रतलाम / शिक्षा एक संस्कार है और राष्ट्र निर्माण में शिक्षकों की शिक्षकों की भूमिका अहम् है- मंत्री चेतन्य काश्यप
आजाद अध्यापक शिक्षक संघ द्वारा शिक्षा गुणवत्ता एवं शिक्षक सम्मेलन 2024 का हुआ भव्य आयोजन, संघ ने मंत्री काश्यप को सौंपा मुख्यमंत्री के नाम संबोधित ज्ञापन
रतलाम,17दिसंबर(इ खबर टुडे)। राष्ट्रवाद का सबसे अच्छा चिंतन भारत में हुआ जिसमें शिक्षा और शिक्षकों की अहम् भूमिका है। शिक्षकों को सिर्फ सामान्य कर्मचारियों की तरह नहीं, अपितु अलग सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है। स्वास्थ्य में सेवा की प्राथमिकता होती है तो शिक्षा में राष्ट्र निर्माण की विचारधारा की। शिक्षकों और उनके व्यवहार का बच्चों के मन पर गहरा प्रभाव पड़ता है। शिक्षा एक संस्कार है। स्कूलों में संस्कार मिलते हैं। इसलिए शिक्षकों की भूमिका समाज में ‘दायित्व’ की है। शिक्षकों का अपने अधिकारों की बात रखना भी एक महत्वपूर्ण उपक्रम है, यह आवश्यक है और किया भी जाता है। आजाद अध्यापक शिक्षक संघ द्वारा आयोजित शिक्षा गुणवत्ता एवं शिक्षक सम्मेलन इसी संस्कार और उपक्रम का प्रतीक है।
ये उद्गार मप्र शासन के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री चेतन्य काश्यप ने कही। वे आजाद अध्यापक शिक्षक संघ द्वारा विधायक सभागृह रतलाम में आयोजित शिक्षा गुणवत्ता एवं शिक्षक सम्मेलन 2024 में मुख्य अतिथि की आसंदी से बोल रहे थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता संघ के प्रांताध्यक्ष भरत पटेल ने की। विशेष अतिथि रतलाम महापौर प्रहलाद पटेल, नगर निगम अध्यक्ष मनीषा शर्मा, भाजपा जिला अध्यक्ष प्रदीप उपाध्याय, रतलाम प्रेस क्लब अध्यक्ष मुकेश पुरी गोस्वामी रहे।
‘बच्चों के संपूर्ण विकास में शिक्षकों के साथ ही अभिभावकों की भी जवाबदारी’
मंत्री काश्यप ने कहा कि शिक्षा गुणवत्ता के बारे में हमारी भारतीय संस्कृति में गुरु शिष्य की परंपरा रही है और गुरु और आचार्यों का संपूर्ण आचार, विचार और व्यवहार विद्यार्थियों के जीवन को प्रभावित करता था। वे बच्चों को संस्कारित करते थे। परंतु वर्तमान शिक्षा प्रणाली में अलग-अलग विषय के विशेषज्ञ लगाए जाते हैं जिससे विद्यार्थियों के संपूर्ण विकास के लिए अभिभावक भी जवाबदार हैं क्योंकि बच्चे स्कूलों में दिन के 6 घंटे ही रहते हैं, शेष 18 घंटे घर-परिवार में ही रहते हैं। पालकों की बहुत बड़ी संख्या अभी इस दायित्व को समझने के लिए तैयार नहीं है। सरकारी स्कूलों में यदि पालकों को बुलाया जाता है तो 10 प्रतिशत भी नहीं आते किंतु हमारे सीएम राइज विनोबा स्कूल ने उपस्थिति 90 प्रतिशत तक पहुंचाने में सफलता अर्जित की है। अहिंसा ग्राम प्रकल्प शुरू करने के मूल में शिक्षा ही बड़ा विषय था।
‘संघ द्वारा संज्ञान में लाए विषयों से मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री को अगवत कराएंगे’
मंत्री काश्यप ने एक साकारात्मक आयोजन के लिए आजाद अध्यपक शिक्षक संघ को धन्यवाद देते हुए कहा कि यदि आप कोई कार्यक्रम करें और मैं यहां उपलब्ध हूं तो मुझे आना भी चाहिए और सुनना भी चाहिए। मेरे विभाग के साथ अन्य विषय भी जुड़े हैं जिनका संबंध भी कहीं न कहीं शिक्षा से जुड़ा है। हमारे मुख्यमंत्री मोहन यादव जी का स्वभाव है कि वे हर विषय को लेकर पूरे प्रदेश में जा रहे हैं। उन्होंने अलग कार्यक्रमों और क्षेत्रों में अपनी भूमिका स्थापित की है। पूरे प्रदेश में एक साल में सकारात्मक माहौल बनाया है। ओपीए (ओल्ड पेंशन स्कीम), एनपीएस (न्यू पेंशन स्कीम) या यूपीएस (यूनिफाइड पेंशन स्कीम) की जो बात आपने रखी है और प्रधानमंत्री जी द्वारा जो नया विचार दिया गया है उसे लेकर प्रदेश सरकारी कितनी गति से कदम उठाएगी, यह आपको जल्द ही पता चलेगा। शासन के कार्य करने का एक क्रम है जो आज से नहीं, वर्षों से चल रहा है। इस दौरान कई परंपराओं का निर्माण हुआ है जिसके अनुसार राज्य की व्यवस्थाएं राज्य करेगा और केंद्र की केंद्र किंतु अब धारणा बदल चुकी है, अब जो केंद्र निर्धारण करेगा उसे राज्य तत्काल स्वीकार करेगा। हमारी संघीय व्यवस्था और राज्य के अपनी व्यवस्था और सिद्धांत हैं और उसके अनुरूप भी कुछ चींजें निर्धारित होती हैं। स्कूली शिक्षा और जनजातीय विभाग के शिक्षकों की सेवाओं, स्थानांतरण आदि से जुड़े मामले को लेकर मंत्र ने कहा कि ऐसे कई उदाहरण संगठन के कार्यकर्ताओं और अन्य अवसरों पर हमारे सामने आते रहते हैं। शिक्षा और शिक्षकों से जुड़ी ऐसी बातों को लेकर शिक्षा मंत्री उदयप्रताप सिंह की गहरी समझ रखते हैं और वे इस दिशा में प्रयास भी कर रहे हैं। मोहन जी ने तो सीएम बनते ही चिकित्सा शिक्षा और चिकित्सा विभाग को एक करने की पहल की क्योंकि वहां भी ऐसी ही विसंगति थी। संघ द्वारा जो भी बिंदु मेरे संज्ञान में लाए गए हैं वे मेरे कार्यत्रेत्र और अधिकार क्षेत्र में नहीं है, फिर मैं उन्हें मुख्यमंत्री जी और शिक्षा मंत्री जी के समक्ष अवश्य रखूंगा, चर्चा भी करूंगा। जिससे समाज का नुकसान न हो, वह संवाद बना रहना चाहिए।
शिक्षकार्मियों, गुरुजी व संविदा शिक्षकों को जो भी मिला शिवराज सरकार में मिला- भरत पटेल
अध्यक्षता करते हुए प्रांताध्यक्ष भरत पटेल ने आजाद अध्यापक शिक्षक संघ के उद्देश्य, सोच और उपलब्धियों के बारे में अवगत कराया। उन्होंने कहा कि 1998 से 2013 तक शिक्षाकर्मी, गुरुजी और संविदा शिक्षक के रूप में भर्तियां हुईं। तब मात्र 500 लेकर 2500 तक के न्यूनतम मानदेय पर उन्होंने सेवाएं दी। लंबे अरसे तक इसी तरह संघर्ष चला। परंतु मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हमें छठा वेतमान दिया। सातवां वेतनमान, शासकीय कर्मचारी का दर्जा और शिक्षक का पदनाम भी इसी सरकार ने दिया। पटेल ने मंत्री काश्यप से कहा कि हमें जो कुछ भी मिला आपकी ही सरकार से मिला और मौजूदा मोहन सरकार से भी मिल रहा है जिसक लिए शिक्षक आभारी हैं। प्रांताध्यक्ष ने मंत्री काश्यप के माध्यम प्रदेश सरकार के समक्ष शिक्षकों ग्रेच्युटी, पेंशन, अनुकंपा नियुक्ति, स्कूल शिक्षा विभाग और जनजातीय विभाग के संविलयन आदि से जुड़ी मांगों को प्रभावी ढंग से रखा और उन्हें निराकृत करने, मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री द्वारा हर साल एक बड़े आयोजन के रूप में शिक्षकों से संवाद करने का अनुरोध भी किया।
स्वच्छ भारत अभियान के लिए विद्यार्थियों को करें प्रेरित- प्रहलाद पटेल
महापौर प्रहलाद पटेल ने आजाद अध्यापक शिक्षक संघ के इस सकारात्मक प्रयास की प्रशंसा करते हुए राष्ट्र का भविष्य तैयार करने में शिक्षकों की भूमिका को अहम् बताया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान से पूरा देश प्रेरित है। पिछले दिनों आपके संगठन के माध्यम से हमें ज्ञात हुआ कि प्राथमिक विद्यालयों के पास सफाई आदि के लिए कोई कर्मचारी या व्यवस्था नहीं है। हमने निर्णय लिया है कि नगर निगम रतलाम शहर के सभी शासकीय प्राथमिक स्कूलों में नगर निगम द्वारा सफाई करवाई जाएगी। यह अभियान निरंतर जारी है। उन्होंने सभी शिक्षकों से स्वच्छता के लिए विद्यार्थियों को प्रेरित और प्रोत्साहित करने का आह्वान भी किया। शिक्षकों की मंशा पर सुमधुर गीत भी प्रस्तुत किया।
शिक्षक ही समाज को गढ़ता और मजबूत बनाता है- मनीषा शर्मा
नगर निगम अध्यक्ष मनीषा शर्मा ने कहा कि इस तरह के आयोजन अपने आप में विशेष हैं जहां समाज को दिशा देने वाले गुरुजन अपनी गुणवत्ता की बेहतरी के लिए स्वयं ही एकत्र हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षक ही भविष्य का निर्माता है और समाज को मजबूत बनाता है।
अच्छे राजनेता भी कक्षाओं में होते हैं तैयार- प्रदीप उपाध्याय
भाजपा जिलाध्यक्ष प्रदीप उपाध्याय ने कहा कि शिक्षकों का दायित्व अति महत्वपूर्ण है। बच्चे सुनने से ज्यादा शिक्षक को देखकर सीखते हैं। शिक्षक जब स्वयं अनुशासित, नैतिक होते हैं तो बच्चे अपने आप वैसे ही बनते हैं। बच्चों को करियर बनाने और अवसर चुनने के लिए कहते वक्त पहले साइंस, टीचिंग, व्यापार जैसे क्षेत्र ही वरीयता में होते थे। पंरतु अब माना जा रहा है कि अच्छी भावी पीढ़ी की जरूरत राजनीति में भी ही है। अच्छे राजनेता भी कक्षाओं में ही तैयार होते हैं।
शिक्षक बेहतर तो भावी पीढ़ी भी बेहतर होती है- मुकेश पुरी गोस्वामी
रतलाम प्रेस क्लब अध्यक्ष मुकेश पुरी गोस्वामी ने कहा कि बहुत कम ऐसे अवसर आते हैं जब इतनी बड़ी संख्या में शासकीय शिक्षक बिना किसी ट्रेनिंग, वर्कशॉप या आंदोलन के एकत्र हों। जनप्रतिनिधियों के सामने शिक्षकों और कर्मचारियों की इतनी मौजूदी तो आंदोलनों में ही नजर आती है परंतु यह आयोजन बिल्कुल अलग है। आजाद अध्यापक शिक्षक संघ ने सफल और गुणवत्तापूर्ण आयोजन करते हुए अच्छा प्रयास किया है। उन्होंने भी आह्वान किया कि शिक्षक जब स्वयं को समयानुरूप बेहतर बनाते हैं तो भावी पीढ़ी भी बेहतर बनती है।
सरस्वती पूजन व वंदना से शुरू हुआ आयोजन
इससे पूर्व सर्वप्रथम सभी अतिथियों ने मां सरस्वती का पूजन, दीप प्रज्ज्वलन एवं माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। सरस्वती वंदना शिक्षक शोभा शेर व सिद्धि परिहार ने प्रस्तुत की। तत्पश्चात अतिथियों को स्वागत संघ के संभागाध्यक्ष प्रकाश शुक्ला, जिलाध्यक्ष सुनील कुमार गौंड, महिला प्रकोष्ठ अध्यक्ष संध्या जैन, कार्यकारी जिलाध्यक्ष महेंद्र सिंह भाटी, संभाग उपाध्यक्ष विनोद यादव, जितेंद्र शर्मा, ललिता कदम, संभाग सचिव युगल किशोर पाल, नीमच जिला अध्यक्ष दिनेश टांकवाल, मंदसौर जिलाध्यक्ष श्याम मीणा, उपाध्यक्ष बालेश्वर मालवीय, सीमा कनेरिया, जिला हरीराम जाटवा, जिला महासचिव ब्रजेश झा, रामकरण सिंह कनेरिया, सचिव राजेश स्वर्णकार, महामंत्री मनन कपूरा, सह संयोजक राजेंद्र सिंह राठौर, ललिता कुशवाह, किरण पाटीदार, हेमंत पंवार, हेमलता कटारा, मनीष द्विवेदी, प्रकाशचंद्र वर्मा, नीमच राजा भोज शोध संस्थान के नरेंद्र सिंह पंवार आदि ने किया।
मुख्यमंत्री के नाम संबोधित ज्ञापन सौंपा
संघ का प्रतिवेदन जिला अध्यक्ष सुनील कुमार गौंड ने प्रस्तुत करते हुए संघ क्या, क्यों और कैसे कार्य कर रहा है, इस पर प्रकाश डाला। उन्होंने शिक्षा गुणवत्ता और सिक्षकों कि बेहतरी के लिए जिला इकाई की प्रतिबद्धता भी दोहराई। उज्जैन संभाग के अध्यक्ष प्रकाश शुक्ला ने संघ की शिक्षकों से जुड़ी संघ की मांगों के मुख्यमंत्री के नाम संबोधित ज्ञापन का वाचन किया। तत्पश्चात प्रांतीय अध्यक्ष पटले के नेतृत्व में संभाग शुक्ला, जिला अध्यक्ष गौंड सहित पदाधिकारियों ने ज्ञापन मंत्री काश्यप को सौंपा।
सीएम राइज विनोबा स्कूल का हुआ सम्मान, मंत्री ने खुल कर की तारीफ
समारोह में संघ द्वारा विश्व पटल पर शिक्षकों और पूरे भारत का मान बढ़ाने वाले रतलाम शहर के सीएम राइज विनोबा स्कूल का सम्मान किया गया। स्कूल की प्राचार्य संध्या वोरा और उनकी टीम सीमा चौहान, सविता राजपुरोहित और अमित झा को मुख्य अतिथि काश्यप एवं संघ के प्रांतीय अध्यक्ष भारत पटेल ने शॉल, श्रीफल और स्मृति चिह्न भेंट किया। काश्यप ने सीएम राइज विनोबा स्कूल द्वारा किए गए कार्य और स्कूल में पालकों की सहभागिता और उपस्थिति 90 फीसदी तक पहुंचाने की प्रशंसा की एवं इससे अन्य स्कूलों को भी प्रेरणा लेने की बात कही।
अभिनव पहल के लिए महापौर का हुआ स्वागत
स्कूलों की सफाई की अभिनव पहल के लिए संघ और सभी शिक्षकों की ओर से उपाध्यक्ष नीता पुरोहित ने अनुकरणीय बताते हुए महापौर पटेल का धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने अन्य निकायों में भी ऐसी ही व्यवस्था करने का आग्रह सभी जनप्रतिनिधियों से किया। समारोह में सैकड़ों की संख्या में शिक्षक और अन्य गणमान्यजन मौजूद रहे।
इन्होंने दिए अतिथियों को स्मृति चिह्न
अतिथियों को स्मृति चिह्न जिला संयोजक कैलाश जादौन, जिला प्रवक्ता सादिक मोहम्मद खान, ब्लॉक अध्यक्ष रघुनाथ खराड़ी (रतलाम), दिनेश परमार (सैलाना), आनंद चावला (आलोट), अशोक कुमार दड़िंग (जावरा), सुरेशचंद्र नायक (पिपलौदा), तेजू डोडियार (बाजना), दशरथलाल सोंडल (ताल) ने भेंट किए। संचालन पत्रकार नीरज कुमार शुक्ला एवं अदिति मिश्रा ने किया। आभार प्रदर्शन – जिला सचिव राजेश स्वर्णकार ने किया।
इन संगठनों ने भी किया स्वागत
आयोजन समग्र शिक्षक संघ, मप्र शिक्षक संघ, तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ, राज्य अध्यापक संघ, कर्मचारी संघ मप्र, प्रांतीय शिक्षक संघ, मप्र पीएचई संघ की ओर से उनके पदाधिकारियों ने अतिथियों और आजाद अध्यापक शिक्षक संघ के प्रांताध्यक्ष का स्वागत किया।
इनका रहा विशेष सहयोग
डॉ. रविंद्र उपाध्याय, अर्जुन गरवाल, कमलाशंकर शर्मा, योगेंद्र खेड़े, जितेंद्र बैरागी, सावन पारगी, भास्कर बाथम, जितेंद्र बैरागी, किशन पारगी, सारिका व्यास, प्रकाश परमार आदि का उल्लेखनीय सहयोग रहा।