Omicron third wave: ओमिक्रॉन के बढ़ते खतरे के बीच एक्सपर्ट का दावा, जनवरी में आएगी तीसरी लहर
नई दिल्ली,05दिसंबर(इ खबर टुडे)। कोरोना के नए वेरिएंट ‘ओमिक्रॉन’ के आने के बाद देश में तीसरी लहर आना लगभग तय माना जा रहा है। रविवार तक देश में ओमिक्रॉन के 21 मामले सामने आ चुके हैं और वैज्ञानिक आशंका जता रहे हैं कि जनवरी के आखिरी सप्ताह या फरवरी की शुरुआत में ओमिक्रॉन का पीक होगा। IIT के वरिष्ठ वैज्ञानिक पद्मश्री प्रो. मणींद्र अग्रवाल ने नए अध्ययन में यह दावा किया है। आज ही संक्रमण का दायरा अचानक बढ़ गया जब महाराष्ट्र से 8, राजस्थान से 9 और राजधानी दिल्ली से ओमिक्रॉन के एक मामले की पुष्टि हुई है।
हालांकि वैज्ञानिकों का यह भी मानना है कि तीसरी लहर, दूसरी लहर के मुकाबले कम घातक होगी। रविवार को ही दिल्ली में पहला ओमिक्रॉन केस सामने आया है जो कि देश का पांचवा ओमिक्रॉन केस है। इसके बाद काफी लोगों को कोरोना की तीसरी लहर का डर सता रहा है।
कम घातक होगी तीसरी लहर
प्रो. मणींद्र अग्रवाल ने नए अध्ययन में दावा किया है कि तीसरी लहर, दूसरी लहर की तुलना में कम घातक होगी। प्रो. अग्रवाल ने अपने गणितीय मॉडल सूत्र के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला है. गौरतलब है कि इससे पहले प्रो. मणींद्र ने ही अपने गणितीय मॉडल के आधार पर ही दूसरी लहर के बाद नए म्यूटेंट के आने से तीसरी लहर की आशंका जताई थी। अब प्रो. अग्रवाल ने दक्षिण अफ्रीका से फैले ओमीक्रॉन वेरिएंट पर स्टडी शुरू कर ताजा निष्कर्ष जारी किए हैं।
हर रोज मिलेंगे एक से डेढ़ लाख मरीज
इन निष्कर्षों के मुताबिक अब तक जितनी भी केस स्टडी सामने आई हैं, उसमें संक्रमण तेजी से फैल रहा है लेकिन बहुत अधिक घातक नहीं मिला है। प्रो. अग्रवाल के मुताबिक दूसरी लहर के हल्के होने के बाद यानी सितंबर में तीसरी लहर को लेकर उन्होंने जो आंकलन किया था, वह सच साबित होता दिख रहा है। कई देशों में फैलने के बाद भारत में भी ओमीक्रॉन संक्रमण के मामले मिलने लगे हैं। उन्होंने बताया कि जब तीसरी लहर अपने चरम पर होगी, तब रोजाना एक से डेढ़ लाख के बीच संक्रमित मरीजों के मिलने की संभावना है।