी चिकित्‍सकों को अलर्ट रहने के ‍निर्देश जारी किए गए हैं।

लक्षण :- अचानक खॉसी और खराश के साथ 100.4 डिग्री फारेनहाईट बुखार अन्य लक्षण-मांसपेशियों या शरीर में दर्द, सिरदर्द, थकान, उल्टी और दस्त (बच्चों में अधिक) भरी या बहती हुई नाक आदि सामान्‍य लक्षण हैं। सांस लेने में तकलीफ, खून की उल्टी, परिवर्तित मानसिक स्थिति, थकान व कम दूध पीना (नवजात व छोटेबच्चों में), झटकें आना, मूत्र उत्पादन में कमी, 72 घंटो में प्रारंभिक लक्षणों का बने रहने या बिगडना, मधुमेह, क्रोनिक किडनी रोग आदि पुरानी रोगो की स्थितियों का बिगड जाना विशेष जटिल लक्षण हैं।

बचाव:- संक्रमण से बचाव के लिए मास्‍क पहनें और भीडभाड वाली जगहों पर जाने से बचें। छींकते और खांसते समय मुंह को रूमाल अथवा कपडे से ढकें, तरल पदार्थ पीऐं। अपने हाथों से मुह और नाक को ना छुएं। बुखार और बदन दर्द होने पर पेरासीटामॉल लें। हाथ ना मिलाऐं और संपर्क अभिवादनों का उपयोग ना करें। सार्वजनिक जगहों पर ना थूकें। डॉक्‍टर की सलाह के बिना एंटीबायोटिक्‍स एवं अन्‍य दवाईयां ना लें। दूसरों के साथ बैठकर भोजन ना करें।

सीएमएचओ ने बताया कि जिला स्तर, ब्लॉक स्तर तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र स्तर पर होने वाली मासिक एवं साप्ताहिक बैठकों में समस्त स्वास्थ्य कर्मियों को सीजनल इन्फ्लूएंजा (एच3एन2) के रोकथाम एवं उपचार संबधित जानकारी से अवगत कराया जा रहा है। सीजनल इन्फ्लूएंजा (एच1एन1/एच3एन2) की जॉच हेतु जिला चिकित्सालय में आईसोलेशन वार्ड बनाये गये है जिनमें मरीजों को भर्ती कर उपचारित किया जावेगा। इसी प्रकार मेडिकल कॉलेज मे भी आईसोलेशन वार्ड बनाये गये है। संदिग्ध मरीजों की जॉच हेतु आई.डी.एस.पी.शाखा को सूचना दी जा सकती है।

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