रतलाम :परिजनों ने ऑपरेशन के दौरान डॉक्टर पर लापरवाही और इलाज के नाम पर रूपये ऐठने का लगाया आरोप
रतलाम ,17 फरवरी( इ खबर टुडे)। रतलाम जिले के निजी अस्पतालों में लंबे समय से लापरवाही के कई मामले सामने आ चुके है। बीते दिनों भी रतलाम जिले के जाने-माने अस्पताल में ऑपरेशन के बाद महिला के पेट में कपड़ा भूलने का मामला समाने आया था। उक्त मामले के 15 दिनों के भीतर ही दूसरा मामला समाने आ चूका है। दोनों घटनाक्रम को देखते हुए यही अंदाजा लगाया जा सकता है की शहर के बड़े डॉक्टर मोटी फीस लेने के बावजूद भी मरीजों की जान से खेलने से बाज नहीं आ रहे है।
मामले की जानकारी देते हुए खाचरौद निवासी राकेश पिता शशि जायसवाल ने बताया कि मेरा सुसराल रतलाम के धीरज शाह नगर में है। मेरी पत्नी रीना जायसवाल को प्रसव पीड़ा होने पर ससुर राजेंद्र जायसवाल ने उसे एक जनवरी को एमसीएच् में भर्ती कराया था। जहा दो दिनों तक भर्ती रखे जाने के बाद भी प्रसव नहीं हुआ और उसकी स्थित बिगड़ती देख परिजनों ने ड्यूटी पर मौजूद आशा कार्यकर्ता से बात की जिसने डॉक्टर सोफिया सिगार से रीना की डिलेवरी एक निजी अस्पताल में कराने की बात की।
अगले दिन अपनी बेटी की गंभीर स्थिति देखते हुए राजेंद्र जायसवाल तुंरत रीना को आशा कार्यकर्ता और डॉक्टर सोफिया के बताये अस्पताल में लेकर पहुंचे जहा पहुंचने एक घंटे के भीतर ही ऑपरेशन के माध्यम से डिलेवरी हुई। रीना ने दो जनवरी को बेटी जन्म दिया। इस दौरान डॉक्टर सोफिया द्वारा ही रीना की डिलेवरी और ऑपरेशन किया गया। जिसके बाद रीना की स्थिति समान्य होने पर डॉक्टर ने उसे डिचार्ज कर दिया।
लेकिन घर आने के कुछ दिन बाद ही रीना के पेट में दर्द शुरू हो गया। जिसके बाद रीना के परिजन उसे दोबारा डॉक्टर सोफिया के पास ले गये ,जहा डॉक्टर ने स्थिति को सामान्य बताते हुए ऑपरेशन किये गये हिस्से पर कपड़ा लगाकर टेप लगा दी। लेकिन रीना की स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ।परिजनों के अनुसार कपड़े का काफी हिस्सा पेट के अंदर था और कुछ हिस्सा बाहर था। जिसकी वजह से इंफेक्सन फैल गया।
जिसके बाद परिजन रीना को तुरंत शहर के दूसरे निजी अस्पताल में ले गया जहा डॉक्टर द्वारा उक्त मामला गंभीर बताये जाने पर इंदौर ले जाने को कहा। जिस पर परिजनों ने कहा की रीना की स्थिति इंदौर ले जाने जैसी नहीं ,उन्होंने डॉक्टर से निवेदन कर किया कि आप उसकी हालत सामान्य कर दे ताकि हम उसे इंदौर लेजा सके।
परिजनों के आग्रह पर डॉक्टर ने जब रीना का डॉ सोफिया द्वारा ऑपरेशन किया हिस्सा देखा तो वह दंग रह गए। इस दौरान परिजनों को अस्पताल के सूत्रों जानकारी मिली कि डॉ सोफिया ने कपड़ा लगाकर टेप लगाना बहुत बड़ी लापरवाही की । इस बीच डॉक्टर ने रीना के परिजनों को तुरंत बॉम्बे अस्पताल जाने की सलाह दी।
परिजन गंभीर स्थिति में रीना को बॉम्बे अस्पताल लेकर गये जहा डॉक्टरों ने समय रहते रीना का इलाज शुरू कर दिया।जिसके बाद रीना की स्थित सामान्य हुई। इस दौरान बॉम्बे अस्पताल के डॉक्टरों ने रीना के पति राकेश को बताया कि आपकी पत्नी का प्रसव करवाने में समय डॉक्टर की लापरवाही से आपकी पत्नी की जान भी जा सकती थी।
इस के बाद परिजन रतलाम पहुंचे और डॉक्टर सोफिया सिंगार के खिलाफ लापरवाही का आरोप लगाते हुए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रभाकर ननावरे ,एसपी ,कलेक्टर ,समेत ओधोगिक थाना प्रभारी को आवेदन सौपा।जिसमे डॉक्टर सोफिया पर सख्त कार्यवाही का आग्रह किया है। वही परिजनों ने आर्थिक नुकसान की भरपाई की मांग भी की है।
सरकारी अस्पताल में संशाधन की कमी के चलते निजी अस्पताल में की गई डिलेवरी
परिजनों ने बताया कि रीना की स्थिति गंभीर होने पर डॉक्टर सोफिया से बात की तो डॉक्टर ने उनसे कहना कि सरकारी अस्पताल में ऑपरेशन और डिलेवरी के लिए पर्याप्तः संशाधन नहीं है। इस लिए आपकी बेटी की डिलेवरी मेरे बताये अस्पताल में करवानी होगी। जिसके बाद परिजन अपनी बेटी को डॉक्टर के बताये अस्पताल में लेकर पहुंचे।
सरकारी अस्पताल में डयूटी देने वाले डॉक्टर को किसी भी निजी अस्पताल में इलाज के करने की अनुमति नहीं है उक्त मामले जब सिविल सृजन आनंद चंदेलकर से चर्चा की गई तो उनका कहना था कि उक्त मामले मेरे संज्ञान में नहीं है और नियम के अनुसार सरकारी अस्पताल में डयूटी देने वाले डॉक्टर को किसी भी निजी अस्पताल में इलाज या ऑपरेशन करने की अनुमति नहीं है। यदि कोई डॉक्टर ऐसा करते पाया जाता है तो उसके के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जा सकती है।