Corona update: विशेषज्ञों का दावा- नई लहर आने पर भी नहीं होगा गंभीर असर, व्यापक टीकाकरण से नागरिकों की प्रतिरोधक क्षमता मजबूत
नई दिल्ली,21मार्च(इ खबर टुडे)। चीन, हांगकांग व यूरोप के कुछ हिस्सों में तेजी से बढ़ रहे कोविड-19 के मामलों के बीच भारत में कोरोना महामारी की नई लहर आने पर भी बड़ा असर नहीं होगा, यह दावा देश के विभिन्न चिकित्सा विशेषज्ञों ने किया है। यह भी सुझाव दिया कि अब मास्क की अनिवार्यता से छूट देने पर भी सरकार को विचार करना चाहिए। उन्होंने इसकी वजह व्यापक टीकाकरण और प्राकृतिक संक्रमण से बनी प्रतिरोधक क्षमता को बताया।
देश में रोजाना मिल रहे संक्रमण व मृतकों की संख्या अब बेहद कम हैं। इसी लिए मास्क लगाने से कुछ छूट दी जा सकती है। रविवार को भारत में 1761 नए संक्रमित मिले। यह पिछले 688 दिनों में सबसे कम है। 127 लोगों की मौत भी हुई है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक इस समय सक्रिय मामलों की संख्या 26,240 है।
मास्क अनिवार्यता से छूट मिले
एम्स में वरिष्ठ महामारी रोग विशेषज्ञ डॉ. संजय राय ने कहा, कोरोना वायरस एक आरएनए वायरस है, जिसमें म्यूटेशन होता ही है। अब तक हजार से अधिक म्यूटेशन हो चुके, जिनमें पांच चिंताजनक थे।
भारत ने पिछले साल दुर्भाग्य से भयानक दूसरी लहर देखी, जो आज हमारी मजबूती बन चुकी है। प्राकृतिक संक्रमण ज्यादा व लंबे समय रोग प्रतिरोधक क्षमता देते हैं। भविष्य में गंभीर लहर की संभावना नहीं है, सरकार मास्क की अनिवार्यता से छूट दे सकती है।
12 से 18 आयु वर्ग में टीकाकरण पर जोर दें
एनटीएजीआई अध्यक्ष डॉ. एनके अरोड़ा ने कहा, अधिकतर लोग टीका ले चुके हैं, संक्रमण भी व्यापक स्तर पर फैला था, इसलिए अब नई लहर गंभीर स्तर पर नहीं आ सकती। हालांकि हमें सुरक्षा कम नहीं करनी चाहिए, क्योंकि नए वैरिएंट अब भी आ सकते हैं।
दूसरे देशों का डाटा बताता है कि टीका न लेने वाले या आधी डोज लेने वालों में संक्रमण गंभीर बीमारी या मौत की वजह बन रहा है।
भारत से महामारी अब खत्म
महामारी जन स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ. चंद्रकांत लहरिया,अब कोई नया वैरिएंट आए, तब भी भारत में नई गंभीर लहर की संभावना कम है। बल्कि ओमीक्रोन से मिले डाटा के आधार पर हमें मान लेना चाहिए कि भारत से महामारी अब खत्म हो चुकी है। हमने पिछली तीन लहर में प्राकृतिक संक्रमण और बड़ी संख्या में टीके की डोज से हाइब्रिड प्रतिरोधक क्षमता पाई है।
90 प्रतिशत तक लोग संक्रमित हो चुके
सफदरजंग अस्पताल के सामुदायिक चिकित्सा विभाग प्रमुख डॉ. जुगल किशोर ने कहा, देश में सीरोपॉजिटिविटी बड़ी मात्रा में है, जो दर्शाता है कि करीब 90 प्रतिशत तक नागरिक कोरोना की चपेट में पहले ही आ चुके हैं। अब मास्क पहनने का नियम बनाए रखना जरूरी नहीं है। प्राकृतिक संक्रमण हमें भविष्य में नई लहर आने पर गंभीर रूप से बीमार पड़ने से बचाने का काम करेगा।