May 10, 2024

अवैध शराब से भरी जीप पकड कर छोडने की चर्चाएं जोरों पर,भारी लेन देन के बाद पुलिस ने छोडा तस्करों को

रतलाम,04 अप्रैल (इ खबरटुडे)। वित्तीय वर्ष के पहले दिन अवैध शराब से भरी जीप को पुलिस द्वारा पकडे जाने और फिर भारी लेन देन करके छोडे जाने की चर्चाएँ शहर में जोर पकड रही है। मीडीयाकर्मियों की पूछताछ में पुलिस ने मामला आबकारी विभाग को सौंपने का हवाला दे दिया,लेकिन पेच तब फंस गया,जब आबकारी विभाग ने इस बात का खण्डन कर दिया।

सूत्रों के हवाले से सामने आई खबर के मुताबिक सोमवार 1 अप्रैल की रात करीब साढे दस बजे लोकेन्द्र भवन रोड से अवैध शराब से लदी एक जीप क्र.एमपी 20-0569 तेजी से जा रही थी। इस जीप का पीछा यातायात पुलिस की एक जीप कर रही थी। कुछ ही देर में पुलिस की जीप ने अवैध शराब से भरी जीप को रोक लिया और जीप में सवार लोगों को पुलिस की गाडी में बैठा लिया गया। अवैध शराब से भरी जीप पुलिसकर्मियों ने अपने कब्जे में ले ली और वैधानिक कार्यवाही करने के नाम पर इस जीप को लेकर पुलिस बल वहां से रवाना हो गया। ये सारा वाकया कई लोगों ने देखा। इलाके के सीसीटीवी कैमरों में भी ये घटना रेकार्ड हुई।

कहानी इससे अगले दिन शुरु हुई,जब पुलिस द्वारा अवैध शराब पकडे जाने की कोई खबर सामने नहीं आई। मीडीयी से जुडे कुछ लोगों ने जब सम्बन्धित अधिकारी से इस बारे में पूछताछ की,तो उक्त अधिकारी का कहना था कि यातायात पुलिस को इस मामले में कार्यवाही करने का अधिकार नहीं है,इसलिए पूरा मामला आबकारी विभाग को सौंप दिया गया। लेकिन आबकारी विभाग के अधिकारियों ने इस बात का साफ तौर पर खण्डन कर दिया। आबकारी विभाग के अधिकारियों का कहना है कि पुलिस द्वारा ऐसा कोई मामला आबकारी विभाग के संज्ञान में नहीं लाया गया है।

यह जानकारी सामने आने के बाद यह साफ हो गया कि अवैध शराब से भरी जीप को पुलिस वालों ने लेन देन करने का बाद छोड दिया। उल्लेखनीय है कि 1 अप्रैल से शहर में शराब के नए ठेके प्रारंभ हुए है। शराब के पुराने ठेकेदारों का बचा हुआ माल ठिकाने लगाने के लिए जीप से ले जाए जाने की संभावना है। यही माल ट्रैफिक पुलिस के अधिकारी के हत्थे चढ गया और पुलिस की मौज हो गई।

एक ओर पुलिस अधीक्षक राहूल कुमार लोढा अवैध नशे के कारोबार के खिलाफ पूरे जिले में अभियान चला रहे है और दूसरी तरफ पुलिस के ही अधिकारी अवैध शराब के कारोबारियों से लेन देन करके उन्हे पकडने के बाद छोड देने को तैयार है। इस तरह की घटनाए पुलिस की छबि को बुरी तरह प्रभावित कर सकती है। ऐसे में जरुरी है कि पुलिस अधीक्षक पूरे मामले का संज्ञान लेकर जांच करवाए,ताकि पूरे मामले की वास्तविकता सामने आ सके।

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