December 25, 2024

EVM मामले पर विपक्षी पार्टियों को बड़ा झटका, पुनर्विचार याचिका खारिज, सुप्रीम कोर्ट बोला- हम आपको सुनने के लिए बाध्य नहीं

suprim court

नई दिल्ली,07 मई(इ खबरटुडे)।लोकसभा चुनाव 2019 के बीचVVPAT पर्चियों की EVM से मिलान की याचिका मामले में विपक्षी पार्टियों को सुप्रीम कोर्ट से एक बार फिर झटका लगा है. टीडीपी नेता चन्द्रबाबू नायडू और कांग्रेस सहित 21 विपक्षी पार्टियों की पुनर्विचार याचिका पर फिर से विचार करने से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने विपक्षी पार्टियों की इस याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है. मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट न साफ कहा है कि हम दखल देने को तैयार नहीं हैं और हम आपको सुनने के लिए बाध्य नहीं हैं. बता दें कि विपक्षी पार्टियों ने 50 फीसदी VVPAT पर्चियों की EVM से मिलान की मांग की थी. 

सुनवाई के दौरान विपक्षी पार्टियों के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कम से कम 25 या 33 फीसदी तक EVM-VVPAT मिलान की दरख्वास्त की थी. लेकिन कोर्ट ने कहा कि पिछले आदेश में सुधार की ज़रूरत नहीं है.

क्या हैं पहले का आदेश?

चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली बेंच ने आठ अप्रैल को अपने फैसले में कहा था कि याचिका में जो मांग की गई है, उससे मौजूदा मिलान प्रक्रिया 125 गुणा बढ़ जाएगी. ये पूरी तरह अव्यवहारिक होगा. लेकिन फिर भी हम इस दलील से सहमत हैं कि चुनाव प्रक्रिया को ज्यादा विश्वसनीय बनाने की कोशिश करनी चाहिए. इसलिए ये आदेश देते हैं कि हर विधानसभा क्षेत्र से 5 EVM मशीनों का VVPAT की पर्चियों से मिलान करवाया जाए.

क्या है विपक्ष की मांग?
आठ अप्रैल के फैसले के खिलाफ विपक्षी पार्टियों ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की थी. कांग्रेस, सपा, बसपा, आरजेडी, तृणमूल कांग्रेस, एनसीपी, सीपीएम और तेलगु देशम समेत कुल 21 पार्टियों की मांग थी कि एक क्षेत्र में EVM मशीनों की आधी संख्या का मिलान VVPAT से निकली पर्चियों से चुनाव आयोग करवाए. चुनाव आयोग (ईसी) इस मांग के विरोध में है. ईसी का कहना है कि इस मांग को मान लेने पर चुनाव परिणाम में देरी होगी.

नायडू का चुनाव आयोग को पत्र

आज ही आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और तेलगू देशम पार्टी (टीडीपी) के अध्यक्ष एन चंद्रबाबू नायडू ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर हर सीट से 50 फीसदी EVM मशीनों के VVPAT से मिलान की मांग की है. आपको बता दें कि पहले हर विधानसभा क्षेत्र से 1 ईवीएम के नतीजों का मिलान वीवीपीएटी के पर्चियों से कराया जाता था.

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