Alcoholics Anonymous : शराबियत ने तबाह किया, ए ए ने लौटा दी जिन्दगी,रतलाम सहित पुरे देश में चल रहा है ए ए का अभियान
रतलाम,19 जुलाई (इ खबरटुडे)। केस नं. 1- मैं टीवी सीरीयल्स और फिल्मों की कहानियां लिखता था। जीवन में पूरी तरह सफल था। सफलता के साथ धीरे धीरे शराब का शौक लगा और कुछ ही सालों में शराबियत पूरी तरह हावी हो गई। शराबियत ने मुझे पूरी तरह तबाह कर दिया। काम मिलना बन्द हो गया। बीबी छोडकर चली गई। सबकुछ मुझसे छीन गया। मेरे पास केवल शराबियत रह गई। लेकिन फिर मुझे एए का साथ मिला और अब मुझे मेरी जिन्दगी फिर मिल गई है।
केस न.2– मैं बरसों तक खाडी देशों में काम करता था। मैने वहां रहकर जबर्दस्त कमाई की। लेकिन जबर्दस्त कमाई के साथ साथ शराब और ड्रग्स की भी आदत लग गई। करीब पन्द्रह साल बाद मैं विदेश से लौटा। मेरे पास बहुत धन था,लेकिन शराबियत के कारण जल्दी ही मेरा धन समाप्त हो गया। मेरे परिवार ने मुझे छोड दिया। मेरी जिन्दगी तबाह हो गई। लेकिन अचानक एक दिन मुझे एए का साथ मिल गया और मेरी जिन्दगी मुझे वापस मिल गई। अब मेरा परिवार मेरे साथ है।
ये अनुभव है उन व्यक्तियों के जो शराबियत की बीमारी से उबर कर फिर से सामान्य जीवन में लौट चुके है। ये सारे अनुभव अब वे उन लोगों से साझा करते है जो आज शराबियत के असर में है और पूरी तरह तबाह हो चुके है, या तबाह होने के रास्ते पर चल रहे हैं। इन सभी लोगों के लिए जीवन की ओर वापसी का एक ही रास्ता है – ए ए।
ए ए अर्थात एल्कोहोलिक्स एनानिमस। ये विश्वव्यापी संस्था पूरी दुनिया में शराबियत से परेशान लोगों (इनमें महिलाएं भी शामिल हैं) को शराबियत से निजात दिलाने में सक्रिय है। एए से जुडे लोग अपनी पहचान को छुपा कर रखते है। पिछले दिनों एए से जुडे इन्दौर के एक वरिष्ठ सदस्य रतलाम आए। रतलाम प्रवास के दौरान उन्होने इ खबर टुडे के साथ एए के अपने अनुभव साझा किए। ए ए अर्थात एल्कोहल एनानिमस की जानकारी देते हुए उन्होने बताया कि इस संस्था का आरंभ 1934 में अमेरिका में हुआ था। यह पूर्णत: स्वैच्छिक और स्वयंसेवी संस्था है, जिसके सदस्य अपनी या संस्था के अन्य सदस्यों की पहचान बाहरी दुनिया में कभी उजागर नही करते। संस्था प्रचार प्रसार से पूरी तरह दूर रहती है। इसके बावजूद आज दुनिया भर में 70 लाख से ज्यादा लोग इससे जुडे हुए है। भारत में भी इससे जुडे लोगों की संख्या पचास हजार से एक लाख में अनुमानित है ।
उन्होने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी 1960 के दशक में यह घोषित किया था कि एल्कोहलिज्म (शराबियत) एक बीमारी है और इसका कोई चिकित्सकीय उपचार अभी तक उपलब्ध नहीं है। यह बीमारी शारीरिक और मानसिक दोनो ही प्रकार की है। वास्तव में यह बीमारी व्यक्ति के व्यक्तित्व और सोच से जुडी है, जिसकी रोकथाम व्यक्तित्व में बदलाव से की जा सकती है। इस परिस्थिति को देखते हुए ए ए (एल्कोहोलिक्स एनानिमस) ने इसके लिए बारह कदमों का एक आध्यात्मिक उपाय खोजा। बारह कदमों का कार्यक्रम शराबियत से ग्र्रस्त व्यक्ति की सोच और व्यक्तित्व में संपूर्ण बदलाव लाता है और उसे एक दिन के हिसाब से शराब से दूर रहने में एवं एक उपयोगी जिंदगी जीने में मदद करता है ।
ए ए ने शराबियत के उपचार के लिए एक मंत्र बताया है। आई कान्ट वी केन अर्थात अकेला व्यक्ति शराब से छुटकारा पा नहीं सकता है लेकिन सब मिल कर ऐसा कर सकते हैं । ए ए के सदस्य नियमित रुप से आपस में मिलते है। इसमे वे वरिष्ठ शराबी भी होते है,जो लम्बे समय तक शराबियत से ग्र्रस्त रहने के बाद इससे दूर हो चुके है और वे शराबी भी होते से जो इससे दूर नहीं जा पा रहे हैं। एए की मीटींग्स में सभी सदस्य शराबियत के अपने अनुभव एक दूसरे से साझा करते है। शराब से दूर हो चुके सदस्य अन्य सदस्यों से अपना अनुभव,शक्ति और शराब से मुक्त होने की उम्मीद साझा करते है,जिससे शराब से दूर होने की कोशिश करने वाले नए सदस्य को काफी मदद मिलती है। लेकिन नशामुक्त होने की सबसे महत्वपूर्ण शर्त ये है कि वही व्यक्ति शराब से दूर हो पाता है, जिसके मन में शराब छोडने की इच्छा हो। बिना इच्छा वाले शराबी पर इसका कोई असर नहीं होता।
इस व्यवस्था से जुडने वाला शराबी, पूर्व शराबियों के अनुभव सुनता है तो उसका आत्मविश्वास भी जागृत होता है। ए ए की सबसे बडी खासियत यह है कि इसकी मदद से जो व्यक्ति शराब से सफलतापूर्वक दूरी बना चुका होता है,वह किसी दूसरे शराबी की शराब छुडाने की कोशिश करता है,लेकिन वास्तव में यह कोशिश करके वह खुद अपनी मदद करता है।
इन्दौर से आए एए के वरिष्ठ सदस्य के यहां आने पर ए ए से जुडे स्थानीय सदस्य भी उनके साथ थे। इन सभी सदस्यों ने इ खबरटुडे कार्यालय पर रतलाम में ए ए के सदस्यों द्वारा किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी। रतलाम में ए ए की शुरुआत सिर्फ तीन-चार सदस्यों से हुई थी,लेकिन आज करीब दो दर्जन लोग इससे जुडे हुए है और करीब एक दर्जन लोग शराब से दूर होकर एक अच्छा जीवन बिता रहे हैं । इन सदस्यों में से दो सदस्य शराब से 11 महिनों से दूर हैं । रतलाम में ए.ए. के प्रशांति समूह की स्थापना 8 सितंबर 2021 को हुई और इसकी सभाएं हर बुधवार और रविवार को रोटरी क्लब हॉल में आयोजित की जाती है । समूह के सदस्य 9425104500 इस हेल्पलाइन पर अन्य शराबियों की मदद के लिए हमेशा उपलब्ध रहते हैं ।
ए ए के सदस्यों ने बताया कि एल्कोहल एनानिमस की विस्तृत जानकारी इन्टरनेट पर एए की वेबसाइट www.aa.org से भी हासिल की जा सकती है।