November 23, 2024

श्री बडा रामद्वारा में धन्वन्तरि जयन्ती का आयोजन सम्पन्न,शाल श्रीफल से किया डा. केसी पाठक व डा. मनीष गुप्ता का अभिनन्दन

रतलाम,29 अक्टूबर (इ खबरटुडे)। रामस्नेही संप्रदाय के श्री बडा रामद्वारा में प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी धन्वन्तरि जयन्ती का कार्यक्रम पूर्व सिविल सर्जन वरिष्ठ चिकित्सक डा. केसी पाठक और डा. मनीष गुप्ता के विशेष आतिथ्य में आयोजित किया गया। धन्वन्तरि पूजन के साथ ही कार्यक्रम में उपस्थित चिकित्सकों का शाल श्रीफल से सम्मान किया गया।

प्रारंभ में कार्यक्रम में उपस्थित चिकित्सकों और रामद्वारे के महन्त पुष्पराज जी रामस्नेही ने रामद्वारे के आत्मकल्याण रामविलास ट्रस्ट द्वारा संचालित निशुल्क आयुर्वेदिक अस्पताल में भगवान धन्वन्तरि की विधि विधान से पूजा की। इसके पश्चात उपस्थित अतिथियों के साथ रामद्वारे में आरोग्य के देवता भगवान धन्वन्तरि की पूजा की गई।

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए पूर्व सिविल सर्जन वरिष्ठ चिकित्सक डा. केसी पाठक ने कहा कि बडा रामद्वारा में विगत अनेक वर्षों से धन्वन्तरि जयन्ती मनाई जा रही है। भगवान धन्वन्तरि सभी को आरोग्य प्रदान करें। कार्यक्रम में उपस्थित वरिष्ठ समाजसेवी गोविन्द काकानी ने इस मौके पर कहा कि हमें अपने देश को परम वैभव पर ले जाना है,लेकिन इसकी पहली सीढी अच्छा स्वास्थ्य है। कोई भी देश तब तक महान नहीं बन सकता जब तक कि उसके सारे नागरिक स्वस्थ ना हो। उन्होने कहा अच्छे स्वास्थ्य के स्वच्छता पहली शर्त है,इसलिए धन्वन्तरि जयन्ती पर हम सभी ये संकल्प लें कि हम अपने घर,मोहल्ला,शहर,प्रेदेश और देश को स्वच्छ्रखेंगे। उन्होने आव्हान किया कि हम अपनी दीपावली गरीबों के साथ खुशियां बांट कर मनाएं। मानव सेवा से बढकर कोई दूसरा धर्म नहीं है।

अतिथि उदबोधन के पश्चात रामद्वारे के महन्त पुष्पराज जी ने डा.केसी पाठक का पुष्पहार पहना कर स्वागत किया और शाल श्रीफल भेंट कर उनका अभिनन्दन किया। इसके पश्चात उन्होने डा. मनीष गुप्ता का शाल श्रीफल भेंट कर अभिनन्दन किया। कार्यक्रम में उपस्थित डा. सुशील शर्मा,डा. दिनेश राव,आयुर्वेदिक औषधालय के सहायकअरविन्द शर्मा और केएन जोशी का भी पुष्पहार पहना कर अभिनन्दन किया गया। कार्यक्रम का संचालन और आभार प्रदर्शन रामद्वारा ट्रस्ट के सचिव तुषार कोठारी ने किया। कार्यक्रम में पत्रकार जीतेन्द्र सोलंकी,राजेन्द्र सांकला,राजेन्द्र सिंह भाटी,वसुमति बहन समेत अनेक लोग उपस्थित थे।

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